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120 दिन बाद बच्चों के चहल-पहल से स्कूलों में लौटी रौनक, जानिए किन-किन मानकों का करना होगा पालन

कोरोना महामारी के चलते बंद 1 से 8 तक के स्कूल आज से खोल दिए गए हैं. बच्चे हंसी-खुशी स्कूल जाते हुए देखें गए. हालांकि बाढ़ प्रभावित इलाकों के स्कूलों को अभी बंद रखने का फैसला लिया गया है. स्कूल आधी क्षमता के साथ संचालित होंगे. हर बच्चा एक दिन बीच कर विद्यालय जाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Aug 16, 2021, 11:55 AM IST

पटना: कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave Of Corona Virus) के ग्राफ में गिरावट को देखते हुए नीतीश सरकार ने आज से स्कूल खोलने की घोषणा की है. बिहार के हजारों प्राथमिक विद्यालय सोमवार से खुल (Primary School Reopen) गए हैं. कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल करीब 120 दिन बाद आज फिर से गुलजार हो गए हैं. हालांकि सिर्फ 50% बच्चे ही आज स्कूल आ पाएंगे.

इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री जी... सिस्टमवे लीक है! कैसे होगी इतनी 'कड़ी परीक्षा'?

स्कूल खोलने को लेकर प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शमायल अहमद ने बताया कि लंबे समय से न सिर्फ स्कूल प्रशासन बल्कि शिक्षक और नॉन टीचिंग स्टाफ के साथ बच्चे भी बेसब्री से स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे थे. स्कूल न खुलने की वजह से बिहार के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों और नॉन टीचिंग स्टाफ की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: 'मैं बिहार के सरकारी स्कूल का शिक्षक हूं, सरकार के आदेश पर बोरा बेच रहा हूं'

बता दें कि बिहार के करीब 72,000 सरकारी प्राथमिक और मध्य विद्यालय के साथ हजारों प्राइवेट स्कूल सोमवार से शुरू हो गए. हालांकि स्कूलों में बच्चों को 1 दिन में 50 फीसदी तक आने की ही छूट मिली है. कोविड गाइडलाइन के तहत बच्चों के लिए स्कूलों को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया है.

सरकार के निर्देशानुसर बिहार के 38 जिलों में कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों के लिए सभी निजी विद्यालयों के द्वार आधिकारिक तौर पर खोल दिए गए हैं. जिसके फलस्वरूप विद्यालयों का माहौल खुशनुमा हो चला है. सूबे के विद्यालयों में कोरोना महामारी से बचने के लिए सभी मानकों का पालन कराया जा रहा है.

आज पूरे बिहार में 1 से 8 तक के स्कूलों को खोल दिया गया है. पहले से 9, 10, 11 और 12 के क्लास चल रहे थे. बच्चों को ऑड और इवेन के तर्ज पर बुलाया गया है. हालांकि आज पहले दिन बच्चों की संख्या कम देखी गई. स्कूल बंद होने से लाखों शिक्षक बेरोजगार हो गए थे. मैं पैरेंटस को बताना चाहता हूं कि आपके बच्चों की सुरक्षा के लिए कोरोना के सभी गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा. -शमायल अहमद, अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन

बता दें कि स्कूलों को खोलने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आपदा प्रबंध समूह के साथ बैठक कर 7 अगस्त से कक्षा 9 और 10, जबकि 16 अगस्त से कक्षा 1 से 8 तक सरकारी और निजी प्राथमिक विद्यालय खोले जाने का निर्णय लिया था. सभी स्कूलों को कोविड प्रोटोकॉल को गंभीरता से पालन करना होगा. तीसरी लहर को रोकने और स्कूलों के संचालन के लिए सावधानी जरूरी है.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने तमाम विश्वविद्यालयों के कुलपति, सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और सभी जिला पदाधिकारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं. स्कूल खोलने को लेकर जारी किए गए निर्देश के तहत बंद स्कूल और उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ कोचिंग संस्थान को खोलने के बारे में एसओपी (SOP) जारी किया जा चुका है.

कक्षा 9 और 10 और कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल को खोलने को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप (Crisis Management Group) ने हरी झंडी दी थी. इसके बाद शिक्षा विभाग ने एसओपी जारी किया. इस एसओपी के तहत बेहद सावधानी से स्कूलों का संचालन करना होगा.

उच्च शिक्षण संस्थान, स्कूल और कोचिंग संस्थानों में उस संस्थान के प्रधान सुनिश्चित करेंगे कि संस्थान के सभी शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मी टीका ले चुके हैं. इसके साथ ही उन्हें ही संस्थान में शिक्षण कार्य करने की अनुमति दी जाएगी. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सभी कक्षाओं को पूरी तरह सैनिटाइज करने के साथ-साथ स्कूल में हैंड सैनिटाइजर, मास्क और साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था स्कूल प्रबंधन को करनी होगी.

