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बिना मेडिसिन के रोज मर रहे हैं मरीज, अस्पताल में रखी-रखी बर्बाद हो रही दवाइयां

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Published : Nov 29, 2020, 1:13 PM IST

गर्दनीबाग अनुमंडलीय अस्पताल की तस्वीरें सरकारी महकमे के रवैए की सीधे तौर पर पोल खोल रही है. यहां बिना इस्तेमाल किए दवाइयां और इंजेक्शन बर्बाद हो रहे हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

patna
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पटनाः राजधानी के गर्दनीबाग अनुमंडलीय अस्पताल की व्यवस्था काफी लचर हो गई है. अस्पताल सिविल सर्जन के अधीन आता है और उनका कार्यालय भी ठीक इसके बगल में है. सिविल सर्जन कार्यालय में रखे हजारों लीटर सलाइन की बोतलें एक्सपायर कर गई हैं. इसके साथ ही कई अन्य दवाइंया और जरूरी इंजेक्शन बर्बाद हो रहे हैं, लेकिन कोई इसकी सुध लेने वाला नहीं है.

एक्सपायर हो रहे इंजेक्शन
सिविल सर्जन कार्यालय में डेक्सट्रोज इंजेक्शन ( सलाइन वॉटर ) की हजारों बोतलें पड़ी हुई है जो इस साल नवंबर के महीने में एक्सपायर होने वाली हैं. इन बोतलों की मैन्युफैक्चरिंग दिसंबर 2017 की है. ऐसे में यह सरकार के संसाधनों की इस प्रकार से बर्बादी सरकारी महकमे के रवैए की सीधे तौर पर पोल खोल रही है.

गर्दनीबाग अनुमंडलीय अस्पताल की तस्वीरें

साफ-सफाई का नहीं रखा जा रहा ध्यान
गर्दानीबाग अस्पताल की स्थिति बदहाल है. अस्पताल के महिला एवं प्रसूति विभाग के कमरे के सभी बेड सड़ चुके हैं. बेड का गद्दा पूरी तरह से फट चुका है और उसपर चादर की व्यवस्था भी नहीं है. इसके साथ ही साफ सफाई पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

बेड की खराब स्थिति
बेड की खराब स्थिति

सरकारी व्यवस्था की पोल
कोरोना काल में सरकार जहां लोगों से स्वच्छता बनाए रखने की अपील कर रही है. वहीं अस्पताल में पल्स पोलियो किट भी असुरक्षित तरीके से इधर-उधर बिखरी हुई नजर आ रही है. सरकार बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के लाख दावे कर ले, लेकिन तस्वीरें कुछ और हीं बयां करती नजर आ रही हैं.

पटनाः राजधानी के गर्दनीबाग अनुमंडलीय अस्पताल की व्यवस्था काफी लचर हो गई है. अस्पताल सिविल सर्जन के अधीन आता है और उनका कार्यालय भी ठीक इसके बगल में है. सिविल सर्जन कार्यालय में रखे हजारों लीटर सलाइन की बोतलें एक्सपायर कर गई हैं. इसके साथ ही कई अन्य दवाइंया और जरूरी इंजेक्शन बर्बाद हो रहे हैं, लेकिन कोई इसकी सुध लेने वाला नहीं है.

एक्सपायर हो रहे इंजेक्शन
सिविल सर्जन कार्यालय में डेक्सट्रोज इंजेक्शन ( सलाइन वॉटर ) की हजारों बोतलें पड़ी हुई है जो इस साल नवंबर के महीने में एक्सपायर होने वाली हैं. इन बोतलों की मैन्युफैक्चरिंग दिसंबर 2017 की है. ऐसे में यह सरकार के संसाधनों की इस प्रकार से बर्बादी सरकारी महकमे के रवैए की सीधे तौर पर पोल खोल रही है.

गर्दनीबाग अनुमंडलीय अस्पताल की तस्वीरें

साफ-सफाई का नहीं रखा जा रहा ध्यान
गर्दानीबाग अस्पताल की स्थिति बदहाल है. अस्पताल के महिला एवं प्रसूति विभाग के कमरे के सभी बेड सड़ चुके हैं. बेड का गद्दा पूरी तरह से फट चुका है और उसपर चादर की व्यवस्था भी नहीं है. इसके साथ ही साफ सफाई पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

बेड की खराब स्थिति
बेड की खराब स्थिति

सरकारी व्यवस्था की पोल
कोरोना काल में सरकार जहां लोगों से स्वच्छता बनाए रखने की अपील कर रही है. वहीं अस्पताल में पल्स पोलियो किट भी असुरक्षित तरीके से इधर-उधर बिखरी हुई नजर आ रही है. सरकार बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के लाख दावे कर ले, लेकिन तस्वीरें कुछ और हीं बयां करती नजर आ रही हैं.

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