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पैगम्बर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन पर मसौढ़ी में जुलूस, नारे तकबीर से गूंजा इलाका

पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर बिहार में इद उल मिलाद उन नबी का पर्व मनाया जा रहा है. मसौढ़ी में भी जगह-जगह पर जुलूस और जलसे का आयोजन किया गया है.

जुलूस
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Published : Oct 19, 2021, 5:05 PM IST

मसौढ़ीः इद मिलाद उन नबी (Eid Milad-un-Nabi) यानि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म दिवस (Prophet Muhammad birth anniversary) के मौके पर अकीदतमंदों ने कई जगहों पर जुलूस निकाले. इस दौरान लोगों ने कई दरगाहों पर जाकर फातिहा पढ़ा और चादरपोशी की. साथ ही पैगंबर मोहम्मद साहब के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया.

ये भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश वासियों को दी ईद-मिलाद-उन-नबी की बधाई

जुलूस में शामिल अब्दुल करीम ने बताया कि हजरत मोहम्मद साहब ने कहा था कि सबसे अमीर इंसान वही है जिसमें मानवता होती है. जो ज्ञान का आदर करता है, वह मेरा सम्मान करता है. हजरत मोहम्मद की शिक्षा के मुताबिक भूखे को खाना देना, बीमारों की देखभाल करना, अगर कोई गलती से बंदी बनाया गया हो तो उसे मुक्त करना, परेशानी में हर इंसान की मदद करना, इन तमाम संदेश को आज दोहराया जा रहा है. इन संदेशों को हर कोई आज आत्मसात कर रहा है.

आज के दिन सभी लोग फातिहा पढ़ते हैं, जगह-जगह दरगाह पर लोग चादर चढ़ाते हैं. आज के दिन दान देने की महत्वपूर्ण परंपरा रही है.

देखें वीडियो
ईद मिलाद उन नबी के मौके पर मस्जिदों और घरों में खास नमाज का आयोजन किया जाता है. मोहम्मद साहब के संदेशों को पढ़कर लोगों को सुनाया जाता है. ताकि लोग दुनिया में सच्चाई और इंसानियत के रास्ते पर चलें. पड़ोसियों की मदद करें और उनसे हमदर्दी रखें.

ये भी पढ़ेंः राष्ट्रपति के आगमन को लेकर पटना तैयार, कारकेड का हुआ रिहर्सल

बता दें कि इसलाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद साहब का आज जन्म दिवस है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार आज के दिन ईद मिलाद उन नबी का पर्व मनाया जाता है. जिसको लेकर मसौढ़ी समेत विभिन्न जगहों पर जुलूस निकालकर ढोल, ताशे, नगाड़े बजाए जा रहे हैं. साथ ही लोग शहरों में एक दूसरे को बधाइयां देते नजर आ रहे हैं और पैगंबर साहब के संदेशों को जन जन तक पहुंचा रहे हैं.

मसौढ़ीः इद मिलाद उन नबी (Eid Milad-un-Nabi) यानि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म दिवस (Prophet Muhammad birth anniversary) के मौके पर अकीदतमंदों ने कई जगहों पर जुलूस निकाले. इस दौरान लोगों ने कई दरगाहों पर जाकर फातिहा पढ़ा और चादरपोशी की. साथ ही पैगंबर मोहम्मद साहब के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया.

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जुलूस में शामिल अब्दुल करीम ने बताया कि हजरत मोहम्मद साहब ने कहा था कि सबसे अमीर इंसान वही है जिसमें मानवता होती है. जो ज्ञान का आदर करता है, वह मेरा सम्मान करता है. हजरत मोहम्मद की शिक्षा के मुताबिक भूखे को खाना देना, बीमारों की देखभाल करना, अगर कोई गलती से बंदी बनाया गया हो तो उसे मुक्त करना, परेशानी में हर इंसान की मदद करना, इन तमाम संदेश को आज दोहराया जा रहा है. इन संदेशों को हर कोई आज आत्मसात कर रहा है.

आज के दिन सभी लोग फातिहा पढ़ते हैं, जगह-जगह दरगाह पर लोग चादर चढ़ाते हैं. आज के दिन दान देने की महत्वपूर्ण परंपरा रही है.

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बता दें कि इसलाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद साहब का आज जन्म दिवस है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार आज के दिन ईद मिलाद उन नबी का पर्व मनाया जाता है. जिसको लेकर मसौढ़ी समेत विभिन्न जगहों पर जुलूस निकालकर ढोल, ताशे, नगाड़े बजाए जा रहे हैं. साथ ही लोग शहरों में एक दूसरे को बधाइयां देते नजर आ रहे हैं और पैगंबर साहब के संदेशों को जन जन तक पहुंचा रहे हैं.

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