पटना: बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों की एकजुटता की मुहिम चला रहे हैं और उन्हीं के पहल पर यह बैठक हो रही है. 17 से 18 दल के नेता इस बैठक में शामिल होंगे. इस बैठक का असर जदयू कार्यालय पर भी दिख रहा है. आम दिनों में पार्टी कार्यालय में काफी चहल-पहल रहती है. जनसुनवाई का कार्यक्रम भी लगता ह, लेकिन आज जनसुनवाई का कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया गया है.
पार्टी कार्यालय में बरती जा रही सावधानीः पार्टी कार्यालय में गाड़ियों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है और पार्टी के आम कार्यकर्ताओं के आने पर भी एक तरह से रोक है. इस संबंध में जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा का कहना है कि पार्टी कार्यालय में लोगों के प्रवेश पर रोक नहीं है, लेकिन समय-समय पर पार्टी के नियम में बदलाव किया जाता है उसी की तहत कुछ बदलाव किया गया है. वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी द्वारा दिये गए बयान पर कि विपक्षी दल चाय पीने आ रहे हैं, इस पर जदयू प्रवक्ता ने कहा कि सुशील मोदी और क्या कहेंगे.
बैठक में सभी मुद्दों पर होगी चर्चा: वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से पत्र जारी कर बैठक में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर सबसे पहले चर्चा किए जाने की मांग पर अभिषेक झा ने कहा कि इसमें हर्ज क्या है. विपक्षी दल के नेता बैठेंगे तो सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे. आपको बता दें कि 23 जून को होने वाली बैठक को लेकर जगह-जगह पोस्टर भी दिखने लगे हैं. कांग्रेस और आप पार्टी की ओर से भी कई जगह पोस्टर लगाए गए हैं, वहीं नेताओं के ठहरने से लेकर मीटिंग तक के इंतजाम को अंतिम रूप दिया जा रहा है. विपक्षी दलों की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर होगी और बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग भी किया जाएगा.
"पार्टी कार्यालय में लोगों के प्रवेश पर रोक नहीं है, लेकिन समय-समय पर पार्टी के नियम में बदलाव किया जाता है उसी की तहत कुछ बदलाव किया गया है. बैठक की तैयारी चल रही है. बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा होगी. सबकी बातें सुनी जाएंगी एक बड़ा बदलाव होगा. बीजेपी के नेता इसे लेकर घबराए हुए हैं, अगर ये लोग गीता को मानते हैं, तो गीता पर हाथ रख कर कहें कि उनके अंदर बेचैनी नहीं है"- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता