पटना: राजधानी पटना के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona) को लेकर की जा रही तैयारी के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं. तीसरे लहर की आशंका के मद्देनजर गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने सभी राज्यों को 100 दिन के लिए अलर्ट पर रखा है. साथ ही तैयारियां मुक्कमल करने को कहा गया है इसके बावजूद पीएमसीएच (PMCH) में कोई तैयारी देखने को नहीं मिली. यहां अब तक ना तो ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) शुरू हो सका है और ना बच्चों के वार्ड को ही दुरुस्त किया गया है.
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पटना के पीएमसीएच अस्पताल की बात करें तो यह प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है मगर अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विशेष तैयारी नजर नहीं आ रही है. कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर की अगस्त में आने की आशंका बन रही है और यह भी आशंका जाहिर की जा रही है कि सबसे अधिक इससे बच्चे संक्रमित होंगे.
ऐसे में पीएमसीएच में बच्चों के लिए पेडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट में कोई विशेष तैयारी नहीं की गई है. शिशु वार्ड के पास गंदगी का आलम बरकरार है और वार्ड के अंदर बेड फटे हुए हैं. अस्पताल में पूर्व की भांति 100 बेड का कोरोना डेडीकेटेड वार्ड है जहां 25 बेड पर वेंटिलेटर आईसीयू की व्यवस्था है और अस्पताल के अंदर सभी हाईटेक उपकरण मौजूद हैं.
पिछले लहर में ऑक्सीजन की समस्या को देखते हुए यहां भी ऑक्सीजन प्लांट तैयार किया जा रहा है, जिसे जून के महीने में शुरू हो जाना था मगर अब तक यह शुरू नहीं हो पाया है. आगामी 1 महीने में यह शुरू हो पाएगा या नहीं इस पर भी संशय की स्थिति है.
अस्पताल की कुव्यवस्था पर प्रतिक्रिया देने से बचने के लिए अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर आई एस ठाकुर ने मीडिया से दूरी बना ली है. साथ ही अस्पताल के सभी विभागाध्यक्ष और वरीय पदाधिकारियों को लेटर निकालकर सख्त निर्देश दिया है कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के लोगों से दूरी बनाकर रखें.
एम्स प्रबंधन तीसरी लहर को लेकर तमाम तैयारी पूरी कर लेने का दावा कर रहा है. एम्स प्रबंधन का कहना है कि अभी भी अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है और यहां कोरोना मरीजों के लिए 120 बेड का वार्ड है और जरूरत पड़ने पर 50 बेड और आसानी से बढ़ाए जा सकते हैं. वार्ड के अंदर सभी हाईटेक मेडिकल उपकरण मौजूद हैं. तीसरे लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में इसको देखते हुए पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के चिकित्सकों और नर्सेज को अस्पताल प्रबंधन द्वारा 2 सप्ताह की ट्रेनिंग दी जा रही है.
पटना के एनएमसीएच की बात करें तो एनएमसीएच प्रबंधन का कहना है कि "तीसरे लहर को लेकर अस्पताल में पूरी तैयारी है. अभी के समय अस्पताल में 100 बेड का कोरोना वार्ड चल रहा है और जरूरत पड़ने पर इसे 400 बेड तक बढ़ाया जा सकता है. अस्पताल में आईसीयू के 38 बेड है जबकि वेंटीलेटर की संख्या 54 हैं. पिछले लहर में ऑक्सीजन की किल्लत हो गई थी लेकिन इस समस्या को देखते हुए सरकार ने अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट बनाने का निर्देश दिया था जिसके बाद लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट अस्पताल में बनकर लगभग तैयार है और जुलाई माह के अंत तक यह शुरू हो जाएगा."
पटना के एआईआईएमएस में भी अभी के समय 100 बेड का कोविड वार्ड है और अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जरूरत पड़ने पर इसे 500 बेड में कन्वर्ट किया जा सकता है. अस्पताल के अधीक्षक मनीष मंडल ने जानकारी दी कि "अगर तीसरी लहर आती है तो उससे निपटने के लिए पूरी तैयारी अस्पताल प्रबंधन ने कर ली है और अस्पताल में जल्द ही ऑक्सीजन प्लांट भी शुरू होने जा रहा है. जिसके बाद पिछले लहर में जो समस्या ऑक्सीजन की देखने को मिली थी वह इस बार नहीं होगू. पीडियाट्रिक्स में भी बच्चों के लिए बेड रिजर्व किए गए हैं.