पटना: जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने डिप्टी सीएम सुशील मोदी के बयान पर पलटवार किया है. लगातार बीजेपी नेताओं पर निशाना साध रहे पीके ने सुशील मोदी का सीएम नीतीश के विरोध में दिये जा रहे बयान का एक पुराना वीडियो साझा करते हुए निशाना साधा है.
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, 'लोगों को चरित्र प्रमाण पत्र देने में सुशील कुमार मोदी जी का कोई जोड़ नहीं है. देखिए, इससे पहले बोलकर बता रहे थे और अब डिप्टी सीएम बना दिए गए तो लिख कर दे रहे हैं. इनकी क्रोनोलॉजी भी बिल्कुल क्लीयर है.'
ट्विटर वॉर
दरअसल, प्रशांत किशोर ने सुशील मोदी के उस ट्वीट का जवाब दिया है, जिसमें सुशील मोदी ने लिखा था, 'नीतीश कुमार जी के साथ यह विडम्बना अक्सर होती है कि अपनी उदारतावश वे जिनको फर्श से उठाकर अर्श पर बैठाते हैं, वे ही उनके लिए मुसीबत बनने लगते हैं. उन्होंने किसी को अपनी कुर्सी दी, कितनों को राज्यसभा का सदस्य बनवाया, किसी को गैरराजनीतिक गलियों से उठाकर संगठन में ऊंचा ओहदा दे दिया, लेकिन इनमें से कुछ लोगों ने थैंकलेस होने से गुरेज नहीं किया. राजनीति में भी हमेशा सब जायज नहीं होता है.'
प्रशांत किशोर का तंज
अब पीके ने सुशील मोदी के पुराने बयान को आधार बनाते हुए तंज कसा है. जिस वीडियो को पीके ने साझा किया है. उसमें सुशील मोदी कहते दिख रहे हैं कि नीतीश कुमार अपने आप को बिहार का पर्याय समझने लगे हैं. लेकिन, नीतीश इज नॉट बिहार एंड बिहार इज नॉट नीतीश कुमार जो लोग इंदिरा गांधी की तर्ज पर इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा. वो जमाना चला गया.
डीएनए पॉलिटिक्स
जिस वीडियो को पीके ने शेयर किया है उसमे डिप्टी सीएम सुशील मोदी नीतीश के डीएनए की बात कर रहे हैं. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश के डीएनए में विश्वासघात है, धोखाधड़ी है. उन्होंने जिस तरह से जीतन राम मांझी को धोखा दिया. जिस तरह से 17 साल की दोस्ती के बाद बीजेपी को धोखा दिया. जिस प्रकार से बिहार की जनता के जनादेश के साथ विश्वासघात किया. जिस व्यक्ति ने शिवानंद तिवारी से लेकर जॉर्ज फर्नांडीस तक के साथ विश्वासघात किया. लालू यादव के साथ धोखा दिया. ये विश्वासघात या धोखाधड़ी यह नीतीश कुमार का डीएनए है न कि बिहार के लोगों का डीएनए है.
- इससे पहले प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा था.
पार्टी लाइन से बाहर जा रहे पीके!
जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लगातार ट्विटर के माध्यम से सहयोगी दल बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. इस बाबत पार्टी के कई नेताओं ने कहना है कि ये उनकी व्यक्तिगत राय है. हाल ही में विवेकानंद जयंती पर मौजूद रहे आरसीपी सिंह ने तो यह तक कह दिया कि कौन क्या कहता है, उससे पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता. पार्टी संसद के दोनों सदनों में अपना स्टैंड पहले ही क्लीयर कर चुकी है. वहीं, पूरे मसले को लेकर सीएम नीतीश कुमार अभी तक मौन है. देखना होगा कि इसपर बीजेपी की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है. वहीं, सीएम नीतीश कुमार इस मामले पर क्या स्टैंड लेते हैं.