ETV Bharat / state

सम्राट अशोक पर अमर्यादित टिप्पणीः लेखक दया प्रकाश का पुतला दहन कर जताया विरोध

सम्राट अशोक पर टिप्पणी को लेकर महात्मा फुले समता परिषद ने पटना में दया प्रकाश सिन्हा का पुतला दहन किया. साथ ही लेखक से पद्मश्री पुरस्कार वापस (Demand to take back Padma Shri from Daya Prakash Sinha) लेने की मांग की. पढ़ें पूरी खबर...

दया प्रकाश का पुतला दहन किया पुतला दहन
दया प्रकाश का पुतला दहन किया पुतला दहन
author img

By

Published : Jan 13, 2022, 5:07 PM IST

पटनाः इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस के उपाध्यक्ष और भाजपा के कल्चरल सेल संयोजक दया प्रकाश सिन्हा के द्वारा सम्राट अशोक पर की गई अमर्यादित टिप्पणी (Contravercial remarks on Ashoka) का मामला तूल पकड़ लिया है. दया प्रकाश के द्वारा अशोक की तुलना औरंगजेब से करने के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इसी कड़ी में पटना के इनकम टैक्स चौराहे पर फुले समता परिषद ने दया प्रकाश सिन्हा का पुतला दहन किया (Mahatma Phule Samta Parishad protested in Patna) और उनसे पद्मश्री वापस लेने की मांग की.

इसे भी पढ़ें- सम्राट अशोक को लेकर दिए बयान पर भड़के जदयू कार्यकर्ता, जमुई में दया प्रकाश सिन्हा का फूंका पुतला

महात्मा फुले समता परिषद के सदस्य संतोष जायसवाल ने कहा कि दया प्रकाश सिन्हा ने सम्राट अशोक की तुलना बर्बर अत्याचारी शासक औरंगजेब से करके पाटलिपुत्र की धरती का अपमान किया है. उन्होंने जल्द से जल्द लेखक से पद्मश्री वापस लेने और उनपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि दया प्रकाश पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं सुनती है तो आगे बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

सम्राट अशोक पर अमर्यादित टिप्पणी के खिलाफ पटना में विरोध प्रदर्शन

बता दें कि इसे लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से लेकर जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने भी इसकी निंदा की है. ललन सिंह भी लेखक से पद्मश्री वापस लेने की मांग कर चुके हैं. बता दें कि दया प्रकाश सिन्हा ने एक नाटक लिखा है, जिसमें उन्होंने सम्राट अशोक के बारे में ऐसी बातें लिखी हैं, जिसका लोग विरोध कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- सम्राट अशोक को लेकर उलझी जेडीयू-बीजेपी, बोले नीरज कुमार- केंद्र सरकार दया सिन्हा से वापस ले अवार्ड

उन्होंने जिक्र करते हुए लिखा है कि अब तक इतिहास में सम्राट अशोक के उजले पक्ष को ही उजागर किया गया है, जबकि वह एक क्रूर शासक था. दया प्रकाश ने श्रीलंका के कुछ प्रमुख बौद्ध धर्म ग्रंथों दीपवंश, महावंश, अशोकावदान और तिब्बती लेखक तारानाथ के ग्रंथ का जिक्र करते हुए कहा कि इसे पढ़ने के बाद यह ज्ञात होता है कि वह बहुत ही बदसूरत था. ग्रंथ कहते हैं कि अशोक कामशोक और चंडाशोक था. चंडाशोक का मतलब बहुत क्रूर होता है.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटनाः इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस के उपाध्यक्ष और भाजपा के कल्चरल सेल संयोजक दया प्रकाश सिन्हा के द्वारा सम्राट अशोक पर की गई अमर्यादित टिप्पणी (Contravercial remarks on Ashoka) का मामला तूल पकड़ लिया है. दया प्रकाश के द्वारा अशोक की तुलना औरंगजेब से करने के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इसी कड़ी में पटना के इनकम टैक्स चौराहे पर फुले समता परिषद ने दया प्रकाश सिन्हा का पुतला दहन किया (Mahatma Phule Samta Parishad protested in Patna) और उनसे पद्मश्री वापस लेने की मांग की.

इसे भी पढ़ें- सम्राट अशोक को लेकर दिए बयान पर भड़के जदयू कार्यकर्ता, जमुई में दया प्रकाश सिन्हा का फूंका पुतला

महात्मा फुले समता परिषद के सदस्य संतोष जायसवाल ने कहा कि दया प्रकाश सिन्हा ने सम्राट अशोक की तुलना बर्बर अत्याचारी शासक औरंगजेब से करके पाटलिपुत्र की धरती का अपमान किया है. उन्होंने जल्द से जल्द लेखक से पद्मश्री वापस लेने और उनपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि दया प्रकाश पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं सुनती है तो आगे बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

सम्राट अशोक पर अमर्यादित टिप्पणी के खिलाफ पटना में विरोध प्रदर्शन

बता दें कि इसे लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से लेकर जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने भी इसकी निंदा की है. ललन सिंह भी लेखक से पद्मश्री वापस लेने की मांग कर चुके हैं. बता दें कि दया प्रकाश सिन्हा ने एक नाटक लिखा है, जिसमें उन्होंने सम्राट अशोक के बारे में ऐसी बातें लिखी हैं, जिसका लोग विरोध कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- सम्राट अशोक को लेकर उलझी जेडीयू-बीजेपी, बोले नीरज कुमार- केंद्र सरकार दया सिन्हा से वापस ले अवार्ड

उन्होंने जिक्र करते हुए लिखा है कि अब तक इतिहास में सम्राट अशोक के उजले पक्ष को ही उजागर किया गया है, जबकि वह एक क्रूर शासक था. दया प्रकाश ने श्रीलंका के कुछ प्रमुख बौद्ध धर्म ग्रंथों दीपवंश, महावंश, अशोकावदान और तिब्बती लेखक तारानाथ के ग्रंथ का जिक्र करते हुए कहा कि इसे पढ़ने के बाद यह ज्ञात होता है कि वह बहुत ही बदसूरत था. ग्रंथ कहते हैं कि अशोक कामशोक और चंडाशोक था. चंडाशोक का मतलब बहुत क्रूर होता है.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.