पटनाः बिहार में पूर्ण शराबबंदी है. लेकिन शराब से मौतों का सिलसिला भी जारी है. जहरीली शराब का सेवन लोग कर रहे हैं और मौत के मुंह में समा रहे हैं. 20 लोगों की छपरा में जहरीली शराब मौत हो गई. जहरीली शराब से मौत का मामला बिहार विधानसभा में भी गूंजा. भाजपा ने शराबबंदी नीति पर सवाल किए और जहरीली शराब से हो रही मौतों को लेकर सरकार को घेरा तो सीएम नीतीश कुमार आक्रमक हो गए और धमकी भरे लहजे में भाजपा सदस्यों को चेताया. इसके बाद से सदन के बाहर और भीतर विपक्ष के साथ राजद विधायक सुधाकर सिंह भी हमलावर (Politics On Spurious Liquor In Chapra ) हैं.
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"सरकार की शराबबंदी नीति पूरी तरह फेल है और सरकार में बैठे लोगों के समर्थन से शराब का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है. नीतीश कुमार ने सदन में जिस तरीके का व्यवहार किया वह अशोभनीय है. मुख्यमंत्री विपक्ष की आवाज को दबाना चाहते हैं."-आलोक रंजन झा, पूर्व मंत्री
"सरकार की शराबबंदी नीति पूरी तरह फेल है. जहरीली शराब से बेकसूर लोग मर रहे हैं. मैं तो मांग करूंगा कि जहरीली शराब से मौत के मामले में न्यायिक आयोग का गठन हो. सरकार को गंभीरता से विचार करनी चाहिए."- सुधाकर सिंह, राजद विधायक
"सरकार शराबबंदी को सख्ती से लागू करना चाहती है. कुछ लोग अवैध कारोबार में जुटे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है. विपक्ष को अगर कुछ सूचना मिलती है तो उन्हें सरकार को बताना चाहिए. शराब पीने वालों की संख्या में कमी आयी है. अगर जहरीली शराब पीने से मौत हो रही है तो इसका निष्कर्ष क्या निकलता है कि लोगों को शराब नहीं पीना चाहिए."- विजय चौधरी, वित्त मंत्री
क्या है मामलाः बिहार के सारण जिले के मशरक और इसुआपुर थाना क्षेत्र (Isuapur police station) में 20 लोगों की संदिग्ध मौत हो गई. जबकि कई बीमार लोग अस्पताल में इलाजरत हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि सभी की मौत (Many People Died from Poisonous liquor in chapra) जहरीली शराब पीने से हुई है. हालांकि प्रशासन जहरीली शराब पीने से मौत की पुष्टि नहीं कर रहा है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. वहीं, सूत्रों के हवाले से करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मृत्यु की सूचना मिल रही है.