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CAA-NRC के विरोध में प्रशांत किशोर, रोकने के बताए ये दो तरीके

प्रशांत किशोर ने सीएए और एनआरसी को रोकने के लिए सभी प्लेटफार्म पर अपनी आवाज शांतिपूर्वक उठाकर विरोध जारी रखने की सलाह दी है. उन्होंने सभी 16 गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों को अपने राज्यों में एनआरसी लागू न करने की मांग की है.

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Published : Dec 22, 2019, 5:39 PM IST

Updated : Dec 22, 2019, 6:35 PM IST

prashant kishor
prashant kishor

पटना: जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर एक बार फिर अपने बयान से चर्चा में हैं. प्रशांत किशोर पहले ही नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध कर चुके हैं. अब उन्होंने ट्वीट कर सीएए और एनआरसी को रोकने के लिए दो उपाय सुझाए हैं.

प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा, 'सीएए-एनआरसी के क्रियान्‍वयन को रोकने के दो प्रभावी तरीके हैं.
1. सभी प्लेटफार्मों पर अपनी आवाज उठाकर शांतिपूर्वक विरोध जारी रखें.
2. यह सुनिश्चित करें कि सभी 16 गैर बीजेपी शासित राज्‍यों या इनमें से अधिकांश प्रदेशों के सीएम एनआरसी को अपने राज्‍यों में न लागू होने देने पर सहमत हों. बाकी की जो भी महत्‍वपूर्ण चीजें हैं, वे प्रतीकात्‍मक हैं.'

  • Two effective ways to stop the implementation of #CAA_NRC are;

    (1) Keep protesting peacefully by raising your voice on all platforms, &

    (2) Ensure most if not ALL of the 16 Non BJP CMs say NO to NRC in their states.

    Everything else important as they may is largely tokenism.

    — Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 22, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
pk ने कांग्रेस पर उठाए सवाल
इससे पहले, प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था. उन्होंने सोनिया गांधी से एनआरसी के मुद्दे पर खुल कर सामने आने को कहा था. किशोर ने ट्वीट किया, 'सीएए-एनआरसी के खिलाफ नागरिकों की लड़ाई से कांग्रेस और उसका शीर्ष नेतृत्व सड़क से नदारद है. कम से कम आप कांग्रेस के सभी मुख्यमंत्रियों से कह सकते हैं कि वे इस बात की घोषणा करें कि अपने राज्य में एनआरसी लागू नहीं करेंगे. अन्यथा इस प्रकार की बयानबाजी के कोई मायने नहीं रह जाते हैं.'

बिहार में एनआरसी का क्या काम : नीतीश कुमार
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनआरसी के बिहार में लागू नहीं करने के बयान को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. मीडियाकर्मियों शुक्रवार को नीतीश से एनआरसी को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बेहद बेबाकी से कहा कि काहे का एनआरसी. यहां क्यों लागू होगा एनआरसी. एकदम लागू नहीं होगा.

पटना: जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर एक बार फिर अपने बयान से चर्चा में हैं. प्रशांत किशोर पहले ही नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध कर चुके हैं. अब उन्होंने ट्वीट कर सीएए और एनआरसी को रोकने के लिए दो उपाय सुझाए हैं.

प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा, 'सीएए-एनआरसी के क्रियान्‍वयन को रोकने के दो प्रभावी तरीके हैं.
1. सभी प्लेटफार्मों पर अपनी आवाज उठाकर शांतिपूर्वक विरोध जारी रखें.
2. यह सुनिश्चित करें कि सभी 16 गैर बीजेपी शासित राज्‍यों या इनमें से अधिकांश प्रदेशों के सीएम एनआरसी को अपने राज्‍यों में न लागू होने देने पर सहमत हों. बाकी की जो भी महत्‍वपूर्ण चीजें हैं, वे प्रतीकात्‍मक हैं.'

  • Two effective ways to stop the implementation of #CAA_NRC are;

    (1) Keep protesting peacefully by raising your voice on all platforms, &

    (2) Ensure most if not ALL of the 16 Non BJP CMs say NO to NRC in their states.

    Everything else important as they may is largely tokenism.

    — Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 22, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
pk ने कांग्रेस पर उठाए सवाल
इससे पहले, प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था. उन्होंने सोनिया गांधी से एनआरसी के मुद्दे पर खुल कर सामने आने को कहा था. किशोर ने ट्वीट किया, 'सीएए-एनआरसी के खिलाफ नागरिकों की लड़ाई से कांग्रेस और उसका शीर्ष नेतृत्व सड़क से नदारद है. कम से कम आप कांग्रेस के सभी मुख्यमंत्रियों से कह सकते हैं कि वे इस बात की घोषणा करें कि अपने राज्य में एनआरसी लागू नहीं करेंगे. अन्यथा इस प्रकार की बयानबाजी के कोई मायने नहीं रह जाते हैं.'

बिहार में एनआरसी का क्या काम : नीतीश कुमार
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनआरसी के बिहार में लागू नहीं करने के बयान को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. मीडियाकर्मियों शुक्रवार को नीतीश से एनआरसी को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बेहद बेबाकी से कहा कि काहे का एनआरसी. यहां क्यों लागू होगा एनआरसी. एकदम लागू नहीं होगा.

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Last Updated : Dec 22, 2019, 6:35 PM IST
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