पटना : बिहार में एक से बढ़कर एक प्रतिभाएं हुई हैं. इनमें से एक बड़ा नाम गणितज्ञ प्रोफेसर केसी सिन्हा का भी है. जिनकी पहचान सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि देश विदेश में भी गणितज्ञ के तौर पर हो चुकी है. प्रोफेसर केसी सिन्हा ने गणितज्ञ के तौर पर पूरे देश दुनिया में अपना नाम स्थापित किया है. फिलहाल वह पटना विश्वविद्यालय के पटना साइंस कॉलेज के प्राचार्य के रूप में कार्यरत हैं. केसी सिन्हा सुपर थर्टी फिल्म के चर्चीत गणितज्ञ आनंद कुमार के गुरु भी रहें हैं. प्रोफेसर केसी सिन्हा से ईटीवी भारत के संवाददाता ने खास बातचीत की.
साइंस कॉलेज में प्राचार्य के रूप में कार्यरत हैं केसी सिन्हा
प्रोफेसर केसी सिन्हा इन दिनों पटना विश्वविद्यालय के साइंस कॉलेज में प्राचार्य के रूप में कार्यरत हैं. पीयू से अवकाश प्राप्त करने के बाद उनकी योजना गरीब छात्रों को निशुल्क शिक्षा देने की है. हालांकि उन्होंने इसकी शुरुआत भी कर दी है. केसी सिन्हा एक ट्रस्ट के माध्यम से 18 छात्र को पढ़ा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त होने के बाद छात्रों की संख्या में इजाफा कर लूंगा.
घर में हमेशा से अनुशासन और पढ़ाई का माहौल था
प्रोफेसर केसी सिन्हा अपने बारे में बताते हैं कि मैं भाई बहनों में पांचवें नंबर पर था. मेरा जन्म एक साधारण परिवार में हुआ. पुश्तैनी गांव बिहार के भभुआ जिले के चैनपुर के बिउर गांव में था. इनके इलाके में 95% मुस्लिम आबादी थी. उनकी क्लास 3 तक की पढ़ाई गांव के ही एक हाफिज साहब से हुई. उनके पिताजी स्वर्गीय रेवती रमण प्रसाद एक साधारण अधिवक्ता थे. आरा जिले में प्रैक्टिस करते थे. उन्होंने बताया कि दादा जी के स्वर्गवास के बाद पिताजी पर सबकी जिम्मेदारी आ गई. इसके बाद हम सभी आरा में शिफ्ट हो गए. उस वक्त इतना बड़ा परिवार चलाना काफी मुश्किल होता था. इसके बावजूद घर में अनुशासन और पढ़ाई का माहौल हमेशा रहा.
टॉपर बनने पर नेशनल मेरिट स्कॉलरशिप के तहत मिले थे ₹60
1968 में मैट्रिक के परीक्षा में वह स्कूल टॉपर रहे. इसके बाद पटना विश्वविद्यालय के साइंस कॉलेज में प्री यूनिवर्सिटी में दाखिला हुआ. उन्होंने बताया कि उस वक्त साइंस कॉलेज में दाखिला लेना एक सपने का साकार होने जैसा था. टॉपर बनने पर नेशनल मेरिट स्कॉलरशिप के तहत ₹60 मिले थे. उन्होंने कहा कि सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला हो गया था. लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से इंजीनियरिंग कॉलेज में वह नहीं जा सके. जिसके बाद साइंस कॉलेज में 1970 में डिग्री वन में दाखिला लिया. इसके बाद केसी सिन्हा ने पीएचडी में रजिस्ट्रेशन करा लिया और17 जनवरी 1977 को विश्वविद्यालय के एचडी जैन कॉलेज आरा में बतौर व्याख्याता ज्वाइन कर लिया. यहां पर 10 लोगों की सूची में उनका पहला स्थान था. इसके बाद 28 जनवरी 1983 को पटना विश्वविद्यालय में सिलेक्शन कमिटी के माध्यम से उनका चयन हो गया. वे कहते हैं कि उसके बाद से मैं पटना विश्वविद्यालय का होकर रह गया हूं.
अब तक 65 से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं केसी सिन्हा
प्रोफेसर केसी सिंहा ने बताया कि शुरुआती समय में पढ़ने और पढ़ाने का शौक रहा है. उनका एक सपना था कि वो गणित में ऐसी किताब लिखें, जिससे छात्र-छात्राओं को काफी मदद मिले. गणित को बच्चे आसानी से समझ सकें. जिसके बाद उन्होंने 1982 में कॉर्डिनेट ज्योमैट्री पर कई पुस्तकें लिखी. वह बताते हैं कि उन्होंने अब तक कुल 65 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं, और उनकी पुस्तक कक्षा वन से इंटर क्लास तक की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में ग्रेजुएशन और पीजी के छात्रों के लिए भी पुस्तकें लिख रहा हूं. जो जल्द ही मार्केट में आ जाएगी. बैंक और एसएससी की प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए भी पुस्तकें लिख चुका हूं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गणित में बच्चों की रुचि और गणित जैसे कठिन विषय को आसान करने के लिए कैलकुलेशन और अलजेब्रा में कई ट्रिक भी वह लिखे चुके हैं.