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'न्यायपालिका में हो रहा है भ्रष्टाचार, खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं जज'

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Published : Aug 31, 2019, 9:07 AM IST

देश में न्यायपालिका की स्थिति इतनी खराब कभी नहीं हुई थी. 2 साल पहले कई जजों ने कहा कि उन्हें फैसले लेने के लिये कई तरह के दबाब बनाये जा रहे हैं. उसके बाद जस्टिस राकेश का बयान काफी महत्वपूर्ण है. इसका मतलब यही है कि न्यायपालिका खतरे में है. वहां काफी भ्रष्टाचार है.

न्यायपालिका के सिस्टम पर सवाल

पटना: बिहार हाईकोर्ट के जस्टिस राकेश कुमार के बयान के बाद न्यायपालिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जानकार अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. समाजशास्त्री प्रेम कुमार मणि का कहना है कि जस्टिस राकेश कुमार का पूरा मामला जानने के बाद यही लगता है कि न्यायपालिका में काफी गड़बड़ी है. राकेश कुमार का फैसला भी इसी बात को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में न्यायपालिक और पार्लियामेंट को सोचने की जरूरत है. क्या कारण है कि आज जज भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

patna
प्रेम कुमार मणि, समाजशास्त्री

'खतरे में न्यायपालिका'
मणि ने कहा कि इससे पहले देश में न्यायपालिका की स्थिति इतनी खराब कभी नहीं हुई थी. 2 साल पहले कई जजों ने कहा कि उन्हें फैसले लेने के लिये कई तरह के दबाव बनाये जा रहे हैं. उसके बाद जस्टिस राकेश का बयान काफी महत्वपूर्ण है. इसका मतलब यही है कि न्यायपालिका खतरे में है. वहां काफी भ्रष्टाचार है. मणि ने कहा कि देश की जनता के लिए न्यायपालिका का दुरुस्त रहना सबसे ज्यादा जरूरी है. जब इस तरह के आरोप लगने लगे हैं, तो न्यायपालिका और विधायिका को मिलकर कोई ठोस कदम उठाना चाहिए.

बयान देते समाजशास्त्री और कांग्रेस नेता

कांग्रेस ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
वहीं, कांग्रेस का कहना है कि उनके राज में कभी किसी जज ने सिस्टम पर सीधा आरोप नहीं लगाया. लेकिन भाजपा की सरकार में लगातार जजों द्वारा असुरक्षित बताना और सिस्टम पर आरोप लगाना भयावह स्थिति को दर्शा रही है. कांग्रेस नेता डॉ. अशोक राम ने कहा कि कांग्रेस के काल में विपक्ष को छोड़कर कभी भी न्यायपालिका के किसी भी अंग ने सरकार द्वारा गलत करने का आरोप नहीं लगाया था. ये बहुत थी दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज न्यायपालिका पर उंगली उठाई जा रही है.

पटना: बिहार हाईकोर्ट के जस्टिस राकेश कुमार के बयान के बाद न्यायपालिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जानकार अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. समाजशास्त्री प्रेम कुमार मणि का कहना है कि जस्टिस राकेश कुमार का पूरा मामला जानने के बाद यही लगता है कि न्यायपालिका में काफी गड़बड़ी है. राकेश कुमार का फैसला भी इसी बात को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में न्यायपालिक और पार्लियामेंट को सोचने की जरूरत है. क्या कारण है कि आज जज भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

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प्रेम कुमार मणि, समाजशास्त्री

'खतरे में न्यायपालिका'
मणि ने कहा कि इससे पहले देश में न्यायपालिका की स्थिति इतनी खराब कभी नहीं हुई थी. 2 साल पहले कई जजों ने कहा कि उन्हें फैसले लेने के लिये कई तरह के दबाव बनाये जा रहे हैं. उसके बाद जस्टिस राकेश का बयान काफी महत्वपूर्ण है. इसका मतलब यही है कि न्यायपालिका खतरे में है. वहां काफी भ्रष्टाचार है. मणि ने कहा कि देश की जनता के लिए न्यायपालिका का दुरुस्त रहना सबसे ज्यादा जरूरी है. जब इस तरह के आरोप लगने लगे हैं, तो न्यायपालिका और विधायिका को मिलकर कोई ठोस कदम उठाना चाहिए.

बयान देते समाजशास्त्री और कांग्रेस नेता

कांग्रेस ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
वहीं, कांग्रेस का कहना है कि उनके राज में कभी किसी जज ने सिस्टम पर सीधा आरोप नहीं लगाया. लेकिन भाजपा की सरकार में लगातार जजों द्वारा असुरक्षित बताना और सिस्टम पर आरोप लगाना भयावह स्थिति को दर्शा रही है. कांग्रेस नेता डॉ. अशोक राम ने कहा कि कांग्रेस के काल में विपक्ष को छोड़कर कभी भी न्यायपालिका के किसी भी अंग ने सरकार द्वारा गलत करने का आरोप नहीं लगाया था. ये बहुत थी दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज न्यायपालिका पर उंगली उठाई जा रही है.

Intro:बिहार हाई कोर्ट के जस्टिस राकेश के बयान के बाद न्यायपालिका सिस्टम पर लगातार हमला हो रहा है। जस्टिस राकेश द्वारा दिए गए फैसले को रद्द करना उन्हें नागवार गुजरा था।
इस मामले पर जानकार अपनी राय देते हुए कह रहे हैं, कि देश के न्यायपालिका सिस्टम खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है। जिसके कारण अब जज भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।


Body:समाजशास्त्री प्रेमकुमार मणि का मानना है, कि इससे पहले देश में न्यायपालिका की स्थिति इतनी खराब कभी नहीं हुई थी। जिस तरह से 2 साल पहले कई जजों ने कहा कि उन्हें फैसले लेने के कई तरह के दबाब दिये जा रहे हैं। उसके बाद जस्टिस राकेश का बयान काफी महत्वपूर्ण है।
मणि कहते हैं कि न्यायपालिका सिस्टम में जजों का भरोसा खोना काफी खतरनाक है। देश की जनता के लिए न्यायपालिका का दुरुस्त रहना सबसे ज्यादा जरूरी है। वे कहते हैं कि जब इस तरह के आरोप लगने लगे हैं, तो न्यायपालिका और विधायिका को मिलकर कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।


Conclusion:वहीं कांग्रेस का कहना है कि उनके राज-काज में कभी भी कोई जज ने सिस्टम पर सीधा आरोप नहीं लगाया। लेकिन भाजपा के सरकार में लगातार जजों द्वारा असुरक्षित बताना और सिस्टम पर आरोप लगाना भयावह स्थिति को दर्शा रही है। कांग्रेस नेता डॉ अशोक राम कहते हैं, कि कांग्रेस के काल में विपक्ष को छोड़कर कभी भी न्यायपालिका के किसी भी अंग ने सरकार द्वारा गलत करने का आरोप नहीं लगाया था। लेकिन जिस तरह से मोदी के काल में जजों के द्वारा दबाव और असुरक्षा की बातें सामने आ रही है । उससे साफ है कि सरकार न्यायपालिका प्रक्रिया पर हमला कर रही है।
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