नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कांग्रेस की अहम बैठक हुई. इस बैठक में राहुल गांधी समेत बिहार कांग्रेस प्रभारी व सांसद शक्ति सिंह गोहिल, सह प्रभारी अजय कपूर, सह प्रभारी विरेंद्र राठौड़ और कुछ प्रमुख नेता भी शामिल रहे.
बिहार कांग्रेस की ये बैठक तकरीबन दो घंटे तक चली. सूत्रों के अनुसार इस बैठक में मांग उठी है कि कम से कम महागठबंधन में कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बैठक में यह साफ कहा गया है कि कांग्रेस तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम कैंडिडेट नहीं मान रही है. वहीं, इस बात पर चर्चा हुई है कि को-आर्डिनेशन कमिटी बने और उस पर सर्वसम्मति से सीएम कैंडिडेट व सीट शेयरिंग पर निर्णय हो. कांग्रेस नेताओं ने आपस में बातचीत कि है कि पूरी कोशिश करेगी कि महागठबंधन में चुनाव से पहले बिखराव ना हो.
'बिहार को नया प्रदेश अध्यक्ष'
सूत्रों के अनुसार इस बात पर भी मंथन हुआ है कि अगर को-ऑर्डिनेशन कमेटी में तेजस्वी के नाम पर सहमति नहीं बन पाई, तो दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस अपने किसी नेता का नाम सीएम कैंडिडेट के लिये आगे करेगी. सूत्रों के अनुसार बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई है कि राज्य को अब नया प्रदेश अध्यक्ष मिले. पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह का नाम नए अध्यक्ष के तौर पर सबसे आगे चल रहा है, तारिक अनवर भी रेस में हैं.
गठबंधन की जरूरत न पड़े- राहुल गांधी
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने निर्देश दिया है कि 15 साल में जिन मुद्दों पर नीतीश कुमार नाकाम रहे हैं, उसको जोर शोर से जनता के बीच जाकर उठाइए. उन्होंने यह भी कहा है कि आने वाले समय में कांग्रेस बिहार में खुद को इतना मजबूत करे, ताकि किसी से गठबंधन की जरूरत न पड़े.