पटना: हाईकोर्ट ने एक बार फिर बिहार सरकार को तलब किया है. कोर्ट ने सरकार से थाने को कम्प्यूटरीकृत करने को लेकर जानकारी मांगी है. ओम प्रकाश कुमार की जनहित याचिका पर जस्टिस एस पांडेय की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि थानों में जो केस डायरी लिखी जाती है उसे पढना मुश्किल होता है. हाथों की लिखावट के कारण कोर्ट में न्यायिक व्यवस्था में भी कठिनाई होती हैं. कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि सरकार के पास पैसे और विशेषज्ञ दोनों की ही कमी है. इस मामले पर अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद की जाएगी.
मुख्य सचिव पहले भी कर चुके हैं बैठक
मुख्य सचिव के कार्यालय कक्ष में हुई बैठक में थानों के रिकॉर्ड को कम्प्यूटराइज्ड कैसे किया जाए इसको लेकर पहले भी चर्चा हो चुकी है. उनका कहना था कि हर थाने को कम्प्यूटर सेट के साथ ऑपरेटर भी उपलब्ध कराए जाएंगे. इससे रिकॉर्ड को कम्प्यूटराइज्ड करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा बैठक में हर थाने में विधि-व्यवस्था और अनुसंधान के काम को अलग करने को लेकर भी बातचीत हुई थी.
कम्प्यूटरीकृत करने को लेकर कई जिले में काम जारी
भोजपुर जिला में आगामी पांच अक्टूबर तक सभी थाने कम्प्यूटराइज हो जाएंगे. आने वाले दिनों में सभी थानों को कम्प्यूटर समेत अन्य संसाधनों से लैस कर दिया जाएगा. इसकी जानकारी भोजपुर एसपी सुशील कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि भोजपुर समेत पूरे प्रदेश में एफआईआर, डायरी से लेकर चार्जशीट तक सभी कानूनी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी. इधर, इसे लेकर पुलिस कार्यालय में क्राइम एंड क्रिमनल ट्रैकिंग सिस्टम (सीसीटीएनएस) के तहत पुलिस अफसरों को प्रशिक्षण दिया गया. सुबह दस बजे से लेकर दोपहर बारह बजे तक प्रशिक्षण दिया गया. पटना से आए टीसीएस के नोडल पदाधिकारी प्रशांत चौरसिया ने एफआईआर, डायरी से लेकर चार्जशीट को ऑनलाइन किए जाने के बारे में जानकारी दी. कम्प्यूटरीकृत प्रकिया को लेकर पूरे बिहार में काम जारी है. जल्द ही थानों को कम्प्यूटर सिस्टम से लैस कर दिया जाएगा.