पटना: बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) हैं. जिनके ऊपर पूरे विपक्ष की बड़ी जिम्मेदारी है. तेजस्वी यादव महागठबंधन (Mahagathbandhan) के तमाम दलों का प्रतिनिधित्व करते हैं. महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भी हैं. लेकिन, उन पर लग रहे कुछ आरोप उनकी भविष्य की राजनीति में बाधा बन रहे हैं.
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एनडीए (NDA) नेता हमेशा ही आरोप लगाते रहे हैं कि हर मुसीबत के वक्त तेजस्वी यादव बिहार से गायब रहते हैं. एक बार फिर ऐसा ही मौका देखने को मिला जब तामझाम के साथ महंगाई (Inflation) के विरोध के लिए बुलाया गया राजद का प्रदर्शन हवा हवाई साबित हुआ. नेता प्रतिपक्ष झंडी दिखाकर रफूचक्कर हो गए. बाद में पता चला कि वे दिल्ली रवाना हो चुके हैं.
तेजस्वी यादव आए, पार्टी के प्रदर्शनकारियों की भीड़ को झंडी दिखाई और तुरंत रवाना हो गए, जैसे बस खानापूर्ति करनी हो. महंगाई के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता गाय-बैल लेकर खड़े थे. दावा यह था कि केंद्र सरकार (Central Government) पर बड़ा हमला बोलेंगे.
पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की बढ़ती कीमतें और रसोई गैस की कीमतों को लेकर बड़ी संख्या में पार्टी की महिलाएं भी जुटी थीं, लेकिन तेजस्वी यादव कुछ देर के लिए आए हरी झंडी दिखाई और रवाना हो गए. थोड़ी देर बाद वह दिल्ली के लिए भी रवाना हो गए. यानी एक बार फिर पार्टी के बड़े कार्यक्रम में तेजस्वी यादव शरीक नहीं हुए.
''तेजस्वी यादव कई मौकों पर अपनी पार्टी के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. एक दिन पहले भी फुलवारी शरीफ आने की बात कह कर वह नहीं आए और आज एक बार फिर सिर्फ खानापूर्ति के लिए भी नजर आए, इस तरह राजनीति नहीं चलती. तेजस्वी पूरी तरह से राहुल गांधी की राह पर चल रहे हैं. ऐसे में परिवार की विरासत पर राजनीति ज्यादा दिन खींचती है.''- निखिल आनंद, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी
इधर, महंगाई के विरोध में प्रदर्शन करने वाले महिला राजद के सदस्यों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी पर बढ़ती महंगाई को लेकर जबरदस्त हमला बोला. राजद की प्रदेश महिला अध्यक्ष डॉ. उर्मिला ठाकुर ने कहा कि ''जो एनडीए नेता खुद भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं, वह किस मुंह से हमारे नेता पर हमला बोल रहे हैं. हमारे नेता प्रदर्शन में शामिल थे, इसलिए वे तेजस्वी यादव पर कुछ भी बोलने से पहले एक बार सोच लें.''
राजद नेता चाहे जो कहें, लेकिन ऐसा कई मौकों पर हुआ है जब खुद आंदोलन को बुलाकर तेजस्वी यादव नदारद रहे हैं. 18 और 19 जुलाई को बढ़ती महंगाई के विरोध में बड़ा आंदोलन करने की घोषणा खुद तेजस्वी यादव ने की थी. लेकिन, दोनों मौके पर वे खुद गायब रहे. आज भी वे सिर्फ खानापूर्ति करने पहुंचे थे.
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बता दें कि इसके पहले विधानसभा के पूरे बजट सत्र, चमकी बुखार, कोरोना महामारी और बाढ़ के वक्त भी तेजस्वी यादव पर बिहार से गायब रहने का आरोप लग चुका है. यही वजह है कि कमोबेश पटना में यह आंदोलन पूरी तरह फेल साबित हुआ. हालांकि, पार्टी का दावा है कि राज्य के अन्य जगहों पर बड़ी संख्या में राजद नेताओं ने बढ़ती महंगाई के विरोध में प्रदर्शन किया.