पटनाः पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की स्थिति बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली एम्स में वेंटिलेटर पर रखा गया है. कोरोना वायरस संक्रमण के बाद की कुछ दिक्कतों को लेकर दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) में हाल ही में भर्ती हुए सिंह ने बृहस्पतिवार को आरजेडी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. लालू ने उनका इस्तीफा नामंजूर करते हुए कहा था वह जल्द स्वस्थ हों, फिर बैठकर बात करेंगे.
सिंह के विश्वासपात्र केदार यादव ने शनिवार को फोन पर पीटीआई-भाषा से कहा, 'उनकी (रघुवंश) हालत कल रात काफी बिगड़ गई. रात 11 बजकर 56 मिनट पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया. हम उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं.'
रघुवंश प्रसाद सिंह, पूर्व सांसद रामा सिंह को राजद में शामिल किए जाने की चर्चा से कथित तौर पर नाखुश हैं और उन्होंने 23 जून को तब राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था जब वह कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण पटना एम्स में भर्ती थे.
2014 में हार गए थे चुनाव
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में रामा सिंह ने रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा के उम्मीदवार के तौर पर रघुवंश प्रसाद सिंह को वैशाली लोकसभा सीट पर हराया था.
दिल्ली एम्स में भर्ती सिंह द्वारा गत बृहस्पतिवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद को लिखा गया एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था.
लालू को हाथ से लिखे पत्र में सिंह ने कहा था, 'मैं जननायक कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु के बाद 32 वर्षों तक आपके पीछे खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं.'
उन्होंने पत्र में लिखा, 'पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और आमजन ने बड़ा स्नेह दिया. मुझे क्षमा करें.'
लालू ने लिखा पत्र
सिंह के इस पत्र के जवाब में राजद ने चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे लालू का पत्र जारी किया जिसमें कहा गया था, 'प्रिय रघुवंश बाबू, आपके द्वारा कथित तौर पर लिखी एक चिट्ठी मीडिया में चलाई जा रही है. मुझे तो विश्वास ही नहीं होता. अभी मेरे, मेरे परिवार और मेरे साथ मिलकर सिंचित राजद परिवार आपको शीघ्र स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता है. चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक मामलों में मिल-बैठकर ही विचार किया है. आप जल्द स्वस्थ हों, फिर बैठकर बात करेंगे. आप कहीं नहीं जा रहे हैं. समझ लीजिए.'
बिहार में सत्ताधारी राजग में शामिल जदयू, भाजपा और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने सिंह के राजद छोड़ने के फैसले का स्वागत किया था. इधर जदयू ने कहा था कि अगर वह उनकी पार्टी में शामिल होने का फैसला करते हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा. राजद से इस्तीफा देने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह ने 10 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था जिसमें मनरेगा में संशोधन सहित कई सुझाव दिए गए थे.