पटनाः बिहार में जातीय सर्वे रिपोर्ट का विवाद थम नहीं रहा है. बुधवार को पटना राजद कार्यालय के बाहर चंद्रवंशी महासभा की ओर से प्रदर्शन किया गया. चंद्रवंशी समाज के लोगों की मांग है कि बिहार में जो जातीय सर्वे रिपोर्ट में हमारे समाज का आंकड़ा गलत है. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि वर्ष 1991 में उनके समाज की संख्या 5 प्रतिशत थी. इस बार घटाकर कम कर दिया गया है.
पटना में चंद्रवंशी महासभा का प्रदर्शनः इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अधिकारी पर ठीक से गणना नहीं करने का आरोप लगाया है. डाटा प्रकाशन में भी लापरवाही का आरो लगाया. महासभा के सदस्यों ने मांग की है कि फिर से उनके समाज की गणना कराई जाए. नालंदा से आए प्रशांत कुमार ने बिहार सर्वे रिपोर्ट की डाटा को पूरे तरीके से गलत करार दिया है.
"इस बार जाति गणना का डाटा जारी किया गया है, वह पूरी तरह से गलत है. हमारे समाज को बहुत कम दिखाया गया है. निश्चित तौर पर हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि चंद्रवंशी समाज की गणना फिर से करवायी जाए. प्रत्येक वार्ड में कितने चंद्रवंशी समाज के लोग हैं, इनका डाटा उपलब्ध करवाया जाए. सरकार ऐसा नहीं करती है तो पूरे बिहार में प्रदर्शन करेंगे." -प्रशांत कुमार, चंद्रवंशी समाज के सदस्य
'सरकार ने की अनियमितता': प्रदर्शन में शामिल चंद्रवंशी समाज के सचिव जेपी चंद्रवंशी ने उन लोगों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जान बूझकर उनकी समाज की संख्या कम की गई है. उन्होंने दावा किया कि अगर सही से गणना करायी जाए तो उनकी जनसंख्या करीब 5 प्रतिशत है, लेकिन सरकार की ओर से इसमें अनियमितता बरती गई है.
"सरकार हम लोगों के साथ अन्याय कर रही है. बिहार में हम लोग 5% से कम नहीं हैं, फिर भी हमारी संख्या को कम क्यों दिखाया गया है? फिर से गणना कराने की मांग की जा रही है. चंद्रवंशी समाज की जो वास्तविक संख्या का पता लगाया जाए. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो निश्चित तौर पर पूरे बिहार में प्रदर्शन होगा." -जेपी चंद्रवंशी, सचिव, चंद्रवंशी महासभा
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