पटना: भारतीय रेल प्रशासन की ओर से यात्रियों को हर सुविधा मुहैया कराने का दावा एक बार फिर खोखला साबित हुआ है. दरअसल, चलती ट्रेन में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया और रेलवे अधिकारियों की सुस्ती के कारण जच्चा और बच्चा दोनों ने दम तोड़ दिया.
घटना डाउन मगध एक्सप्रेस संख्या 20802 के बोगी नंबर एस 6 की है. इलाहबाद के समीप महिला और बच्चे दोनों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि परिजनों ने रेल प्रशासन से बार-बार मदद मांगी थी.
पूरा विवरण
रसलपुरा मामला डाउन मगध एक्सप्रेस संख्या 20802 के बोगी नंबर एस 6 के सीट नंबर 42 पर बैठी महिला गर्भवती थी. मिली जानकारी के मुताबिक मधुबनी जिले के बाबूराही निवासी मोहम्मद मुजाहिद दिल्ली से अपनी 25 वर्षीय पत्नी नसीमा खातून के साथ पटना लौट रहे थे. नसीमा पिछले 8 माह से गर्भवती थी और उसे पीलिया की शिकायत थी. इसी का इलाज करवाने मोहम्मद मुजाहिद अपनी पत्नी को लेकर दिल्ली गए थे. मगध ट्रेन से वह वापस पटना आ रहे थे. इस दौरान इलाहाबाद स्टेशन आने के पहले ही गर्भवती नसीमा की हालत बिगड़ने लगी.
रेलवे हेल्पलाइन नंबर पर की शिकायत
गर्भवती की हालत बिगड़ते देख कर उसके पति ने तत्काल इसकी सूचना रेलवे हेल्पलाइन नंबर 182 को दी और मेडिकल फैसिलिटी मुहैया कराने की गुहार लगाई. रेलवे हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने के बाद भी मोहम्मद मुजाहिद को रेलवे अधिकारियों की ओर से कोई मदद नहीं मिली. रेलवे अधिकारियों से चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने के कारण गर्भवती ने मगध एक्सप्रेस में यात्रियों की मदद से बच्चे को जन्म दिया. बच्चे को जन्म देने के कुछ मिनट बाद ही जच्चा और बच्चा दोनों की मौत मगध एक्सप्रेस के सीट नंबर 42 पर ही हो गई.
पटना जंक्शन पर शव को उतारा
घटना की जानकारी मिलते ही पटना जंक्शन स्थित आरपीएफ की टीम ने मानवता दिखाया. उन्होंने पटना जंक्शन पर नसीमा के शव को रिसीव किया. इसके बाद पैतृक गांव मधुबनी भेज दिया गया. घटना के बाद मोहम्मद मुजाहिद और उनके 5 वर्षीय बेटे का रो-रोकर हाल बुरा है. वहीं मोहम्मद मुजाहिद ने दिल्ली से पटना आने के लिए रेलवे टीटी द्वारा सीट मुहैया कराने के नाम पर 15 सौ रुपए वसूलने का भी आरोप लगाया है.