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सुमो पर pk का पलटवार- परिस्थितिवश डिप्टी CM बने, उनसे व्याख्यान सुनना सुखद

सुमो ने ट्वीट कर पीके की बयानबाजी पर निशाना साधा था. इसके जवाब में प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट के जरिए उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी पर हमला किया है.

प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर
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Published : Dec 31, 2019, 12:16 PM IST

पटना: जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट के जरिए उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी पर हमला किया है. उन्होंने सुशील मोदी को परिस्थिति का डिप्टी सीएम कहा. पीके ने ट्वीट में लिखा है कि 2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश उप मुख्यमंत्री बनने वाले सुशील मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है.

  • बिहार में @NitishKumar का नेतृत्व और JDU की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं।

    2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश DY CM बनने वाले @SushilModi से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है।

    — Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 31, 2019 " '="" class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल, सुमो ने ट्वीट कर पीके की बयानबाजी पर निशाना साधा था. उन्होंने लिखा था कि 'प्रशांत किशोर बयानबाजी करके महागठबंधन को फायदा पहुंचा रहे हैं. 2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है. सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा. कोई समस्या नहीं है.' इस ट्वीट पर ही पीके ने जवाब दिया है.

  • 2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है। सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा। कोई समस्या नहीं है।

    लेकिन जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे....... pic.twitter.com/aCIUmFkFgL

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 30, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सुमो ने पीके पर साधा निशाना
सुशील मोदी ने ट्वीट में ये भी लिखा कि, 'कुछ लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डेटा जुटाने और नारे गढ़ने वाली कंपनी चलाते हुए राजनीति में आ गए, वे गठबंधन धर्म के विरुद्ध बयानबाजी कर विरोधी (विपक्षी) गठबंधन को फायदा पहुंचाने में लगे हैं.'

सीट बंटवारे के बयान को लेकर शुरू हुआ घमासान
बता दें कि ये सियासी घमासान जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बयान से शुरू हुआ. जिसमें उन्होंने कहा था कि साल 2020 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू को भाजपा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. प्रशांत किशोर ने इसके पीछे राज्य में एनडीए में जदयू की वरिष्ठता का हवाला देते हुए यह बात कही है.

पटना: जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट के जरिए उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी पर हमला किया है. उन्होंने सुशील मोदी को परिस्थिति का डिप्टी सीएम कहा. पीके ने ट्वीट में लिखा है कि 2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश उप मुख्यमंत्री बनने वाले सुशील मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है.

  • बिहार में @NitishKumar का नेतृत्व और JDU की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं।

    2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश DY CM बनने वाले @SushilModi से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है।

    — Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 31, 2019 " '="" class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल, सुमो ने ट्वीट कर पीके की बयानबाजी पर निशाना साधा था. उन्होंने लिखा था कि 'प्रशांत किशोर बयानबाजी करके महागठबंधन को फायदा पहुंचा रहे हैं. 2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है. सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा. कोई समस्या नहीं है.' इस ट्वीट पर ही पीके ने जवाब दिया है.

  • 2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है। सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा। कोई समस्या नहीं है।

    लेकिन जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे....... pic.twitter.com/aCIUmFkFgL

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 30, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सुमो ने पीके पर साधा निशाना
सुशील मोदी ने ट्वीट में ये भी लिखा कि, 'कुछ लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डेटा जुटाने और नारे गढ़ने वाली कंपनी चलाते हुए राजनीति में आ गए, वे गठबंधन धर्म के विरुद्ध बयानबाजी कर विरोधी (विपक्षी) गठबंधन को फायदा पहुंचाने में लगे हैं.'

सीट बंटवारे के बयान को लेकर शुरू हुआ घमासान
बता दें कि ये सियासी घमासान जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बयान से शुरू हुआ. जिसमें उन्होंने कहा था कि साल 2020 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू को भाजपा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. प्रशांत किशोर ने इसके पीछे राज्य में एनडीए में जदयू की वरिष्ठता का हवाला देते हुए यह बात कही है.

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