पटना : बिहार का शिक्षा विभाग एक बार फिर से सुर्खियों में है. इस बार शिक्षा विभाग पर इस्लाम के प्रचार प्रसार के साथ-साथ शिक्षा का इस्लामीकरण करने का आरोप लगा है. दरअसल बिहार के सरकारी स्कूलों में संस्कृत विषय में इस्लाम धर्म से संबंधित कई सवाल पूछे गए हैं. इसके बाद प्रश्न पत्र सामने आने पर भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने बिहार सरकार पर शिक्षा का इस्लामीकरण करने का आरोप लगाया है.
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'बिहार में संस्कृत का इस्लामीकरण' : संस्कृत के पुस्तकों में भी जकात, महम्मदीया और ईदगाह शब्द के प्रयोग पर गिरिराज सिंह ने आपत्ति दर्ज कराई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा है कि ''बिहार में संस्कृत का भी इस्लामीकरण हो गया है. बिहार के सरकारी स्कूलों में संस्कृत की परीक्षा में इस्लाम धर्म से सवाल पूछे गए हैं. एक प्रश्न पत्र में ऐसे 10 सवाल पूछे गए हैं.'' उनके इस पोस्ट पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही है. कई लोग बिहार सरकार को धेरते नजर आ रहे हैं.
संस्कृत की परीक्षा में इस्लाम धर्म से प्रश्न : दरअसल, बिहार में 26 अक्टूबर को नौवीं कक्षा में संस्कृत विषय की परीक्षा आयोजित की गई. इसमें दो अंकों के 10 लघु उत्तरी प्रश्न में पांच प्रश्न इस्लाम धर्म से संबंधित पूछे गए. इसके बाद से ही इसको लेकर बवाल खड़ा हो गया है. इतना ही नहीं पांच अंकों के पांच दीर्घ उत्तरीय प्रश्न में दो प्रश्न इस्लाम धर्म से जुड़े हुए पूछे गए.
लघु उत्तरीय प्रश्नों में इस्लाम धर्म से जुड़े प्रश्न निम्न हैं : इफ्तार क्या होता है? रोजा किस समय खोला जाता है, क्या देखकर खोला जाता है? फितरा किसे कहते हैं? ईद में क्या-क्या पकवान बनता है? ईद कैसा पर्व है?
वहीं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न जो पूछे गए हैं वह निम्न हैं : ईद में क्या-क्या होता है? ईद पर्व क्या संदेश देता है?