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लॉकडाउन बढ़ाने की बजाय दूसरे विकल्पों पर गौर करे सरकार- प्रो. डीएम दिवाकर

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Published : May 25, 2020, 7:34 PM IST

सामाजिक आर्थिक विश्लेषक प्रो. डीएम दिवाकर ने कहा कि जब सरकार द्वारा आर्थिक गतिविधियां, ट्रेन हवाई सेवा और प्रमुख बाजारें भी खोल दी गई तब लॉकडाउन का क्या मतलब रह गया है. लोग कहीं भी आ रहे हैं और संक्रमण बढ़ रहा है.

पटना
पटना

पटना: देश में लॉकडाउन का चौथा चरण जारी है. 31 मई को लॉकडाउन फोर खत्म हो रहा है. वहीं, देश के कई हिस्सों में संक्रमण भी तेजी से फैलता जा रहा है. ऐसे में सरकार के सामने लॉकडाउन जारी रखने या हटाने को लेकर बड़ी चुनौती बनी हुई है. लोगों के मन में प्रमुख सवाल है कि लॉकडाउन 4.0 के बाद आगे क्या होगा. इसी खास मुद्दे पर हमारे ईटीवी भारत संवाददाता ने सामाजिक आर्थिक विश्लेषक डीएम दिवाकर से बात की.

'सरकार को घोषित करना चाहिए हेल्थ इमरजेंसी'
सामाजिक आर्थिक विश्लेषक प्रो. डीएम दिवाकर ने कहा कि जब सरकार द्वारा आर्थिक गतिविधियां, ट्रेन हवाई सेवा और प्रमुख बाजारें भी खोल दी गई, तब लॉकडाउन का क्या मतलब रह गया है. लोग कहीं भी आ रहे हैं और संक्रमण बढ़ रहा है. ऐसे में अब न्यू नॉर्मल सिचुएशन क्रिएट करते हुए लोगों में जागरुकता फैलाई जाए कि अब आने वाले समय में लोग 1 मीटर की दूरी बनाकर रहना और काम करना सीखें. इस बीच सरकार को हेल्थ इमरजेंसी घोषित करते हुए सभी अस्पतालों को अपने नियंत्रण में ले लेना चाहिए.

पटना
लॉकडाउन में पटना

'हमें इसके साथ ही जीना होगा'
दिवाकर ने कहा कि लॉकडाउन अब इस समस्या का समाधान नहीं है, क्योंकि डब्ल्यूएचओ भी मानता है कि यह कोरोना अब अगले कुछ सालों तक हमारे बीच रहेगा. ऐसे में हमें इसी के साथ जीना सीखना होगा. सरकार को भी इसी दिशा में कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लोग कोरोना के साथ जीना सीख लें और अपनी आदतों में सुधार करते हुए अपने जीवन को नॉर्मल बनाने की कोशिश करें.

पटना
लॉकडाउन के दौरान पटना के एक रोड का दृश्य

श्रमशक्ति के भंडार का सही करें उपयोग
वहीं, प्रवासी मजदूरों के वापस लौटने की बात पर प्रोफेसर दिवाकर ने कहा कि बिहार के पास यह बेहतरीन मौका है कि श्रमशक्ति के इस भंडार का सही उपयोग करें और बिहार के विकास की नई गाथा लिख डाले.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लॉकडाउन की स्थिति
पहले लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए देशवासियों से 21 दिनों का योगदान मांगा था. इसके बाद 14 अप्रैल के बाद एक बार फिर 19 दिनों के लिए सरकार ने लॉकडाउन 2.0 को लागू की. वहीं, तीसरा लॉकडाउन 4 मई से 17 मई और फिर इसी क्रम में 4.0 लॉकडाउन 18 मई से 31 मई तक के लिए लागू है.

देखें पूरी रिपोर्ट

बिहार में प्रतिदिन 100 से ज्यादा मामले
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान मई महीने में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था सरकार ने शुरू की. जिसके बाद संक्रमण काफी तेजी से बढ़ा. जिसके बाद हालात यह है कि कुछ राज्यों में संक्रमण बेहद तेजी से पांव पसार रहा है. साथ ही बिहार में भी रोजाना 100 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.

