पटना: बिहार चिकित्सा जन स्वास्थ्य कर्मचारी के बैनर तले एक बार फिर से अनुमंडल के सभी प्रखंड के आशा कार्यकर्ता दो दिवसीय धरना पर बैठ गई हैं. इसके साथ ही लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. आंदोलनकारियों की माने तो 2005 में आशा कार्यकर्ता की बहाली हुई थी. तब से लेकर आज तक सरकारी सेवक घोषित करने संबंधित 12 सूत्री मांग को लेकर लगातार सरकार से मांग की जा रही है.
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स्वास्थ्य मंत्री ने दिया था आश्वासन
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने सभी आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया था. लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक 18 हजार मानदेय नहीं बढ़ा है. जिसे लेकर गुस्सा एक बार फिर से चरम पर है.
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उग्र आंदोलन करने की चेतावनी
मसौढ़ी प्राथमिक केंद्र, धनरूआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और पुनपुन में सभी आशा कार्यकर्ता धरना पर बैठ गई है. जिससे सभी कामकाज ठप हो चुका है. वहीं सरकार को चेतावनी दी गई है कि यदि जल्द मांगे पूरी नहीं होती है तो इससे भी उग्र आंदोलन किया जाएगा.