पटना: बिहार में जल प्रलय अभी थमा नहीं है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर बिहार के 16 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. बड़े पैमाने पर क्षति हुई है. किसानों को भी काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. नुकसान और बाढ़ से उपजे हालातों का जायजा लेने के लिए कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने सात अति प्रभावित जिले का दौरा किया.
दौरा करने के बाद पटना पहुंचे कृषि मंत्री ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की. इस दौरान प्रेम कुमार ने कहा कि पूरे बिहार में आठ लाख हैक्टेयर से ज्यादा जमीन में फसल का नुकसान हुआ है. आपदा प्रबंधन विभाग के नियम के अनुसार किसानों को फसल क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी.
'बाढ़ पीड़ितों की हर संभव सहायता की जाएगी'
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बाढ़ के कारण आठ लाख हैक्टेयर से ज्यादा जमीन में लगे फसल का नुकसान हुआ है. प्रारंभिक आंकलन कराया जा रहा है. किसानों को आपदा प्रबंधन विभाग के नियम के अनुसार फसल क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी.
'पशुपालकों को दी जा रही मुआवजा राशि'
कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार के बाढ़ प्रभावित जिले में किसानों के साथ पशुपालकों को भी काफी नुकसान हुआ है. जिन पशुपालकों के मवेशियों की मौत हुई है. उनको सरकार प्रति पशु 30-30 हजार रुपये दे रही है. यह राशि किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए सरकार हर संभव मदद कर रही है. बाढ़ प्रभावित जिले में पशुओं के लिए आश्रय स्थल, चारे और दवा की व्यवस्था की जा रही है.
इन नदियों से बेहाल बिहार
गौरतलब है कि बिहार में अभी भी कई जिले से होकर बहने वाली नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है. गंडक, बूढ़ी गंडक, धनौती, मसान, कोशी, गंगा, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान और धौंस नदी के रौद्र रूप को अभी भी देखा जा सकता है. जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सीतामढ़ी में बागमती नदी, मुजफ्फरपुर और दरभंगा में बूढी गंडक नदी और सिवान में कई बरसाती नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही है.