पटनाः बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. राजवर्धन आजाद को बिहार विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया है. डॉ आजाद को उपेंद्र कुशवाहा के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई सीट के लिए मनोनीत किया गया. राजभवन ने डॉ. आजाद को विधान परिषद का बनाये जाने की अधिसूचना जारी कर दी है. डॉ राजवर्धन आजाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे हैं. देश जाने माने नेत्र चिकित्सक हैं.
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उपेंद्र कुशवाहा की जगह बनाए गये एमएलसीः डॉ राजवर्धन को राज्यपाल कोटे से बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया गया है. उपेंद्र कुशवाहा के इस्तीफा के बाद यह सीट रिक्त हुई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉक्टर राजवर्धन आजाद के नाम की अनुशंसा की थी. बता दें कि बिहार विधान परिषद में राज्य के राज्यपाल कोटे से 12 सदस्यों का मनोनयन का प्रावधान है, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से अनुसंशा की जाती है.
इस वजह से रिक्त हुई थी सीटः उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार से विवाद के बाद 20 फरवरी में जदयू से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद 24 फरवरी को विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. बता दें कि इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी का नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी में विलय कराया था. उसके बाद उपेंद्र कुशवाहा को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया था. उपेंद्र कुशवाहा, नीतीश कुमार द्वारा तेजस्वी यादव को भविष्य का मुख्यमंत्री बताये जाने के बाद से नाराज चल रहे थे.
कौन हैं डॉ आजादः राजवर्धन आजाद देश के जाने माने चिकित्सक हैं. वे पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के सुपुत्र हैं. उनके भाई कीर्ती आजाद भी राजनीति से जुड़े हैं. सांसद रह चुके हैं. बता दें कि डॉक्टर राजवर्धन आजाद साल 2014 में गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव के दौरान उम्मीदवार भी रह चुके हैं. डॉ आजाद को बीसी रॉय जैसा प्रतिष्ठित अवार्ड भी मिल चुका है.