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दिव्यांग खिलाड़ियों की प्रेस वार्ता, सरकार से की नौकरी की मांग

पटना के मंदिरी में दिव्यांग खिलाड़ियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया है. अनुराग चंद्रा ने बताया कि वह राष्ट्रीय, राज्य स्तर और प्रमंडल व जिला स्तर पर कुल 49 पदक जीत चुके हैं.

पटना में दिव्यांग खिलाड़ियों ने की प्रेस वार्ता
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Published : Jul 31, 2019, 5:20 PM IST

पटना: जिले के मंदिरी में दिव्यांग खिलाड़ियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने सरकार पर नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया है. खिलाड़ियों का कहना है कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी देश का नाम रोशन किया है. उन्होंने कई पदक जीते हैं. खिलाड़ियों ने दिव्यांगों के प्रति सरकार पर उदासीनता और उपेक्षा पूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया है.

पटना में दिव्यांग खिलाड़ियों ने की प्रेस वार्ता

दिव्यांगों के साथ दोहरी नीति कर रही सरकार
दोनों पैरों से दिव्यांग खिलाड़ी अनुराग चंद्रा ने बताया कि वह राष्ट्रीय, राज्य और प्रमंडल व जिला स्तर पर कुल 49 पदक अर्जित कर चुके हैं. इसके बावजूद वह आज जीने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे है. उन्होंने यह भी कहा कि कई बार सरकार से मदद मांगी है, लेकिन उन्हें अभी तक कोई मदद नहीं मिली है. राज्य सरकार खेल सम्मान में भी दोहरी नीति करती है,और सम्मान राशि बराबर नहीं देती है.

ऑटो चला कर रहे जीवन यापन
एक पैर से दिव्यांग खिलाड़ी संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि उन्होंने 2004 से लेकर अब तक कुल राष्ट्रीय राज्य प्रमंडल व जिला स्तर के 90 पदक जीते है. इसके बावजूद वह अपने जीवनयापन के लिए अन्य प्रदेश में ऑटो चला रहे है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 2009 में कहा था कि आप मेडल लाइए सरकार आपको नौकरी देगी, लेकिन अभी तक नौकरी नहीं मिली. संतोष राष्ट्रीय स्तर पर कई खेलों में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं.

हासिल कर चुके हैं कई पदक

संतोष और अनुराग ने 2015 में ट्राई साइकिल से इंडिया गेट से लद्दाख की यात्रा पूरी की थी और उन्होंने 2017 में दानापुर कैंट से सियाचिन ग्लेशियर की यात्रा विकलांग मोटर बाइक से सफलतापूर्वक पूरी की थी.

पटना: जिले के मंदिरी में दिव्यांग खिलाड़ियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने सरकार पर नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया है. खिलाड़ियों का कहना है कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी देश का नाम रोशन किया है. उन्होंने कई पदक जीते हैं. खिलाड़ियों ने दिव्यांगों के प्रति सरकार पर उदासीनता और उपेक्षा पूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया है.

पटना में दिव्यांग खिलाड़ियों ने की प्रेस वार्ता

दिव्यांगों के साथ दोहरी नीति कर रही सरकार
दोनों पैरों से दिव्यांग खिलाड़ी अनुराग चंद्रा ने बताया कि वह राष्ट्रीय, राज्य और प्रमंडल व जिला स्तर पर कुल 49 पदक अर्जित कर चुके हैं. इसके बावजूद वह आज जीने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे है. उन्होंने यह भी कहा कि कई बार सरकार से मदद मांगी है, लेकिन उन्हें अभी तक कोई मदद नहीं मिली है. राज्य सरकार खेल सम्मान में भी दोहरी नीति करती है,और सम्मान राशि बराबर नहीं देती है.

ऑटो चला कर रहे जीवन यापन
एक पैर से दिव्यांग खिलाड़ी संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि उन्होंने 2004 से लेकर अब तक कुल राष्ट्रीय राज्य प्रमंडल व जिला स्तर के 90 पदक जीते है. इसके बावजूद वह अपने जीवनयापन के लिए अन्य प्रदेश में ऑटो चला रहे है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 2009 में कहा था कि आप मेडल लाइए सरकार आपको नौकरी देगी, लेकिन अभी तक नौकरी नहीं मिली. संतोष राष्ट्रीय स्तर पर कई खेलों में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं.

हासिल कर चुके हैं कई पदक

संतोष और अनुराग ने 2015 में ट्राई साइकिल से इंडिया गेट से लद्दाख की यात्रा पूरी की थी और उन्होंने 2017 में दानापुर कैंट से सियाचिन ग्लेशियर की यात्रा विकलांग मोटर बाइक से सफलतापूर्वक पूरी की थी.

Intro:दिव्यांग खिलाड़ियों को सुविधा और नौकरी देने की वादे के बावजूद सरकार की ओर से खिलाड़ियों को नौकरी नहीं दिए जाने को लेकर राजधानी पटना के मंदिरी इलाके में स्थित श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के कार्यालय में दिव्यांग खिलाड़ियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जताई और नौकरी की मांग की. खिलाड़ियों ने आरोप लगाया कि दिव्यांग खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर ही नहीं विदेशों में भी भारत का सर्वोच्च किया है और कई पदक जीते हैं फिर भी सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है. खिलाड़ियों ने दिव्यांगों के प्रति सरकार पर उदासीनता और उपेक्षा पूर्ण नीति से काम करने का आरोप लगाया.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खिलाड़ियों ने टेबल पर अपने सभी पदक और प्रशस्ति पत्र मीडिया को दिखाया.


Body:दोनों पैरों से दिव्यांग खिलाड़ी अनुराग चंद्रा ने बताया कि वह राष्ट्रीय राज्य और प्रमंडल व जिला स्तर और कुल 49 पदक अर्जित किए हैं इसके बावजूद वह आज जीने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि कई बार सरकार से मदद मांगी है लेकिन उन्हें अभी तक कोई मदद नहीं मिली है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार खेल सम्मान में भी दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ दोहरी नीति करती है और सम्मान राशि बराबर नहीं देती.


Conclusion:एक पैर से दिव्यांग खिलाड़ी संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि उन्होंने 2004 से लेकर अब तक कुल राष्ट्रीय राज्य प्रमंडल व जिला स्तर के 90 पदक जीते हैं इसके बावजूद वह जीने के लिए अन्य प्रदेश में टेंपो चला कर जीवन यापन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2009 में कहा था कि आप मेडल लाइए नौकरी में दूंगा लेकिन अभी तक नौकरी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी बताएं कि अब हमें और कितने मेडल लाने होंगे ताकि नौकरी मिले. संतोष राष्ट्रीय स्तर पर कई खेलों में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं.

आपको बता दें कि संतोष और अनुराग ने 2015 में ट्राई साइकिल से इंडिया गेट से लद्दाख की यात्रा पूरी की थी और 2017 में दानापुर कैंट से सियाचिन ग्लेशियर की यात्रा विकलांग मोटर बाइक से सफलतापूर्वक पूरी की थी.
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