पटना: बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारी चल रही है. राज्य में पहली बार ईवीएम के जरिए पंचायत चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है. हालांकि देश के कई राज्यों में पहले सफलतापूर्वक ईवीएम के जरिए पंचायत चुनाव कराए गए हैं. इसके लिए पंचायती राज विभाग द्वारा स्वीकृति दी जा चुकी है.
फरवरी में आएगा ईवीएम
राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार फरवरी में ईवीएम का खेप आना शुरू हो जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार ने करीब 120 करोड़ रुपए खर्च करने का बजट बनाया है. बिहार में करीब 2 लाख 90 हजार पदों के लिए उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे. किसके लिए करीब 15 हजार ईवीएम मशीन की व्यवस्था की जा रही है. इसमें 15 हजार कंट्रोल यूनिट और 90 हजार बैलेट यूनिट मशीनों की खरीद की जाएगी.
एक कंट्रोल यूनिट के साथ 6 बैलेट यूनिट जोड़ा जाएगा. सभी बैलेट यूनिट अलग रंगों का बनाया जाएगा ताकि वोटर को वोट डालते समय उम्मीदवारों के नाम और पद का चयन करने में दुविधा न हो. 12 हजार ईवीएम मशीनों से मतदान कराए जाएंगे. शेष 3 हजार मशीनों को अतिरिक्त रखा जाएगा.
नहीं करना होगा रिजल्ट का ज्यादा इंतजार
ईवीएम से चुनाव करने से रिजल्ट घोषणा के लिए उम्मीदवारों को ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा. चरणबद्ध तरीके से चुनाव का रिजल्ट भी घोषित किया जाएगा. अमूमन पंचायत चुनाव बैलट पेपर से होने के कारण रिजल्ट में एक माह तक इंतजार करना पड़ता था. ईवीएम से चुनाव होने के कारण इस बार रिजल्ट जल्द घोषित की जाएगी.
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नई तकनीक का हो रहा इस्तेमाल
ईवीएम मशीन में एसडीएमएम (सिक्योर डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल) डिवाइस होगा, जिसमें तमाम वोटिंग की संख्या जमा होगी. इसके बाद इस डिवाइस को कंट्रोल यूनिट से निकालकर स्ट्रांग रूम में जमा कर दिया जाएगा. गिनती के वक्त ईवीएम मशीन को जोड़कर वोटों की गिनती की जाएगी.
वोटिंग होने के बाद एसडीएमएम को सुरक्षित रखकर मशीन को दूसरी जगह वोटिंग के लिए भेज दिया जाएगा. ईवीएम मशीन से चुनाव को लेकर मशीन निर्माता कंपनी के द्वारा प्रजेंटेशन दिया जा चुका है.
पंचायत स्तर तक चलाया जाएगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
बिहार जैसे राज्य में ईवीएम के द्वारा पंचायत चुनाव कराना राज्य निर्वाचन आयोग के लिए बड़ी चुनौती है. बड़ी संख्या में वोटरों के साथ-साथ कई प्रत्याशी भी अशिक्षित या कम पढ़े लिखे हैं. इसके लिए आयोग सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की तैयारी कर रहा है. आयोग द्वारा जिला स्तर पर और जिला द्वारा प्रखंड और पंचायत से लेकर वार्ड स्तर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा.