पटना: बिहार में राजनीतिक दलों के लिए मिशन 2020 एक बड़ी चुनौती है. विधानसभा चुनाव से पहले विधान परिषद चुनाव में राजनीतिक दलों का लिटमस टेस्ट होगा. अगले साल अप्रैल-मई के महीने में आठ विधान परिषद की सीटों के लिए चुनाव होने हैं, जिसमें सभी राजनीतिक दल अपनी ताकत आजमाएंगे.
राजनेताओं के भाग्य का फैसला
आगामी विधान परिषद चुनाव में बिहार के कई बड़े राजनेताओं के भाग्य का फैसला होना है. बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार के अलावा बीजेपी के कद्दावर नेता नवल किशोर यादव चुनावी मैदान में होंगे. आठ विधान पार्षद में पांच फिलहाल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के कोटे में है.
एनडीए की ओर से पांच उम्मीदवार:
- नवल किशोर यादव पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से
- नीरज कुमार पटना ग्रेजुएट निर्वाचन क्षेत्र से
- दिलीप चौधरी दरभंगा ग्रेजुएट निर्वाचन क्षेत्र से
- देवेश ठाकुर त्रिभुज ग्रेजुएट निर्वाचन क्षेत्र से और
- एनके यादव भागलपुर ग्रेजुएट निर्वाचन क्षेत्र से
महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार :
- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा दरभंगा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से
- केदार पांडे सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से
- संजय सिंह तिरहूत शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से
देवेश ठाकुर की मजबूत दावेदारी
बता दें कि देवेश ठाकुर चौथी बार चुनाव के मैदान में होंगे. पिछले चुनाव में देवेश ठाकुर निर्दलीय चुनाव जीते थे. उससे पहले वह जेडीयू कोटे से चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे. इस बार देवेश ठाकुर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह एनडीए के उम्मीदवार होंगे.
'महागठबंधन का नहीं खुलेगा खाता'
बीजेपी नेता नवल किशोर यादव भी चुनावी मैदान में है. नवल किशोर यादव ने कहा कि हम लगातार जनता के बीच जाते रहते हैं. जिस तरीके से लोकसभा में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हुआ, उसी तरीके से विधान परिषद चुनाव में भी महागठबंधन का खाता नहीं खुलेगा.