पटना: राजधानी में हाल के दिनों में कोरोना के मरीजों में काफी तेजी से इजाफा हुआ है और इस कारण लोग अब काफी डरे हुए हैं. पॉजिटिव मिले एसिंप्टोमेटिक पेशेंट की जिस प्रकार से तादाद है. उससे पटना के आम लोगों मे कोरोना को लेकर डर और बढ़ गया है और सभी लोग कोरोना जांच कराना चाहते हैं. सभी लोगों का कोविड-19 का टेस्ट हो अभी के समय यह संभव भी नहीं है.
ऐसे में कैसे मरीजों का कोविड-19 का टेस्ट होगा और लोगों को कोरोना जांच कराने के लिए क्या कुछ प्रक्रिया अपनानी होगी. इसको लेकर इटीवी भारत संवाददाता ने सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी से बात की.
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी से जानें कोरोना जांच की प्रकिया:-
- अनुमंडल अस्पताल और पटना के सभी मेडिकल कॉलेजों में बनाया गया फ्लू कॉर्नर
- संक्रमण की शिकायत अगर महसूस हो रही है तो फ्लू कॉर्नर जाएं मरीज
- मरीजों को फ्लू कॉर्नर में देखेंगे डॉक्टर और समस्या होने पर दी जाएगी कुछ दवाइयां
- दवा पर मरीज ठीक नहीं हुए तो जांच के लिए डॉक्टर करेंगे प्रिसक्राइब
कोरोना के कारण लोगों में डर का माहौल
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि निश्चित रूप से जिस प्रकार से पटना में कोरोना के मरीजों की संख्या हाल के दिनों में बढ़ी है. उससे लोगों में भय का माहौल है. लेकिन लोगों को इतना डरने की भी जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि अभी के समय क्लोज कांटेक्ट और सिंप्टोमेटिक पेशेंट का जांच करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि क्लोज कांटेक्ट यानी कि ऐसे लोग जो कोरोना पॉजिटिव मिले पेशेंट के साथ घर में रहते हैं और कमरा शेयर करते हैं या फिर दिन-रात साथ काम करते हैं. उनकी भी जांच की जा रही है.
'डरने की जरूरत नहीं'
सीएम ने कहा कि लोगों को इतना डरने की जरूरत नहीं है और जब बीमारी होती है. तो लक्षण नजर आते हैं. तभी जांच करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को अभी इतनी भय में नहीं आनी चाहिए. क्योंकि अगर अभी किसी का रिपोर्ट नेगेटिव आती है. तो संभव है कि 2 दिन बाद उसका रिपोर्ट पॉजिटिव हो जाए. उन्होंने कहा कि यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि वह पॉजिटिव पेशेंट से कब कांटेक्ट में आया है या नहीं.