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बोले राजस्थान के मंत्री- बिहार के छात्रों को हम भेजना चाहते हैं वापस, लेकिन बिहार सरकार नहीं कर रही पहल

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Published : May 9, 2020, 8:52 PM IST

कोटा जिले के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से शनिवार को ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोटा में फंसे बिहार के छात्रों को लेकर कहा कि बच्चे अपने घर जाना चाहते हैं. लेकिन बिहार सरकार उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं कर रही है. हम बार-बार बात कर रहे हैं लेकिन बिहार सरकार उन्हें लेना नहीं चाहती.

राजस्थान के मंत्री
राजस्थान के मंत्री

जयपुर/पटना: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद शनिवार को प्रदेश के सभी प्रभारी मंत्रियों ने प्रभारी जिलों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना हालातों की समीक्षा की. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास कोटा के प्रभारी मंत्री हैं. ऐसे में उन्होंने शनिवार सुबह 11 बजे कोटा डीएम, एसपी और अतिरिक्त जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की और जिले का फीडबैक लिया. कोरोना संकट के चलते अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में नहीं जा सके प्रभारी मंत्रियों ने शनिवार को तकरीबन दो माह बाद जिलों की सुध ली.

'अभी भी बिहार में फंसे है 5 हजार छात्र'
इस दौरान ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की और कोटा के हालात पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि कोटा में अभी 5 हजार बच्चे फंसे हुए हैं. लेकिन बिहार सरकार उन्हें लेना नहीं चाहती है. खाचरियावास ने कहा कि हम बिहार सरकार से बात कर रहे हैं. लेकिन उनकी ओर से कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि जब बिहार सरकार ने 15 हजार छात्रों को ले लिया है, तो 5 हजार और ले जाए. लेकिन उनकी ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'पैदल मजदूर नहीं जाए वापस'
वहीं, श्रमिकों के लिए उन्होंने कहा कि मजदूर कोटा में रूक गए हैं. उन्हें बता रहें है कि उनके लिए ट्रेन चलाई गई है, वो पैदल ना जाएं. जब उनका नंबर आएगा तो उन्हें भेजा जाएगा. वर्तमान में हमारी कोशिश है कि पैनिक कंडीशन को रोका जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि उद्योगों को भी शुरू किया जाए. जिसे लेकर वीसी की गई है.

'प्रवासी मजदूरों को बॉर्डर तक पहुंचाया जाएगा'
उन्होंने बताया कि हमारी सरकार प्रवासी मजदूरों को बॉर्डर तक पहुंचाने का काम कर रही है. लेकिन आगे दूसरे राज्य सरकार का जिम्मा है. वहीं, खाचरियावास ने कहा कि कोटा में मजदूरों का एक बड़ा तबका ऐसा है जो वहां के उद्योग के साथ जुड़ा है, इसको भी शुरू करना हमारी जिम्मेदारी है. इसको लेकर भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए है.

लॉकडाउन का होगा सख्ती से पालन
परिवहन मंत्री ने बताया कि वीसी के जरिए एसपी और कलेक्टर को कानून व्यवस्था और लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने को कहा गया है. इसके अलावा जरूरतमंद लोगों को राशन वितरण और लोगों को आने-जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए भी निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोटा बूंदी का प्रभार उनके पास है. इसमें अच्छी बात ये है कि बूंदी में अब तक एक भी केस नहीं है. कोटा में जो मामले सामने आ रहे है, उनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव हो गई है.

सीएम-डिप्टी सीएम को छोड़ 23 मंत्री करेंगे वीसी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के पास किसी भी जिले का प्रभार नहीं हैं. ऐसे में 23 मंत्री ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हालातों का जायजा लेंगे. 23 मंत्रियों में 13 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस कर अधिकारियों से संवाद कर रहे हैं. वहीं, प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संगठन का फीडबैक बैठकों के साथ ही अपने विभागों के अधिकारियों की भी बैठक ले चुके हैं.

जयपुर/पटना: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद शनिवार को प्रदेश के सभी प्रभारी मंत्रियों ने प्रभारी जिलों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना हालातों की समीक्षा की. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास कोटा के प्रभारी मंत्री हैं. ऐसे में उन्होंने शनिवार सुबह 11 बजे कोटा डीएम, एसपी और अतिरिक्त जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की और जिले का फीडबैक लिया. कोरोना संकट के चलते अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में नहीं जा सके प्रभारी मंत्रियों ने शनिवार को तकरीबन दो माह बाद जिलों की सुध ली.

'अभी भी बिहार में फंसे है 5 हजार छात्र'
इस दौरान ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की और कोटा के हालात पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि कोटा में अभी 5 हजार बच्चे फंसे हुए हैं. लेकिन बिहार सरकार उन्हें लेना नहीं चाहती है. खाचरियावास ने कहा कि हम बिहार सरकार से बात कर रहे हैं. लेकिन उनकी ओर से कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि जब बिहार सरकार ने 15 हजार छात्रों को ले लिया है, तो 5 हजार और ले जाए. लेकिन उनकी ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'पैदल मजदूर नहीं जाए वापस'
वहीं, श्रमिकों के लिए उन्होंने कहा कि मजदूर कोटा में रूक गए हैं. उन्हें बता रहें है कि उनके लिए ट्रेन चलाई गई है, वो पैदल ना जाएं. जब उनका नंबर आएगा तो उन्हें भेजा जाएगा. वर्तमान में हमारी कोशिश है कि पैनिक कंडीशन को रोका जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि उद्योगों को भी शुरू किया जाए. जिसे लेकर वीसी की गई है.

'प्रवासी मजदूरों को बॉर्डर तक पहुंचाया जाएगा'
उन्होंने बताया कि हमारी सरकार प्रवासी मजदूरों को बॉर्डर तक पहुंचाने का काम कर रही है. लेकिन आगे दूसरे राज्य सरकार का जिम्मा है. वहीं, खाचरियावास ने कहा कि कोटा में मजदूरों का एक बड़ा तबका ऐसा है जो वहां के उद्योग के साथ जुड़ा है, इसको भी शुरू करना हमारी जिम्मेदारी है. इसको लेकर भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए है.

लॉकडाउन का होगा सख्ती से पालन
परिवहन मंत्री ने बताया कि वीसी के जरिए एसपी और कलेक्टर को कानून व्यवस्था और लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने को कहा गया है. इसके अलावा जरूरतमंद लोगों को राशन वितरण और लोगों को आने-जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए भी निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोटा बूंदी का प्रभार उनके पास है. इसमें अच्छी बात ये है कि बूंदी में अब तक एक भी केस नहीं है. कोटा में जो मामले सामने आ रहे है, उनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव हो गई है.

सीएम-डिप्टी सीएम को छोड़ 23 मंत्री करेंगे वीसी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के पास किसी भी जिले का प्रभार नहीं हैं. ऐसे में 23 मंत्री ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हालातों का जायजा लेंगे. 23 मंत्रियों में 13 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस कर अधिकारियों से संवाद कर रहे हैं. वहीं, प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संगठन का फीडबैक बैठकों के साथ ही अपने विभागों के अधिकारियों की भी बैठक ले चुके हैं.

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