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Diwali 2023: दिवाली में डायन दीयों की खूब डिमांड, जानें क्या है इसके पीछे की पौराणिक परंपरा

दीपों का पर्व दिवाली को लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है. ऐसे में दिवाली की रात डायन दीया जलाने के भी एक पौराणिक परंपरा रही है. पटना के धनरुआ में कुम्हार कारीगर जोर-शोर से डायन दीया बनाने में जुट गए हैं.

डायन दीया जलाने की पौराणिक परंपरा
दीपावली पर डायन दीया जलाने की पौराणिक परंपरा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 8, 2023, 6:17 AM IST

पटना के धनरुआ में कुम्हार बना रहे डायन दीया

पटना: दिवाली पर्व को लेकर कई सारी पौराणिक मान्यताएं हैं. कहा जाता है कि दिवाली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष का वनवास काट कर वापस अपने नगरी लौटे थे, जिससे अयोध्यावासियों का हृदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से हर्षोल्लास से भर उठा था. उन्होंने श्री राम के स्वागत में घी के दीपक जलाए थे, तभी से हिंदू धर्म के लोग दीपावली का त्योहार मनाते आ रहे हैं. दीपावली में मिट्टी के दीये के साथ-साथ डायन दीया जलाने की भी परंपरा है.

डायन दीया जलाने की पौराणिक परंपरा: दिवाली में वैसे तो मिट्टी के दीये और चाईनीज बल्ब से हर घर जगमग होता है, लेकिन इस बीच दिवाली की रात डायन दीया जलाने की भी पुरानी परंपरा रही है. इसके पीछे कहानी यह भी है की डायन दीया जलाने से घर में बुरी शक्तियों का वास नहीं हो पाता है. यानी अगर दिवाली की रात चौखट पर डायन दिया जलाएंगे तो ऐसे में भूत, भानगढ़, गलत आत्मा का वास घर में नहीं होगा.

डायन दीया बनाते कुम्हार
डायन दीया बनाते कुम्हार

घर के चौखट पर जलाते हैं डायन दीया: घर में नकारात्मक शक्तियों का वास न हो इसको लेकर दिवाली की रात सभी लोग अपने घर के बाहर वाली चौखट पर डायन दीया जलाते हैं. डायन दीया की बाजारों में बहुत डिमांड रहती है. डायन दीया बनाने वाले कुम्हारों का कहना है कि हर घर में दीया जलाने की पुरानी परंपरा रही है, ऐसे में बाजार में इसकी खूब बिक्री होती है.

कुम्हार कारीगर बनाते हैं डायन दीया: पटना के धनरूआ के बरनी बाजार में कुम्हार कारीगरों के द्वारा डायन दीया बनाया जा रहा है. कुम्हार कारीगरों ने बताया कि डायन दीया में मिट्टी की एक महिला आकृति का पुतला बनाया जाता है, जिसमें पांच दीये लगाए जाते हैं. पांच छोटे-छोटे दीयों को घी डाल कर जलाया जाता है तो पांच तत्व का प्रतिनिधित्व करता है.

कुम्हारों द्वारा बनाया गया डायन दीया
कुम्हारों द्वारा बनाया गया डायन दीया

"दिवाली में डायन दिया की बाजारों में खूब डिमांड होती है. डायन दिया बनाने के लिए हम लोग दिवाली आने से 2 महीना पहले से ही तैयारियों में जुट जाते हैं. डायन दीया जलाने से बुरी शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करती हैं"- आशा देवी, कुम्हार

ये भी पढ़ें :- दीपावली विशेष : बिहार के इस मंदिर में लड्डू चढ़ाने के लिए भक्त लगाते हैं लाखों की बोली

पटना के धनरुआ में कुम्हार बना रहे डायन दीया

पटना: दिवाली पर्व को लेकर कई सारी पौराणिक मान्यताएं हैं. कहा जाता है कि दिवाली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष का वनवास काट कर वापस अपने नगरी लौटे थे, जिससे अयोध्यावासियों का हृदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से हर्षोल्लास से भर उठा था. उन्होंने श्री राम के स्वागत में घी के दीपक जलाए थे, तभी से हिंदू धर्म के लोग दीपावली का त्योहार मनाते आ रहे हैं. दीपावली में मिट्टी के दीये के साथ-साथ डायन दीया जलाने की भी परंपरा है.

डायन दीया जलाने की पौराणिक परंपरा: दिवाली में वैसे तो मिट्टी के दीये और चाईनीज बल्ब से हर घर जगमग होता है, लेकिन इस बीच दिवाली की रात डायन दीया जलाने की भी पुरानी परंपरा रही है. इसके पीछे कहानी यह भी है की डायन दीया जलाने से घर में बुरी शक्तियों का वास नहीं हो पाता है. यानी अगर दिवाली की रात चौखट पर डायन दिया जलाएंगे तो ऐसे में भूत, भानगढ़, गलत आत्मा का वास घर में नहीं होगा.

डायन दीया बनाते कुम्हार
डायन दीया बनाते कुम्हार

घर के चौखट पर जलाते हैं डायन दीया: घर में नकारात्मक शक्तियों का वास न हो इसको लेकर दिवाली की रात सभी लोग अपने घर के बाहर वाली चौखट पर डायन दीया जलाते हैं. डायन दीया की बाजारों में बहुत डिमांड रहती है. डायन दीया बनाने वाले कुम्हारों का कहना है कि हर घर में दीया जलाने की पुरानी परंपरा रही है, ऐसे में बाजार में इसकी खूब बिक्री होती है.

कुम्हार कारीगर बनाते हैं डायन दीया: पटना के धनरूआ के बरनी बाजार में कुम्हार कारीगरों के द्वारा डायन दीया बनाया जा रहा है. कुम्हार कारीगरों ने बताया कि डायन दीया में मिट्टी की एक महिला आकृति का पुतला बनाया जाता है, जिसमें पांच दीये लगाए जाते हैं. पांच छोटे-छोटे दीयों को घी डाल कर जलाया जाता है तो पांच तत्व का प्रतिनिधित्व करता है.

कुम्हारों द्वारा बनाया गया डायन दीया
कुम्हारों द्वारा बनाया गया डायन दीया

"दिवाली में डायन दिया की बाजारों में खूब डिमांड होती है. डायन दिया बनाने के लिए हम लोग दिवाली आने से 2 महीना पहले से ही तैयारियों में जुट जाते हैं. डायन दीया जलाने से बुरी शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करती हैं"- आशा देवी, कुम्हार

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