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जदयू का आरोप, जानबूझकर संसद के कार्य अवधि को कम कर रही है केंद्र सरकार

संसद का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से छह दिन पहले शुक्रवार (23 दिसंबर) को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया (Parliament Adjourned). इस विपक्ष की ओर से लगातार राजनीतिक बयानबाजी की जा रही. इसी कड़ी में जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाये हैं. पढ़ें पूरी खबर..

जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा
जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा
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Published : Dec 24, 2022, 6:56 PM IST

Updated : Dec 24, 2022, 7:08 PM IST

संसद का शीतकालीन सत्र

पटनाः संसद का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित (Adjournment Of Winter Session Of Parliament ) कर दिया गया है. शुक्रवार को सत्र स्थगित किये जाने के बाद से विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार को घेरने में लगी (Politics On Adjournment Of Winter Session) है. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि समय से पहले संसद का सत्र स्थगित करना कहीं से भी उचित नहीं है. यह सरकार का तानाशाही रवैया है. सरकार सदन में बिल नहीं पेश करती है बल्कि अध्यादेश जारी करती है.

ये भी पढ़ें-संसद में गूंजा छपरा जहरीली शराब कांड का मुद्दा, चिराग से लेकर रविशंकर तक ने नीतीश सरकार को घेरा

"केंद्र सराकर जानबूझकर संसद के कार्य अवधि को कम कर रही है, जो कहीं से भी उचित नहीं है. सदन को कार्य अवधि कम होने से जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्रों की समस्याओं को प्रमुखता से नहीं रख पाते हैं."-अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता

मोदी सरकार अध्यादेश के जरिए कर रही है मनमानीः अभिषेक झा ने कहा कि 29 दिसंबर तक संसद सत्र निर्धारित था. क्रिसमस के बहाने इस बार सदन की कार्यवाही समय से पहले टाल दिया गया है. यह कहीं से भी उचित नहीं है उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं इस सरकार के तानाशाही रवैया के बारे में अगर सच्चाई समझना है तो इससे समझा जा सकता है कि यह सरकार सदन में बिल नहीं पेश करती है, बल्कि अध्यादेश जारी करती है. विपक्ष के विरोध के बावजूद सदन में अध्यादेश पारित किए जा रहे हैं. कहीं ना कहीं या संसदीय प्रणाली के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया को मोदी सरकार अध्यादेश के जरिए सरकार अपनी मनमानी कर रही है.


बिहार में ठीक ढंग से चलाया जाता है सत्रः अभिषेक झा से जब सवाल किया गया कि बिहार में विधानमंडल सत्र को लेकर भी सत्ताधारी दल के ही नेता इस बात को कहते रहे हैं कि बिहार में भी सदन की कार्यवाही राज्य सरकार अपने ढंग से चलाती है. उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह की बात कर रहे हैं, वह गलत हैं और पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं. महागठबंधन में रहकर इस तरह की बात करते हैं. बिहार में ऐसा कुछ नहीं है. यहां पर जब कभी भी विधानसभा का सत्र शुरू होता है, तो ठीक ढंग से चलाया जाता है.

सुधाकर सिंह के आरोपों को किया खारिजः जदयू प्रवक्त ने कहा कि जो बिल होता है, वह सदन में पेश किया जाता है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राजद के विधायक सुधाकर सिंह ने आरोप लगाया था कि बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र बहुत छोटा हुआ, जिस कारण जनप्रतिनिधियों का काम नहीं हुआ है. उन्होंने यह भी कहा था कि बिहार में सदन पूरे साल में 60 दिन भी नहीं चल पाती है, जो कि गलत है. इस पर जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि यह पूर्वाग्रह से ग्रसित बयान है. उन्होंने साफ-साफ कहा है कि बिहार में ऐसा कुछ नहीं है. बिहार में विधानमंडल का सत्र समय से चलाया जाता है और जनहित के मुद्दे को प्रमुखता से स्थान देकर उस पर चर्चा की जाती है.


