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BSSC Paper Leak: ईओयू को पेपर लीक होने के सबूत मिले, दूसरी FIR दर्ज कराने की तैयारी

बीएसएससी पेपर लीक मामले में दूसरी प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी (Preparation to file second FIR) की जा रही है. इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई को तीसरी पाली के पेपर लीक होने के सबूत मिले हैं. साथ ही दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है. जल्द दूसरी एफआईआर भी दर्ज करायी जाएगी. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jan 5, 2023, 3:40 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना में बीएसएससी पेपर लीक मामले (BSSC paper leak case) का मुद्दा गरमाया हुआ है. आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offenses Unit) ऐसा करने वाले संगठित गिरोह की पहचान कर उनके खिलाफ केस दर्ज कराने की तैयारी में जुट गई है. इस मामले में जल्द ही ईओयू की तरफ से दूसरी प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. बिहार कर्मचारी चयन आयोगकी ओर से आयोजित स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की दूसरी और तीसरी पाली का पेपर लीक होने की अफवाह फैली थी. इसलिए बीएसएससी परीक्षा की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः BSSC Paper Leak Scandal: मास्टरमाइंड के दारोगा पिता ने कहा- 'कोई नहीं चाहेगा कि बेटा गलत काम करे'

24 दिसंबर की परीक्षा खत्म होते ही वायरल हो गया था पेपरः बीएसएससी पेपर लीक मामले में एक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. इसमें आठ लोगों की गिरफ्तारी अब तक हो चुकी है. वहीं दूसरी एफआईआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. आर्थिक अपराध इकाई की शुरुआती जांच (Eou Investigation) में पता चला है कि दानापुर केबीएस कॉलेज के तीसरे चरण यानी 24 दिसंबर की परीक्षा समाप्त होते ही दोपहर 12:15 बजे के बाद पेपर वायरल कर दिया गया था.

परीक्षा शुरू होने के एक मिनट पहले पेपर लीक होने के सबूतः मिल रही जानकारी के अनुसार बीएसएससी की तीसरी पाली का पेपर परीक्षा शुरू होने के महज एक मिनट पहले लीक हुआ था. इस बात का सबूत आर्थिक अपराध इकाई की जांच में मिला है. इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने अलग-अलग जगह पर छापेमारी की है. सूत्रों के अनुसार इस मामले में दो लोगों को आर्थिक अपराध इकाई की टीम कब्जे में लेकर पूछताछ कर रही है, हालांकि इस पूरे मामले की ऑफिशियल पुष्टि नहीं की गई है.

खास कोडिंग की वजह से पता चल पाया पेपर लीक का मामलाः तीसरे चरण की परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में कई तरह के सवाल हैं. इसका जवाब आर्थिक अपराध इकाई जांच एजेंसी जाना चाहती है. बीएसएससी के द्वारा इस बार क्वेश्चन पेपर पर एक अलग तरह की कोडिंग की गई थी. इस कोडिंग को परीक्षा देने वाले कैंडिडेट सही तरीके से भांप नहीं पाए. इसका नतीजा है कि पेपर लीक करने के बाद इसी कोडिंग की वजह से पता चल पाया कि परीक्षा शुरू होने के एक मिनट पहले प्रश्नपत्र लीक हुआ था. इस बात की पुष्टि हुई है.

पटना और सुपौल से दो लोगों की हुई है गिरफ्तारीः आर्थिक अपराध इकाई द्वारा कब्जे में लिये गए दो लोगों की पहचान उजागर नहीं की गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि गुरुवार शाम तक आधिकारिक तौर पर बयान जारी की जाने की संभावना है. बीएसएससी की पहली और दूसरी पाली की परीक्षा 23 दिसंबर को हुई थी. इसमें पहली पाली का पेपर मोतिहारी के शांतिनिकेतन जुबली स्कूल से लीक हुआ था. इसमें कैंडिडेट और सॉल्वर को टीम ने पटना और सुपौल से छापामारी कर गिरफ्तार किया था.

पटना: बिहार की राजधानी पटना में बीएसएससी पेपर लीक मामले (BSSC paper leak case) का मुद्दा गरमाया हुआ है. आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offenses Unit) ऐसा करने वाले संगठित गिरोह की पहचान कर उनके खिलाफ केस दर्ज कराने की तैयारी में जुट गई है. इस मामले में जल्द ही ईओयू की तरफ से दूसरी प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. बिहार कर्मचारी चयन आयोगकी ओर से आयोजित स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की दूसरी और तीसरी पाली का पेपर लीक होने की अफवाह फैली थी. इसलिए बीएसएससी परीक्षा की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है.

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24 दिसंबर की परीक्षा खत्म होते ही वायरल हो गया था पेपरः बीएसएससी पेपर लीक मामले में एक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. इसमें आठ लोगों की गिरफ्तारी अब तक हो चुकी है. वहीं दूसरी एफआईआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. आर्थिक अपराध इकाई की शुरुआती जांच (Eou Investigation) में पता चला है कि दानापुर केबीएस कॉलेज के तीसरे चरण यानी 24 दिसंबर की परीक्षा समाप्त होते ही दोपहर 12:15 बजे के बाद पेपर वायरल कर दिया गया था.

परीक्षा शुरू होने के एक मिनट पहले पेपर लीक होने के सबूतः मिल रही जानकारी के अनुसार बीएसएससी की तीसरी पाली का पेपर परीक्षा शुरू होने के महज एक मिनट पहले लीक हुआ था. इस बात का सबूत आर्थिक अपराध इकाई की जांच में मिला है. इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने अलग-अलग जगह पर छापेमारी की है. सूत्रों के अनुसार इस मामले में दो लोगों को आर्थिक अपराध इकाई की टीम कब्जे में लेकर पूछताछ कर रही है, हालांकि इस पूरे मामले की ऑफिशियल पुष्टि नहीं की गई है.

खास कोडिंग की वजह से पता चल पाया पेपर लीक का मामलाः तीसरे चरण की परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में कई तरह के सवाल हैं. इसका जवाब आर्थिक अपराध इकाई जांच एजेंसी जाना चाहती है. बीएसएससी के द्वारा इस बार क्वेश्चन पेपर पर एक अलग तरह की कोडिंग की गई थी. इस कोडिंग को परीक्षा देने वाले कैंडिडेट सही तरीके से भांप नहीं पाए. इसका नतीजा है कि पेपर लीक करने के बाद इसी कोडिंग की वजह से पता चल पाया कि परीक्षा शुरू होने के एक मिनट पहले प्रश्नपत्र लीक हुआ था. इस बात की पुष्टि हुई है.

पटना और सुपौल से दो लोगों की हुई है गिरफ्तारीः आर्थिक अपराध इकाई द्वारा कब्जे में लिये गए दो लोगों की पहचान उजागर नहीं की गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि गुरुवार शाम तक आधिकारिक तौर पर बयान जारी की जाने की संभावना है. बीएसएससी की पहली और दूसरी पाली की परीक्षा 23 दिसंबर को हुई थी. इसमें पहली पाली का पेपर मोतिहारी के शांतिनिकेतन जुबली स्कूल से लीक हुआ था. इसमें कैंडिडेट और सॉल्वर को टीम ने पटना और सुपौल से छापामारी कर गिरफ्तार किया था.

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