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साइकिल से भारत भ्रमण के दौरान बिहार पहुंचे प्रतीक जाधव, 12 राज्यों का कर चुके हैं भ्रमण - patna news

प्रतीक जाधव ने बताया कि पहले भी कई यात्री अन्य देशों से भारत को घूमने और भारत को समझने आते रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपने देश को भी जानना चाहिए और देश की सांस्कृतिक विरासत को अपनी आंखों से देखने, समझने के लिए वह भारत की यात्रा पर वे निकले हैं.

प्रतीक जाधव
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Published : Jan 29, 2020, 9:49 AM IST

पटना: भारत की कला और संस्कृति को जानने और समझने के लिए पिछले छह महीनों से भारत भ्रमण पर निकले मुंबई के प्रतीक जाधव मंगलवार को पटना पहुंचे. यहां वे कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट में छात्रों से बातचीत की. साथ ही वे स्टूडेंट्स को अपनी यात्रा से जुड़े कई किस्से सुनाए.

इस दौरान ईटीवी भारत ने प्रतीक जाधव से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि वे अब तक नॉर्थ के 12 राज्यों का भ्रमण कर चुके हैं. उनका अगला मकसद नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों की पारंपरिक कला से रूबरू होना है. साथ ही उनकी यात्रा के दौरान विलुप्त हो रही कई कलाओं के प्रति लोगों को जागरूक करना है.

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भारत भ्रमण पर निकले प्रतीक जाधव

'बिहार की कला है प्रसिद्ध'
प्रतीक ने बताया कि बिहार की इस यात्रा में कॉलेज के पूर्व छात्र संजय कुमार, उमेश शर्मा का अहम योगदान है. उन्होंने बिहार को लेकर कहा कि भारत का जो इतिहास है वह ज्यादातर बिहार का ही है. यह वाक्य उन्होंने बिहार संग्रहालय में पढ़ा. वे कहते हैं कि बिहार के इतिहास को अच्छे से जानने की जरूरत है. बिहार की कला और विरासत काफी प्रसिद्ध है. उन्होंने ये बातें मधुबनी पेंटिंग, टेराकोटा आदि का उदाहरण देते कहा.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

18 महीने की है यात्रा
प्रतीक जाधव ने बताया कि पहले भी कई यात्री अन्य देशों से भारत को घूमने और भारत को समझने आते रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपने देश को भी जानना चाहिए और देश की सांस्कृतिक विरासत को अपनी आंखों से देखने, समझने के लिए वह भारत की यात्रा पर वे निकले हैं. प्रतीक ने आगे कहा कि उनकी यात्रा 18 महीने की है. जिसमें उन्होंने 6 महीने में भारत के 12 राज्य का भ्रमण किया है. भारत भ्रमण पर निकले प्रतीक ने कहा कि आगे वह नॉर्थ ईस्ट का भ्रमण करेंगे. जिसके बाद वह दक्षिण की ओर जाएंगे.

पटना: भारत की कला और संस्कृति को जानने और समझने के लिए पिछले छह महीनों से भारत भ्रमण पर निकले मुंबई के प्रतीक जाधव मंगलवार को पटना पहुंचे. यहां वे कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट में छात्रों से बातचीत की. साथ ही वे स्टूडेंट्स को अपनी यात्रा से जुड़े कई किस्से सुनाए.

इस दौरान ईटीवी भारत ने प्रतीक जाधव से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि वे अब तक नॉर्थ के 12 राज्यों का भ्रमण कर चुके हैं. उनका अगला मकसद नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों की पारंपरिक कला से रूबरू होना है. साथ ही उनकी यात्रा के दौरान विलुप्त हो रही कई कलाओं के प्रति लोगों को जागरूक करना है.

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भारत भ्रमण पर निकले प्रतीक जाधव

'बिहार की कला है प्रसिद्ध'
प्रतीक ने बताया कि बिहार की इस यात्रा में कॉलेज के पूर्व छात्र संजय कुमार, उमेश शर्मा का अहम योगदान है. उन्होंने बिहार को लेकर कहा कि भारत का जो इतिहास है वह ज्यादातर बिहार का ही है. यह वाक्य उन्होंने बिहार संग्रहालय में पढ़ा. वे कहते हैं कि बिहार के इतिहास को अच्छे से जानने की जरूरत है. बिहार की कला और विरासत काफी प्रसिद्ध है. उन्होंने ये बातें मधुबनी पेंटिंग, टेराकोटा आदि का उदाहरण देते कहा.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

18 महीने की है यात्रा
प्रतीक जाधव ने बताया कि पहले भी कई यात्री अन्य देशों से भारत को घूमने और भारत को समझने आते रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपने देश को भी जानना चाहिए और देश की सांस्कृतिक विरासत को अपनी आंखों से देखने, समझने के लिए वह भारत की यात्रा पर वे निकले हैं. प्रतीक ने आगे कहा कि उनकी यात्रा 18 महीने की है. जिसमें उन्होंने 6 महीने में भारत के 12 राज्य का भ्रमण किया है. भारत भ्रमण पर निकले प्रतीक ने कहा कि आगे वह नॉर्थ ईस्ट का भ्रमण करेंगे. जिसके बाद वह दक्षिण की ओर जाएंगे.

Intro:भारत की कला एवं संस्कृति को जानने और समझने के लिए पिछले छह महीनों से भारत भ्रमण पर निकले मुंबई के प्रतीक जाधव मंगलवार को कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट, पटना पहुंचें. इस दौरान उन्होंने कॉलेज के सभी स्टूडेंट्स से इंटरैक्ट किया. वे स्टूडेंट्स को अपनी यात्रा से जुड़े कई किस्से सुनाए. बातचीत में हीं उन्होंने बताया, अब तक वे नॉर्थ के 12 राज्यों का भ्रमण कर चुके हैं.


Body:अब उनका अगला मकसद नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों की पारंपरिक कला से रू-ब-रू होने का है. साथ ही उनके यात्रा के दौरान विलुप्त हो रही कई कलाओं के प्रति लोगों को जागरूक करना है. उन्होंने आगे बताया, बिहार की इस यात्रा में कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र संजय कुमार, उमेश शर्मा का अहम योगदान है. वहीं, बिहार को लेकर उन्होंने कहा, भारत का जो इतिहास है वह ज्यादातर बिहार का ही है. यह वाक्य उन्होंने बिहार संग्रहालय में पढ़ा. वे कहते हैं, बिहार के इतिहास को अच्छे से जानने की जरूरत है. बिहार की कला और विरासत काफी प्रसिद्ध है. जैसे- मधुबनी पेंटिंग, टेराकोटा आदि.



Conclusion:प्रतीक जाधव ने बताया कि पूर्व में भी कई यात्री अन्य देशों से भारत को घूमने और भारत को समझने आते रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपने देश को भी जानना चाहिए और देश की सांस्कृतिक विरासत को अपनी आंखों से देखने समझने के लिए वह भारत की यात्रा पर निकले हैं. उन्होंने कहा कि उनका यात्रा का कार्यक्रम 18 महीने का है जिसमें उन्होंने 6 महीने में भारत के 12 राज्य का भ्रमण किया है. उन्होंने कहा कि आगे वह नॉर्थ ईस्ट का भ्रमण करेंगे जिसके बाद वह दक्षिण की ओर जाएंगे.
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