क्या है मामलाः चीन के साथ सीमा पर तनाव के मुद्दे पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग के बीच संसद का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से छह दिन पहले शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने निचले सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि 17वीं लोकसभा का 10वां सत्र समाप्त हो रहा है जिसकी शुरुआत 7 दिसंबर को हुई थी. उन्होंने बताया, 'इस सत्र के दौरान 13 बैठकें हुईं, जिनमें 68 घंटे 42 मिनट कामकाज हुआ. इस सत्र की कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही.'

संसद का शीतकालीन सत्र

पटनाः संसद का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित (Adjournment Of Winter Session Of Parliament ) कर दिया गया है. शुक्रवार को सत्र स्थगित किये जाने के बाद से विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार को घेरने में लगी (Politics On Adjournment Of Winter Session) है. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि समय से पहले संसद का सत्र स्थगित करना कहीं से भी उचित नहीं है. यह सरकार का तानाशाही रवैया है. सरकार सदन में बिल नहीं पेश करती है बल्कि अध्यादेश जारी करती है.

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"केंद्र सराकर जानबूझकर संसद के कार्य अवधि को कम कर रही है, जो कहीं से भी उचित नहीं है. सदन को कार्य अवधि कम होने से जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्रों की समस्याओं को प्रमुखता से नहीं रख पाते हैं."-अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता

मोदी सरकार अध्यादेश के जरिए कर रही है मनमानीः अभिषेक झा ने कहा कि 29 दिसंबर तक संसद सत्र निर्धारित था. क्रिसमस के बहाने इस बार सदन की कार्यवाही समय से पहले टाल दिया गया है. यह कहीं से भी उचित नहीं है उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं इस सरकार के तानाशाही रवैया के बारे में अगर सच्चाई समझना है तो इससे समझा जा सकता है कि यह सरकार सदन में बिल नहीं पेश करती है, बल्कि अध्यादेश जारी करती है. विपक्ष के विरोध के बावजूद सदन में अध्यादेश पारित किए जा रहे हैं. कहीं ना कहीं या संसदीय प्रणाली के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया को मोदी सरकार अध्यादेश के जरिए सरकार अपनी मनमानी कर रही है.


बिहार में ठीक ढंग से चलाया जाता है सत्रः अभिषेक झा से जब सवाल किया गया कि बिहार में विधानमंडल सत्र को लेकर भी सत्ताधारी दल के ही नेता इस बात को कहते रहे हैं कि बिहार में भी सदन की कार्यवाही राज्य सरकार अपने ढंग से चलाती है. उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह की बात कर रहे हैं, वह गलत हैं और पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं. महागठबंधन में रहकर इस तरह की बात करते हैं. बिहार में ऐसा कुछ नहीं है. यहां पर जब कभी भी विधानसभा का सत्र शुरू होता है, तो ठीक ढंग से चलाया जाता है.

सुधाकर सिंह के आरोपों को किया खारिजः जदयू प्रवक्त ने कहा कि जो बिल होता है, वह सदन में पेश किया जाता है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राजद के विधायक सुधाकर सिंह ने आरोप लगाया था कि बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र बहुत छोटा हुआ, जिस कारण जनप्रतिनिधियों का काम नहीं हुआ है. उन्होंने यह भी कहा था कि बिहार में सदन पूरे साल में 60 दिन भी नहीं चल पाती है, जो कि गलत है. इस पर जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि यह पूर्वाग्रह से ग्रसित बयान है. उन्होंने साफ-साफ कहा है कि बिहार में ऐसा कुछ नहीं है. बिहार में विधानमंडल का सत्र समय से चलाया जाता है और जनहित के मुद्दे को प्रमुखता से स्थान देकर उस पर चर्चा की जाती है.


क्या है मामलाः चीन के साथ सीमा पर तनाव के मुद्दे पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग के बीच संसद का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से छह दिन पहले शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने निचले सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि 17वीं लोकसभा का 10वां सत्र समाप्त हो रहा है जिसकी शुरुआत 7 दिसंबर को हुई थी. उन्होंने बताया, 'इस सत्र के दौरान 13 बैठकें हुईं, जिनमें 68 घंटे 42 मिनट कामकाज हुआ. इस सत्र की कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही.'

Last Updated : Dec 24, 2022, 7:08 PM IST
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