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रघुवंश की चिट्ठी पर RJD में रार, बिना नाम लिए जगदानंद पर उठाए सवाल

रघुवंश ने पत्र के जरिए न केवल संगठन की कमजोरियों को उजागर किया है. बल्कि जगदानंद और तेजस्वी पर भी निशाना साधा है. साथ ही उन्होंने अपने दर्द को भी बयां किया है. क्योंकि हालिया दिनों में वे उपाध्यक्ष होने के बावजूद बाद भी पार्टी में अलग-थलग पड़ गए हैं.

Raghuvansh Prasad
रघुवंश प्रसाद
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Published : Jan 12, 2020, 10:32 AM IST

Updated : Jan 12, 2020, 11:23 AM IST

पटना: आरजेडी उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखा है. जिसमें संगठन की खामियों को उजागर किया है. साथ ही कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने चिंता जताई है कि जिस तरह से काम हो रहा है, वैसे में कैसे इस साल विधानसभा का चुनाव जीत पाएंगे.


लालू के दो करीबी में कलह!
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के दो खासमखासों में 'जंग' छिड़ गई है. एक तरफ हैं प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह तो दूसरी तरफ हैं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह. दोनों लालू के पुराने मित्र भी हैं. लेकिन हाल के दिनों में जगदानंद सिंह तेजस्वी यादव के भरोसेमंद बन गए हैं. वहीं, दूसरी तरफ रघुवंश खुद को पार्टी में अलग-थलग महसूस कर रहे हैं. ऐसे में रघुवंश ने लालू को चिट्ठी लिखी है, जिसमें संगठन की कमजोरियों समेत कई अहम बातें लिखी गई हैं.

Raghuvansh Singh
लालू यादव के साथ रघुवंश प्रसाद सिंह (फाइल)


जगदानंद के बहाने तेजस्वी पर निशाना
रघुवंश प्रसाद सिंह की इस चिट्ठी में जिन बातों का जिक्र किया गया है, उसमें साफ तौर पर प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए गए हैं. इतना ही नहीं इस पत्र के माध्यम से तेजस्वी यादव को भी आइना दिखाने की कोशिश की गई है.


पत्र में क्या लिखा है रघुवंश ने?
9 जनवरी को आरजेडी उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद ने लालू यादव को जो चिट्ठी लिखा है, उसमें बूथ स्तर तक संगठन का स्वरूप खड़ा कर आंदोलन करने की सलाह दी गई है. उन्होंने जो कुछ अहम सवाल उठाए हैं, वो इस प्रकार हैं.

  • क्या अब तक कमेटी नहीं बननी चाहिए थी?
  • क्या संगठन बिना संघर्ष और संघर्ष बिना संगठन मजबूत किया जा सकता है?
  • सबसे बड़ा जनाधार और सबसे बड़ी फौज वाली पार्टी का संगठन बहुत जल्द बनाकर क्या हमें चुनाव की तैयारी में नहीं लग जाना चाहिए?
    Raghuvansh Singh
    लालू के नाम रघुवंश के लिखे पत्र की कॉपी


लालू से हस्तक्षेप की अपील
अपने पत्र के जरिए रघुवंश ने कहा है कि हम विरोधियों के हमले का ठीक से जवाब नहीं दे पा रहे हैं. यहां तक कि पार्टी में कोई नियमित ब्रीफिंग भी नहीं होती. साथ ही रघुवंश उन्होंने लिखा है कि इन दिनों पार्टी में किसी भी मुद्दे पर रायशुमारी नहीं होती. रघुवंश ने लालू प्रसाद को हस्तक्षेप करने की अपील की है.


जगदानंद सिंह से रघुवंश की तल्खी
रघुवंश प्रसाद सिंह और जगदानंद सिंह लालू के काफी पुराने साथी रहे हैं. लालू लगातार दोनों के बीच सामंजस्य बिठाकर चलते रहे हैं. इसके बावजूद उन दोनों में एक तरह से तनातनी रही है. मगर जब से रामचंद्र पूर्वे की जगह जगदानंद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, तब से इन दोनों की 'कटुता' और बढ़ गई.

Raghuvansh Singh
रघुवंश प्रसाद सिंह, जगदानंद सिंह और तेजस्वी यादव (फाइल)


रघुवंश ने पहले भी उठाए थे सवाल
जगदानंद सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने के कुछ ही दिनों के बाद रघुवंश प्रसाद ने उन पर वार करना शुरू कर दिया था. रघुवंश ने उनकी कार्यशैली को लेकर सवाल उठाए थे. हालांकि तब ये मामला ज्यादा तूल नहीं पकड़ा था, लेकिन इस बार लालू के लिखे पत्र के बाद आरजेडी में मुमकिन है कि नया बखेड़ा शुरू हो सकता है.


तेजस्वी से जुदा है रघुवंश की राय
हाल के दिनों में रघुवंश प्रसाद के कई बयान ये बताते हैं कि वे मौजूदा 'नेतृत्व' से खुश नहीं हैं. ये बात और है कि अध्यक्ष लालू यादव हैं, लेकिन सच ये भी है कि लालू के जेल में रहने के कारण पार्टी में चलती तेजस्वी की है. सवर्ण आरक्षण पर तो तेजस्वी के रुख पर रघुवंश पहले ही असहमति जता चुके हैं. नीतीश कुमार के महागठबंधन में वापसी के सवाल पर भी उनकी सोच तेजस्वी से उलट है. तेजस्वी जहां साफ कर चुके हैं कि नीतीश किसी भी सूरत में मंजूर नहीं, वहीं रघुवंश जब-तब कहते रहते हैं कि बीजेपी को हराने के लिए नीतीश भी स्वीकार होगा.