इन नियमों का करना होगा स्कूल प्रबंधन को पालन

  1. विद्यालय कैंपस व सभी कक्षाओं में फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी आदि की सफाई व सैनिटाइजेशन
  2. पानी टंकी, किचेन, वाशरूम, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी व शौचालय का सैनिटाइजेशन
  3. विद्यालय में हाथ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करना
  4. सभी शिक्षक व कर्मचारियों का टीकाकरण सुनिश्चित करना
  5. डिजिटल थर्मामीटर, सैनिटाइजर व साबुन आदि की व्यवस्था करना
  6. किसी बच्चे या शिक्षक के संक्रमित पाये जाने पर क्लास के सभी बच्चों की जांच कराना
  7. कम से कम छह फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था करना
  8. विद्यालय के सभी गेट को खुला रखना, जिससे भीड़ न हो

पटना: कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave Of Corona Virus) के ग्राफ में गिरावट को देखते हुए नीतीश सरकार ने आज से स्कूल खोलने की घोषणा की है. बिहार के हजारों प्राथमिक विद्यालय सोमवार से खुल (Primary School Reopen) गए हैं. कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल करीब 120 दिन बाद आज फिर से गुलजार हो गए हैं. हालांकि सिर्फ 50% बच्चे ही आज स्कूल आ पाएंगे.

इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री जी... सिस्टमवे लीक है! कैसे होगी इतनी 'कड़ी परीक्षा'?

स्कूल खोलने को लेकर प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शमायल अहमद ने बताया कि लंबे समय से न सिर्फ स्कूल प्रशासन बल्कि शिक्षक और नॉन टीचिंग स्टाफ के साथ बच्चे भी बेसब्री से स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे थे. स्कूल न खुलने की वजह से बिहार के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों और नॉन टीचिंग स्टाफ की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: 'मैं बिहार के सरकारी स्कूल का शिक्षक हूं, सरकार के आदेश पर बोरा बेच रहा हूं'

बता दें कि बिहार के करीब 72,000 सरकारी प्राथमिक और मध्य विद्यालय के साथ हजारों प्राइवेट स्कूल सोमवार से शुरू हो गए. हालांकि स्कूलों में बच्चों को 1 दिन में 50 फीसदी तक आने की ही छूट मिली है. कोविड गाइडलाइन के तहत बच्चों के लिए स्कूलों को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया है.

सरकार के निर्देशानुसर बिहार के 38 जिलों में कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों के लिए सभी निजी विद्यालयों के द्वार आधिकारिक तौर पर खोल दिए गए हैं. जिसके फलस्वरूप विद्यालयों का माहौल खुशनुमा हो चला है. सूबे के विद्यालयों में कोरोना महामारी से बचने के लिए सभी मानकों का पालन कराया जा रहा है.

आज पूरे बिहार में 1 से 8 तक के स्कूलों को खोल दिया गया है. पहले से 9, 10, 11 और 12 के क्लास चल रहे थे. बच्चों को ऑड और इवेन के तर्ज पर बुलाया गया है. हालांकि आज पहले दिन बच्चों की संख्या कम देखी गई. स्कूल बंद होने से लाखों शिक्षक बेरोजगार हो गए थे. मैं पैरेंटस को बताना चाहता हूं कि आपके बच्चों की सुरक्षा के लिए कोरोना के सभी गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा. -शमायल अहमद, अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन

बता दें कि स्कूलों को खोलने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आपदा प्रबंध समूह के साथ बैठक कर 7 अगस्त से कक्षा 9 और 10, जबकि 16 अगस्त से कक्षा 1 से 8 तक सरकारी और निजी प्राथमिक विद्यालय खोले जाने का निर्णय लिया था. सभी स्कूलों को कोविड प्रोटोकॉल को गंभीरता से पालन करना होगा. तीसरी लहर को रोकने और स्कूलों के संचालन के लिए सावधानी जरूरी है.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने तमाम विश्वविद्यालयों के कुलपति, सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और सभी जिला पदाधिकारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं. स्कूल खोलने को लेकर जारी किए गए निर्देश के तहत बंद स्कूल और उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ कोचिंग संस्थान को खोलने के बारे में एसओपी (SOP) जारी किया जा चुका है.

कक्षा 9 और 10 और कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल को खोलने को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप (Crisis Management Group) ने हरी झंडी दी थी. इसके बाद शिक्षा विभाग ने एसओपी जारी किया. इस एसओपी के तहत बेहद सावधानी से स्कूलों का संचालन करना होगा.

उच्च शिक्षण संस्थान, स्कूल और कोचिंग संस्थानों में उस संस्थान के प्रधान सुनिश्चित करेंगे कि संस्थान के सभी शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मी टीका ले चुके हैं. इसके साथ ही उन्हें ही संस्थान में शिक्षण कार्य करने की अनुमति दी जाएगी. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सभी कक्षाओं को पूरी तरह सैनिटाइज करने के साथ-साथ स्कूल में हैंड सैनिटाइजर, मास्क और साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था स्कूल प्रबंधन को करनी होगी.

इन नियमों का करना होगा स्कूल प्रबंधन को पालन

  1. विद्यालय कैंपस व सभी कक्षाओं में फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी आदि की सफाई व सैनिटाइजेशन
  2. पानी टंकी, किचेन, वाशरूम, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी व शौचालय का सैनिटाइजेशन
  3. विद्यालय में हाथ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करना
  4. सभी शिक्षक व कर्मचारियों का टीकाकरण सुनिश्चित करना
  5. डिजिटल थर्मामीटर, सैनिटाइजर व साबुन आदि की व्यवस्था करना
  6. किसी बच्चे या शिक्षक के संक्रमित पाये जाने पर क्लास के सभी बच्चों की जांच कराना
  7. कम से कम छह फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था करना
  8. विद्यालय के सभी गेट को खुला रखना, जिससे भीड़ न हो
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