पटना: रमजान का पाक महीना चल रहा है. इस्लाम धर्म को मानने वाले रोजा रखते हैं. शाम में इफ्तार किया जाता है. इस मौके पर गंगा जमुनी तहजीब के तहत दावत ए इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जाता है. राजनीतिक पार्टियां भी इफ्तार पार्टी देती है. बिहार में इफ्तार पार्टी खूब चर्चा रहती है. तमाम राजनीतिक दल अल्पसंख्यकों के लिए इफ्तार का आयोजन करते हैं. राजनीतिक गलियारे में इसे वोट की राजनीति (politics on iftar) भी कहते हैं.
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महागठबंधन के नेता विरोध कर रहे हैं: भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि बिहार दंगों की आग में झुलसा हुआ है, पीड़ितों के घर में जाकर मरहम लगाने की जरूरत है. पीड़ितों को छत और रोटी की दरकार है बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दावते इफ्तार में व्यस्त हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री को रामनवमी के दौरान शोभायात्रा सफलतापूर्वक निकलना कबूल नहीं था. उन्होंने कहा कि अब तो महागठबंधन के लोग दावत ए इफ्तार का विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस नेता अजमी बारी ने दावत इफ्तार के आमंत्रण को लौटा दिया है.
इफ्तार पार्टी पर राजनीति गरमायीः शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था. सभी पार्टियों के नेताओं काे भी निमंत्रण भेजा गया था. भाजपा ने इस पार्टी का बहिष्कार किया था. उनका मानना था कि सासाराम और नालंदा में सांप्रदायिक दंगे हुए हैं. जान माल का भी नुकसान हुआ है. दोनों जिलों के लोग कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं, ऐसे में दावते इफ्तार का बहिष्कार किया. बता दें कि नीतीश कुमार के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी दावते इफ्तार का आयोजन करने जा रहे हैं, जनता दल यूनाइटेड की ओर से ही दावते इफ्तार का आयोजन किया गया है.
"बिहार दंगों की आग में झुलसा हुआ है, पीड़ितों के घर में जाकर मरहम लगाने की जरूरत है पीड़ितों को छत और रोटी की दरकार है. अब तो महागठबंधन के लोग दावत ए इफ्तार का विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस नेता अजमी बारी ने दावत ए इफ्तार के आमंत्रण को लौटा दिया"- निखिल आनंद, भाजपा प्रवक्ता