पटना: राजधानी में इन दिनों सर्दी का सितम जोरों पर है. यहां शाम होते ही तापमान में गिरावट के कारण फुटपाथ पर रहने वाले लोगों को बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. शहरों में रहने वाले बेघरों को रात में सोने के लिए जगह ढूंढना एक बड़ी चुनौती होती है. इन्हें कड़ाके की सर्दी में खुले आसमान में सोना पड़ता है.
नगर निगम की तरफ से पटना के कई इलाकों में कुल 15 रैन बसेरे फरवरी तक बनाए जाने को कहा गया है. इसमें 50-50 की संख्या में लोगों को ठहरने की सुविधा होने के दावे किए गए हैं. लेकिन हर वर्ष किए गए ये दावे अब दावे ही रह गए है. आज भी गरीब खुले आसमान के नीचे इस कड़कड़ाती ठंड में सोने को विवश है.
बर्फ जमा देने वाली ठंड
राजधानी में बीते कई सालों में काफी कुछ बदला है. लेकिन नहीं बदली है, तो बस एक तस्वीर और वो है गरीब की रात, जो आज भी खुले आसमान के नीचे सोता है. बता दें कि ठेले वाले, रिक्शे वाले और अन्य गरीब वर्ग के लोग आज भी कई चौक-चौराहे पर खुले आसमान के नीचे बर्फ जमा देने वाली ठंडी रात में चादर, कंबल, प्लास्टिक, फुटपाथ पर कागज और कूट को जलाकर उसकी गर्मी के सहारे रात गुजारते नजर आते हैं.