पटना: जिले के मंदिरी में दिव्यांग खिलाड़ियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने सरकार पर नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया है. खिलाड़ियों का कहना है कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी देश का नाम रोशन किया है. उन्होंने कई पदक जीते हैं. खिलाड़ियों ने दिव्यांगों के प्रति सरकार पर उदासीनता और उपेक्षा पूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया है.
दिव्यांगों के साथ दोहरी नीति कर रही सरकार
दोनों पैरों से दिव्यांग खिलाड़ी अनुराग चंद्रा ने बताया कि वह राष्ट्रीय, राज्य और प्रमंडल व जिला स्तर पर कुल 49 पदक अर्जित कर चुके हैं. इसके बावजूद वह आज जीने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे है. उन्होंने यह भी कहा कि कई बार सरकार से मदद मांगी है, लेकिन उन्हें अभी तक कोई मदद नहीं मिली है. राज्य सरकार खेल सम्मान में भी दोहरी नीति करती है,और सम्मान राशि बराबर नहीं देती है.
ऑटो चला कर रहे जीवन यापन
एक पैर से दिव्यांग खिलाड़ी संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि उन्होंने 2004 से लेकर अब तक कुल राष्ट्रीय राज्य प्रमंडल व जिला स्तर के 90 पदक जीते है. इसके बावजूद वह अपने जीवनयापन के लिए अन्य प्रदेश में ऑटो चला रहे है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 2009 में कहा था कि आप मेडल लाइए सरकार आपको नौकरी देगी, लेकिन अभी तक नौकरी नहीं मिली. संतोष राष्ट्रीय स्तर पर कई खेलों में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं.
हासिल कर चुके हैं कई पदक
संतोष और अनुराग ने 2015 में ट्राई साइकिल से इंडिया गेट से लद्दाख की यात्रा पूरी की थी और उन्होंने 2017 में दानापुर कैंट से सियाचिन ग्लेशियर की यात्रा विकलांग मोटर बाइक से सफलतापूर्वक पूरी की थी.