पटना: बिहार में कार्य स्थगन प्रस्ताव के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर सहित अन्य मुद्दों पर सदन में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच की हालत काफी खराब है. मुझे अफसोस है कि मैं वहां पहले क्यों नहीं गया.
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार मुख्यमंत्री ने क्या कहा:
मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण बच्चों की मौतों पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, 'सरकार ने बचाव की पूरी कोशिश की. इस पर विशेषज्ञों की एक टीम बनाई गई जिससे इसकी तह तक जाया जा सके. लेकिन मौतों के कारण पर कोई भी एकमत नहीं था.'
मुख्यमंत्री ने कहा कि, एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की रिपोर्ट अमेरिका भेजकर मामले की जानकारी ली गई. 2014 से ही इसके कारणों का पता लगाने के लिए रिसर्च जारी है.
'चमकी बुखार की बीमारी पर लोगों की अलग-अलग राय'
साथ ही, नीतीश कुमार ने कहा कि, चमकी बुखार की बीमारी पर लोगों की अलग-अलग राय है. कुछ लोगों का मानना है कि खाली पेट लीची खाने की वजह से बच्चों को यह बीमारी हुई. यह भी कहा गया कि चमकी बुखार के ज्यादातर पीड़ित गरीब परिवार के होते हैं, इस पर मेरा कहना है कि इसके लिए एक सोशियो इकॉनमिक सर्वे कराया जाए.
'अस्पताल में बेड की कमी है'
उन्होंने कहा कि, जब मैंने श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज का दौरा किया तो देखा कि वहां चमकी बुखार के मरीजों के अलावा अन्य मरीजों की संख्या भी बहुत ज्यादा रहती है. अस्पताल में बेड की कमी है, एक बेड पर दो-दो लोगों का इलाज चल रहा था.
'सिर्फ दुख व्यक्त करना ही पर्याप्त नहीं है'
विधानसभा में चमकी बुखार से बच्चों की मौत पर बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि, जो हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, सिर्फ दुख व्यक्त करना ही पर्याप्त नहीं है. यह एक अत्यंत गंभीर मुद्दा है. हमने कई बैठकें की हैं और इस मुद्दे पर चर्चा की है.