पटना: आरजेडी उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखा है. जिसमें संगठन की खामियों को उजागर किया है. साथ ही कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने चिंता जताई है कि जिस तरह से काम हो रहा है, वैसे में कैसे इस साल विधानसभा का चुनाव जीत पाएंगे.


लालू के दो करीबी में कलह!
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के दो खासमखासों में 'जंग' छिड़ गई है. एक तरफ हैं प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह तो दूसरी तरफ हैं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह. दोनों लालू के पुराने मित्र भी हैं. लेकिन हाल के दिनों में जगदानंद सिंह तेजस्वी यादव के भरोसेमंद बन गए हैं. वहीं, दूसरी तरफ रघुवंश खुद को पार्टी में अलग-थलग महसूस कर रहे हैं. ऐसे में रघुवंश ने लालू को चिट्ठी लिखी है, जिसमें संगठन की कमजोरियों समेत कई अहम बातें लिखी गई हैं.

Raghuvansh Singh
लालू यादव के साथ रघुवंश प्रसाद सिंह (फाइल)


जगदानंद के बहाने तेजस्वी पर निशाना
रघुवंश प्रसाद सिंह की इस चिट्ठी में जिन बातों का जिक्र किया गया है, उसमें साफ तौर पर प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए गए हैं. इतना ही नहीं इस पत्र के माध्यम से तेजस्वी यादव को भी आइना दिखाने की कोशिश की गई है.


पत्र में क्या लिखा है रघुवंश ने?
9 जनवरी को आरजेडी उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद ने लालू यादव को जो चिट्ठी लिखा है, उसमें बूथ स्तर तक संगठन का स्वरूप खड़ा कर आंदोलन करने की सलाह दी गई है. उन्होंने जो कुछ अहम सवाल उठाए हैं, वो इस प्रकार हैं.

  • क्या अब तक कमेटी नहीं बननी चाहिए थी?
  • क्या संगठन बिना संघर्ष और संघर्ष बिना संगठन मजबूत किया जा सकता है?
  • सबसे बड़ा जनाधार और सबसे बड़ी फौज वाली पार्टी का संगठन बहुत जल्द बनाकर क्या हमें चुनाव की तैयारी में नहीं लग जाना चाहिए?
    Raghuvansh Singh
    लालू के नाम रघुवंश के लिखे पत्र की कॉपी


लालू से हस्तक्षेप की अपील
अपने पत्र के जरिए रघुवंश ने कहा है कि हम विरोधियों के हमले का ठीक से जवाब नहीं दे पा रहे हैं. यहां तक कि पार्टी में कोई नियमित ब्रीफिंग भी नहीं होती. साथ ही रघुवंश उन्होंने लिखा है कि इन दिनों पार्टी में किसी भी मुद्दे पर रायशुमारी नहीं होती. रघुवंश ने लालू प्रसाद को हस्तक्षेप करने की अपील की है.


जगदानंद सिंह से रघुवंश की तल्खी
रघुवंश प्रसाद सिंह और जगदानंद सिंह लालू के काफी पुराने साथी रहे हैं. लालू लगातार दोनों के बीच सामंजस्य बिठाकर चलते रहे हैं. इसके बावजूद उन दोनों में एक तरह से तनातनी रही है. मगर जब से रामचंद्र पूर्वे की जगह जगदानंद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, तब से इन दोनों की 'कटुता' और बढ़ गई.

Raghuvansh Singh
रघुवंश प्रसाद सिंह, जगदानंद सिंह और तेजस्वी यादव (फाइल)


रघुवंश ने पहले भी उठाए थे सवाल
जगदानंद सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने के कुछ ही दिनों के बाद रघुवंश प्रसाद ने उन पर वार करना शुरू कर दिया था. रघुवंश ने उनकी कार्यशैली को लेकर सवाल उठाए थे. हालांकि तब ये मामला ज्यादा तूल नहीं पकड़ा था, लेकिन इस बार लालू के लिखे पत्र के बाद आरजेडी में मुमकिन है कि नया बखेड़ा शुरू हो सकता है.


तेजस्वी से जुदा है रघुवंश की राय
हाल के दिनों में रघुवंश प्रसाद के कई बयान ये बताते हैं कि वे मौजूदा 'नेतृत्व' से खुश नहीं हैं. ये बात और है कि अध्यक्ष लालू यादव हैं, लेकिन सच ये भी है कि लालू के जेल में रहने के कारण पार्टी में चलती तेजस्वी की है. सवर्ण आरक्षण पर तो तेजस्वी के रुख पर रघुवंश पहले ही असहमति जता चुके हैं. नीतीश कुमार के महागठबंधन में वापसी के सवाल पर भी उनकी सोच तेजस्वी से उलट है. तेजस्वी जहां साफ कर चुके हैं कि नीतीश किसी भी सूरत में मंजूर नहीं, वहीं रघुवंश जब-तब कहते रहते हैं कि बीजेपी को हराने के लिए नीतीश भी स्वीकार होगा.

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Last Updated : Jan 12, 2020, 11:23 AM IST
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