पटना: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार विधान परिषद के सदस्य प्रेमचंद मिश्रा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राज्य के लोगों के लिए कोरोना टीका की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें केंद्र की कृपा की बजाए खुद पहल कर इसके लिए ग्लोबल टेंडर का सहारा लेना चाहिए.
बिहार विधान परिषद के सदस्य प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि देश के 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने खुद के साधन से अपने अपने राज्यों के लिए टीका का इंतजाम करने के उद्देश्य से ग्लोबल टेंडर का सहारा लिया है लेकिन यह दुखद और आश्चर्य का विषय है कि बिहार के जिन करोड़ों लोगों के समर्थन से नीतीश कुमार 16 साल से मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान हैं, उन्हीं लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए टीका का पर्याप्त इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं.
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''यह कितना दुर्भाग्य है कि 12-13 करोड़ की आबादी वाले राज्य को केंद्र सरकार ने कुछ लाख वैक्सीन का झुनझुना थमा दिया और मुख्यमंत्री हाथ पर हाथ धर कर बैठे हैं. सरकार बताएं कि अबतक कितने लोगों को टीका का दोनों डोज़ और कितने को प्रथम डोज़ मिला है. सरकार यह भी बताएं कि प्रथम डोज़ लेने वालों को दूसरा डोज़ कब तक मिलेगा.'' - प्रेमचंद मिश्रा, कांग्रेस नेता
'नीतीश केंद्र सरकार की दया पर निर्भर क्यों'
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि आखिर इतने महत्वपूर्ण, संवेदनशील और अनिवार्य विषय पर वे केंद्र सरकार की कृपा और दया पर निर्भर क्यों हो गए हैं. वे खुद के जरिए बिहार के लोगों के लिए टीका उपलब्ध कराने के लिए ग्लोबल टेंडर का सहारा क्यों ना ले रहे हैं. आखिर यह करोड़ों लोगों के जानमाल का सवाल है और सरकार के पास स्वास्थ्य विभाग का 13 हजार करोड़ का बजट भी मुख्यमंत्री राहत कोष के अतिरिक्त मौजूद है.
'क्या हुआ मुख्यमंत्री के मुफ्त टीके का वादा?'
कांग्रेसी नेता ने मुख्यमंत्री को स्मरण कराते हुए कहा कि चुनाव के वक्त उन्होंने और प्रधानमंत्री ने अनेकों चुनावी सभा मे राज्य के लोगों से यह वादा किया था कि सरकार में आने पर सभी को मुफ्त टीका लगाया जाएगा. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या आखिर उस वादा को भी बिहार के लोग जुमला समझ लें या आप कुछ करेंगे.