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World TB Day: IGIMS में टीबी जांच से लेकर इलाज तक मुफ्त, 'बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी'

विश्व टीबी दिवस आईजीआईएमएस केओपीडी में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आईजीआईएमएस के डायरेक्टर डॉ बिंदे कुमार ने बताया कि टीबी की बीमारी के प्रति लोगों की जागरूकता बहुत जरूरी है.

आईजीआईएमएस केओपीडी में जागरूकता कार्यक्रम
आईजीआईएमएस केओपीडी में जागरूकता कार्यक्रम
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Published : Mar 24, 2023, 10:42 PM IST

आईजीआईएमएस केओपीडी में जागरूकता कार्यक्रम

पटना: राजधानी पटना में शुक्रवार को विश्व टीबी दिवस आईजीआईएमएस केओपीडी में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आईजीआईएमएस के निदेशक डॉ बिंदे कुमार ने बताया कि रक्त परीक्षण के माध्यम से भी टीबी की बीमारी का पता चल जाता है. उन्होंने कहा कि 3 हफ्ते से अधिक दिन तक खांसी रहती है.बदन दर्द बुखार बना रहता है तो जरूरी है कि अपना जांच करवा लें.

ये भी पढ़ें : Motihari News: 2025 तक यक्ष्मा को खत्म करने का लिया संकल्प, चिकित्सकों ने टीबी के मरीजों को लिया गोद

टीबी जांच से लेकर इलाज तक निशुल्क है: जागरूकता कार्यक्रम के दौरान अस्पताल के निदेशक डॉ बिंदे कुमार, उपनिदेशक सह चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल समेत कई चिकित्सक मौजूद रहे. चिकित्सकों ने ओपीडी में अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मियों और ओपीडी में आए मरीज और उनके परिजनों को टीबी की बीमारी के बारे में जागरूक किया. अस्पताल में इस बीमारी का जांच से लेकर इलाज तक निशुल्क है.

लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है: आईजीआईएमएस के डायरेक्टर डॉ बिंदे कुमार ने बताया कि टीबी की बीमारी के प्रति लोगों की जागरूकता बहुत जरूरी है. भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक देश से टीबी की बीमारी को खत्म किया जाए. 3 हफ्ते से अधिक दिन तक खांसी रहती है और बदन दर्द बुखार बना रहता है तो जरूरी है कि अपना जांच करवा लें. आईजीआईएमएस में जांच से लेकर इलाज तक की व्यवस्था निशुल्क है.

"रक्त परीक्षण के माध्यम से भी टीबी यानि तपेदिक की बीमारी का पता चल जाता है. टीबी का इलाज पूरी तरह से मुमकिन है और इसके लिए सरकारी अस्पतालों और डॉट्स सेंटर्स में निशुल्क इलाज की व्यवस्था उपलब्ध है. जब तक कि मरीज ठीक नहीं हो जाता है. इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वह चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें."- डॉ मनीष मंडल, डिप्टी डायरेक्टर सह अधीक्षक, आईजीआईएमएस

आईजीआईएमएस केओपीडी में जागरूकता कार्यक्रम

पटना: राजधानी पटना में शुक्रवार को विश्व टीबी दिवस आईजीआईएमएस केओपीडी में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आईजीआईएमएस के निदेशक डॉ बिंदे कुमार ने बताया कि रक्त परीक्षण के माध्यम से भी टीबी की बीमारी का पता चल जाता है. उन्होंने कहा कि 3 हफ्ते से अधिक दिन तक खांसी रहती है.बदन दर्द बुखार बना रहता है तो जरूरी है कि अपना जांच करवा लें.

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टीबी जांच से लेकर इलाज तक निशुल्क है: जागरूकता कार्यक्रम के दौरान अस्पताल के निदेशक डॉ बिंदे कुमार, उपनिदेशक सह चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल समेत कई चिकित्सक मौजूद रहे. चिकित्सकों ने ओपीडी में अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मियों और ओपीडी में आए मरीज और उनके परिजनों को टीबी की बीमारी के बारे में जागरूक किया. अस्पताल में इस बीमारी का जांच से लेकर इलाज तक निशुल्क है.

लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है: आईजीआईएमएस के डायरेक्टर डॉ बिंदे कुमार ने बताया कि टीबी की बीमारी के प्रति लोगों की जागरूकता बहुत जरूरी है. भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक देश से टीबी की बीमारी को खत्म किया जाए. 3 हफ्ते से अधिक दिन तक खांसी रहती है और बदन दर्द बुखार बना रहता है तो जरूरी है कि अपना जांच करवा लें. आईजीआईएमएस में जांच से लेकर इलाज तक की व्यवस्था निशुल्क है.

"रक्त परीक्षण के माध्यम से भी टीबी यानि तपेदिक की बीमारी का पता चल जाता है. टीबी का इलाज पूरी तरह से मुमकिन है और इसके लिए सरकारी अस्पतालों और डॉट्स सेंटर्स में निशुल्क इलाज की व्यवस्था उपलब्ध है. जब तक कि मरीज ठीक नहीं हो जाता है. इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वह चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें."- डॉ मनीष मंडल, डिप्टी डायरेक्टर सह अधीक्षक, आईजीआईएमएस

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