पटना: सरकार ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज के रखरखाव और मेंटेनेंस के लिए बीएमएसआईसीएल को जिम्मेदारी दी है. लेकिन बीएमएसआईसीएल ने अभी तक पूरी तरह से जिम्मेवारी अपने हाथों में नहीं लिया है. इससे सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई है. राजधानी पटना के पीएमसीएच समेत विभिन्न बड़े अस्पतालों की स्थिति यह है कि बिजली, पानी और साफ-सफाई को लेकर अस्पताल प्रशासन को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल, राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज में रखरखाव एवं बिजली, पानी, साफ-सफाई के लिए बिहार मेडिकल सर्विसेज इंफ्रास्ट्रक्चर निगम का गठन किया गया था. इसके गठन के बाद पूर्व में काम कर रहे विभिन्न संस्थाओं ने काम करना बंद कर दिया. जबकि नवगठित निगम अभी तक कामकाज शुरू नहीं कर पाई है. जिससे सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था चरमरा गई है.
पीएमसीएच में चरमराई व्यवस्था
पीएमसीएच के अधीक्षक प्रोफेसर डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि 1 अप्रैल से पीएमसीएच समेत विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पताल में काम कर रहे विभिन्न संस्थाओं ने अपना काम बंद कर दिया है. लेकिन बिहार मेडिकल सर्विसेज इंफ्रास्ट्रक्चर निगम ने अपना काम अभी तक शुरू नहीं किया है. पीएमसीएच में आए दिन हजारों की संख्या में मरीजों का आना जाना लगा रहता है. लेकिन आधारभूत संरचना एवं बुनियादी सुविधाओं में घोर अभाव के चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
कोर्ट ने लिया संज्ञान
राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में आधारभूत संरक्षण एवं मूलभूत सुविधाओं में समस्याओं को लेकर राजधानी पटना के सामाजिक कार्यकर्ता विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा ने जनहित याचिका दायर की थी. जिसको लेकर कोर्ट ने संज्ञान लिया है और कड़ा रुख अख्तियार करते हुए बीएमएसआईसीएल से जवाब तलब किया है. आगामी 1 मई को इस मामले में अगली सुनवाई होगी. ऐसे में अब देखना यह है कि सरकार का क्या कुछ हस्तक्षेप इस मामले में होता है.