देश में लागू लॉकडाउन पर एक नजर:

क्रम संख्याशुरूखत्मदिन
लॉकडाउन 1st 25 मार्च 14 अप्रैल 21 दिन
लॉकडाउन 2.015 अप्रैल03 मई 19 दिन
लॉकडाउन 3.0 04 मई17 मई 14 दिन
लॉकडाउन 4.0 18 मई31 मई14 दिन

पटना: देश में लॉकडाउन का चौथा चरण जारी है. 31 मई को लॉकडाउन फोर खत्म हो रहा है. वहीं, देश के कई हिस्सों में संक्रमण भी तेजी से फैलता जा रहा है. ऐसे में सरकार के सामने लॉकडाउन जारी रखने या हटाने को लेकर बड़ी चुनौती बनी हुई है. लोगों के मन में प्रमुख सवाल है कि लॉकडाउन 4.0 के बाद आगे क्या होगा. इसी खास मुद्दे पर हमारे ईटीवी भारत संवाददाता ने सामाजिक आर्थिक विश्लेषक डीएम दिवाकर से बात की.

'सरकार को घोषित करना चाहिए हेल्थ इमरजेंसी'
सामाजिक आर्थिक विश्लेषक प्रो. डीएम दिवाकर ने कहा कि जब सरकार द्वारा आर्थिक गतिविधियां, ट्रेन हवाई सेवा और प्रमुख बाजारें भी खोल दी गई, तब लॉकडाउन का क्या मतलब रह गया है. लोग कहीं भी आ रहे हैं और संक्रमण बढ़ रहा है. ऐसे में अब न्यू नॉर्मल सिचुएशन क्रिएट करते हुए लोगों में जागरुकता फैलाई जाए कि अब आने वाले समय में लोग 1 मीटर की दूरी बनाकर रहना और काम करना सीखें. इस बीच सरकार को हेल्थ इमरजेंसी घोषित करते हुए सभी अस्पतालों को अपने नियंत्रण में ले लेना चाहिए.

पटना
लॉकडाउन में पटना

'हमें इसके साथ ही जीना होगा'
दिवाकर ने कहा कि लॉकडाउन अब इस समस्या का समाधान नहीं है, क्योंकि डब्ल्यूएचओ भी मानता है कि यह कोरोना अब अगले कुछ सालों तक हमारे बीच रहेगा. ऐसे में हमें इसी के साथ जीना सीखना होगा. सरकार को भी इसी दिशा में कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लोग कोरोना के साथ जीना सीख लें और अपनी आदतों में सुधार करते हुए अपने जीवन को नॉर्मल बनाने की कोशिश करें.

पटना
लॉकडाउन के दौरान पटना के एक रोड का दृश्य

श्रमशक्ति के भंडार का सही करें उपयोग
वहीं, प्रवासी मजदूरों के वापस लौटने की बात पर प्रोफेसर दिवाकर ने कहा कि बिहार के पास यह बेहतरीन मौका है कि श्रमशक्ति के इस भंडार का सही उपयोग करें और बिहार के विकास की नई गाथा लिख डाले.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लॉकडाउन की स्थिति
पहले लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए देशवासियों से 21 दिनों का योगदान मांगा था. इसके बाद 14 अप्रैल के बाद एक बार फिर 19 दिनों के लिए सरकार ने लॉकडाउन 2.0 को लागू की. वहीं, तीसरा लॉकडाउन 4 मई से 17 मई और फिर इसी क्रम में 4.0 लॉकडाउन 18 मई से 31 मई तक के लिए लागू है.

देखें पूरी रिपोर्ट

बिहार में प्रतिदिन 100 से ज्यादा मामले
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान मई महीने में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था सरकार ने शुरू की. जिसके बाद संक्रमण काफी तेजी से बढ़ा. जिसके बाद हालात यह है कि कुछ राज्यों में संक्रमण बेहद तेजी से पांव पसार रहा है. साथ ही बिहार में भी रोजाना 100 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.

देश में लागू लॉकडाउन पर एक नजर:

क्रम संख्याशुरूखत्मदिन
लॉकडाउन 1st 25 मार्च 14 अप्रैल 21 दिन
लॉकडाउन 2.015 अप्रैल03 मई 19 दिन
लॉकडाउन 3.0 04 मई17 मई 14 दिन
लॉकडाउन 4.0 18 मई31 मई14 दिन
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