पटना: विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में प्रमुख दलों के बीच पोस्टर वार जारी है. जदयू ने लालू-राबड़ी के 15 साल के शासन बनाम नीतीश कुमार के 15 साल के शासन को लेकर हमला बोला है. आरजेडी ने जहां चर्चा की चुनौती दी है. तो वहीं इस चुनौती पर जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि पंचायत स्तर के कार्यकर्ता भी आरजेडी के किसी नेता को जवाब देने के लिए सक्षम हैं. अब ये आरजेडी को तय करना है कि चर्चा कब करनी है.
15 साल के शासन की तुलना
बिहार विधानसभा का चुनाव इसी साल होना है. ऐसे में चुनावी सरगर्मी धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. चुनाव में अभी 9 महीने का समय है, लेकिन जदयू और आरजेडी के बीच पोस्टर से एक-दूसरे पर हमला शुरू हो चुका है. जदयू की तरफ से पिछले साल के अंत में एक पोस्टर लगाया गया था. जिसमें 15 साल लालू-राबड़ी बनाम नीतीश कुमार के 15 साल के माध्यम से हमला किया गया था. वहीं, एक पोस्टर साल के शुरू में जदयू की तरफ से लगाया गया है. इसमें भी 15 साल के लालू-राबड़ी के शासन से नीतीश कुमार के शासन की तुलना की गई है.
लोगों के लिए चर्चा का विषय
पोस्टर में लालू-राबड़ी दिख रहे हैं और पीछे खून के धब्बे, आग और अपराध को दर्शाया गया है तो वहीं पोस्टर की दूसरी तरफ हाथ जोड़े मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खड़े हैं और पीछे बिहार में हुए सड़क निर्माण तथा अन्य भवनों की तस्वीरों के साथ विकास को दिखाया गया है. वहीं, जेडीयू ने पोस्टर के माध्यम से आरजेडी से हिसाब की मांग करते हुए 'हिसाब दो-हिसाब लो' लिखा है. पटना के इनकम टैक्स गोलंबर के पास लगे इन पोस्टरों में हालांकि किसी संगठन, पार्टी और व्यक्ति का नाम नहीं है, लेकिन आने-जाने वाले लोगों के लिए ये चर्चा का विषय बन गया है.
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चर्चा कराने की चुनौती
इसी को लेकर आरजेडी ने पोस्टर से जवाब भी दिया है. आरजेडी ने नीतीश कुमार के 15 साल के शासन पर चर्चा कराने की चुनौती दी है. तो वहीं इस पर जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता भी आरजेडी के किसी नेता को जवाब देने के लिए सक्षम हैं. अब राजद को तय करना है कि कब चर्चा में भाग लेना है. हालांकि जदयू की तरफ से आधिकारिक रूप से पोस्टर लगाने की जिम्मेवारी नहीं ली गई है. ऐसे में एक तरफ पोस्टरबाजी, तो दूसरी तरफ जेडीयू और आरजेडी नेताओं के बयानबाजी से बिहार में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है.