नई दिल्ली/पटना : भारतीय रेल ने कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण की रोकथाम के लिए व्यापक उपाए किए हैं. रेल तथा वाणिज्य उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रेल बोर्ड को भारतीय रेल प्रणाली में इस बीमारी की पर्याप्त रोकथाम के उपाए सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
रेल बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने तैयारियों की समीक्षा तथा प्राथमिकताओं और निर्देश के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 5 और 6 मार्च, 2020 को सभी महाप्रबंधकों के साथ बैठक की. आवश्यक प्रबंध करने के लिए क्षेत्रीय रेल, मंडलों तथा इकाइयों के प्रमुख के साथ बैठक कर रहे हैं. रेलवे बोर्ड, जोन तथा मंडल स्तर पर स्थिति की निगरानी की जा रही है और समन्वय किया जा रहा है. पूरी रेल प्रणाली में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं और रेल कर्मचारियों को इस बारे में संवेदी और शिक्षित बनाया गया है. संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग और तालमेल सुनिश्चित किया जा रहा है.
भारतीय रेल ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:-
- रेलवे स्टेशनों तथा रेलगाड़ियों में जन-साधारण की जागरूकता के लिए स्थानीय भाषाओं में सूचना शिक्षा और संचार सामग्री (पोस्टर तथा पर्ची) प्रमुखता से लगाए गए हैं और अस्पताल जाने वाले रोगियों तथा रेलवे आवासीय परिसरों में यह सामग्रियां वितरीत की जा रही है. जागरूकता फैलाने के लिए रेलवे स्टेशनों पर ऑडियो और वीडियो क्लिप चलाए जा रहे हैं. स्टेशनों पर सार्वजनिक घोषणाएं की जा रही हैं.
- रेलवे अस्पतालों में बुखार ग्रस्त व्यक्तियों को अन्य रोगियों से अलग रखा जा रहा है. बुखार वाले मामलों के लिए अलग से वार्ड स्थापित किए गए हैं. ऐसे क्षेत्रों में चिकित्साकर्मियों को सुरक्षात्मक उपायों के साथ तैनात किया गया है.
- रेलवे के अस्पतालों में 1100 अलग बिस्तर लगाए गए हैं ताकि कोरोना वायरस के संदिग्ध लोगों का इलाज किया जा सके. पूरे देश में रेलवे ने विभिन्न स्थानों पर क्वाटैन्टाइन करने के लिए 12483 बिस्तर चिन्हित किए गए हैं.
- चिकित्साकर्मियों को किसी भी रेलवे अस्पताल जोन/पीयू की स्वास्थ्य इकाई में कोरोना वायरस बीमारी के संदिग्ध व्यक्तियों की सूचना रेलवे बोर्ड तथा स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करने की सलाह दी गई है.
- जोन/पीयू के सभी चिकित्सा प्रभारियों को इस बारे में जारी दिशा-निर्देशों/नवीनतम स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित राज्य के अधिकारियों से निरंतर सम्पर्क में रहने तथा ऐसे अधिकारियों द्वारा सुझाव गए उपाए करने की सलाह दी गई है.
- सभी रेलवे अस्पतालों में नियंत्रण कक्ष और टेलीफोन हेल्पलाइन स्थापित की गई हैं.