पटना: बिहार में नियुक्ति प्रक्रिया (Recruitment Of Assistant Engineers In Bihar) किस रफ्तार से चल रही है उसका सबसे बड़ा उदाहरण सहायक अभियंताओं की नियुक्ति का मामला है. बीपीएससी की ओर से सहायक अभियंताओं के 1241 पद पर चयन करने के बाद सरकार को सूची सौंपे लगभग 4 महीने हो चुके हैं लेकिन, अभियंताओं की नियुक्ति अब तक नहीं हुई है. बीपीएससी ने सूची पथ निर्माण विभाग (BPSC Handed Over List To Road Construction Department) को सौंपा है, जो नोडल विभाग है. पथ निर्माण विभाग को ही अब सभी विभागों में अभियंताओं को उनके मेरिट और च्वाइस के आधार पर भेजना है.
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बीपीएससी की ओर से 1241 अभियंताओं की चयन प्रक्रिया पूरी करने के बाद अगस्त में सूची सरकार को सौंपी गई थी. जो नियुक्ति प्रक्रिया की गई उसमें जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग, पीएचईडी और लघु जल संसाधन विभाग में खाली पदों को भरना है.
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बीपीएससी की ओर से जो 1241 सहायक अभियंताओं की जो सूची सौंपी गई है उसमें से 1188 अभियंताओं ने पथ निर्माण विभाग में नियुक्ति का पहला च्वाइस दिया है. 36 अभियंताओं ने भवन निर्माण विभाग में पहला चॉइस दिया है तो, वहीं 10 अभियंताओं ने जल संसाधन में अपना पहला च्वाइस दिया है जबकि 6 अभियंताओं ने योजना एवं विकास विभाग में अपना पहला च्वाइस दिया है.
कौन से विभाग में कितने सहायक अभियंताओं को भरा जाना है.
- जल संसाधन- 284
- योजना एवं विकास- 270
- ग्रामीण कार्य- 250
- पथ निर्माण- 236
- भवन निर्माण- 122
- पीएचईडी- 64
- लघु जल संसाधन- 31
बिहार में 6322 अभियंताओं के स्वीकृत पद हैं और इसमें से 4000 से अधिक फिलहाल रिक्त हैं. ऐसे में 4 महीने बाद भी सहायक अभियंताओं के 1241 पद की सूची बीपीएससी के तरफ से देने के बाद भी नियुक्ति नहीं किये जाने पर बिहार अभियंता संघ के पूर्व महासचिव सुनील कुमार चौधरी का कहना है कि पूरा मामला ग्रेडिंग के कारण फंसा हुआ है.
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"अभियंताओं ने जो च्वाइस दिया है उसी के कारण परेशानी हो रही है. अभियंताओं की नियुक्ति नहीं होने से विकास कार्य पर भी असर पड़ रहा है. बीपीएसी ने जो रिजल्ट निकाला वो सीधा नोडल एजेंसी को भेज दिया. अपर मुख्य सचिव का तबादला होने से भी परेशानी हुई है."- सुनील कुमार चौधरी, पूर्व महासचिव, बिहार अभियंता संघ
पूरे मामले में बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Nitin Naveen On Recruitment Of Assistant Engineers ) का कहना है कि, तकनीकी त्रुटि के कारण ही मामला फंसा हुआ है. बीपीएससी ने जब सूची बनाई तो उसी समय मेरिट और चॉइस के आधार पर सूची तैयार करनी चाहिए थी.
"बीपीएससी ने मेरिट और च्वाइस के आधार पर सूची पहले तैयारी नहीं की थी. हम लोगों ने लीगल आस्पेक्टस भी देखा है और सभी तकनीकी पहलुओं को देखने के बाद अब नियुक्ति को अंतिम रूप दिया जा रहा है और अब 1 से 2 दिन में सूची जारी कर दी जाएगी."- नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री, बिहार
बिहार में इंजीनियर के 64% से अधिक पद खाली पड़े हैं. 1241 अभियंताओं की नियुक्ति के बाद भी बड़ी संख्या में पद खाली रहेंगे. अभियंताओं के पद खाली रहने का सीधा असर विकास के कार्यों पर भी पड़ता है.
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