पटना: फोर्स रिटायरमेंट को लेकर बिहार सरकार द्वारा लिए गए निर्णय पर सियासत शुरू हो गई है. विपक्ष ने इसे लेकर सीएम नीतीश कुमार पर सियासी हमला बोला है. आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि अगर यदि उम्र और अक्षमता पैमाना है तो खुद नीतीश कुमार सीएम पद पर बने रहने के काबिल नहीं हैं. जिसके जवाब में जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि अभी तो बस कमेटी का गठन ही हुआ है और विपक्ष निष्कर्ष निकालने लगा है.
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
राज्य सरकार के इस निर्णय पर विपक्ष ने सियासत शुरू कर दिया है. राजद ने इसे लेकर सरकार पर हमला बोला है और सरकार के फैसले को तुगलकी फरमान बताया है.
'बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 69 वर्ष के हो चुके हैं और वह मुख्यमंत्री के पद को संभालने के लिए अक्षम है. इसलिए सबसे पहले उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. श्याम रजक ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार महात्मा गांधी का दुहाई देते फिरते हैं. गांधी ने कहा है कि जब किसी को एक उंगली दिखाते हैं तो सबसे पहले यह देखना जरूरी है कि 4 चार उंगलियां आपके तरफ है. नीतीश कुमार खुद मुख्यमंत्री बने योग्य नहीं हैं और वह सरकारी कर्मचारियों का पैमाना तय कर रहे हैं.' - श्याम रजक, पूर्व मंत्री
विपक्ष पर सरकार का पलटवार
विपक्ष के आरोप पर जदयू ने पटलवार किया है. जदयू का मानना है कि कार्यपालिका को अपना गुणवत्ता कायम रखने का अधिकार है. इस लिए गृह विभाग की ओर से कमेटी बनाई गई है. इसका फलाफल क्या होगा, यह अभी तय नहीं हुआ है. लेकिन विपक्ष अभी से निष्कर्ष निकालना शुरू कर दिया है.
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'नीशीत कुमार के शासन काल में कार्य में गुणवत्ता महत्वपूर्ण है. फोर्स रिटायरमेंट को लेकर अभी तो सिर्फ कमेटी बनी है और विपक्ष के द्वारा बयानबाजी शुरू हो गई है. जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है.यह कमेटी तय करेगी कि किस आधार पर 50 वर्ष के ऊपर के कर्मचारी को सेवानिवृत्त किया जाएगा.' - नीरज कुमार, जदयू एमएलसी