पटना: पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) की मेयर सीता साहू (Sita Sahu) के गुट की तरफ से लाये गए अविश्वास प्रस्ताव के चलते शुक्रवार को डिप्टी मेयर मीरा देवी की कुर्सी चली गई थी. अब डिप्टी मेयर की कुर्सी पाने के लिए नगर निगम की राजनीति तेज हो गई है. डिप्टी मेयर बनने की रेस में मेयर गुट के 5 पार्षदों के नाम की चर्चा है. वहीं, विपक्षी गुट अभी मेयर गुट द्वारा नाम तय करने का इंतजार कर रहा है.
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पिछले सोमवार को डिप्टी मेयर मीरा देवी के खिलाफ 29 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था, जिसपर शुक्रवार को चर्चा हुई. चर्चा के बाद वोटिंग कराई गई. वोटिंग में डिप्टी मेयर मीरा देवी की कुर्सी चली गई. उनके पक्ष में मात्र 2 पार्षदों ने ही वोट दिया. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 38 पार्षदों ने वोट दिया था. नगर निगम सूत्रों के अनुसार डिप्टी मेयर के पद के लिए मेयर गुट के 5 नामों की चर्चा तेज हो गई है.
सबसे पहले 2019 में मेयर गुट की तरफ से डिप्टी मेयर को लेकर आशीष सिन्हा का नाम सामने आया था. इस बार भी उनके नाम की चर्चा तेज है. डिप्टी मेयर की कुर्सी के लिए 2019 में आशीष सिन्हा और मीरा देवी के बीच मुकाबला था. जिला प्रशासन ने वोटिंग कराई तो दोनों प्रत्याशियों को 37-37 वोट मिले थे. इसके बाद जिला प्रशासन ने टॉस किया था. टॉस जीतकर मीरा देवी डिप्टी मेयर बनीं थीं. मीरा देवी की कुर्सी जाते ही एक बार फिर आशीष सिन्हा के नाम की चर्चा तेज हो गई है. आशीष सिन्हा वार्ड नंबर 38 के पार्षद हैं.
दूसरा नाम इंद्रदीप चंद्रवंशी का है. इंद्रदीप मेयर सीता साहू के खास माने जाते हैं. वह वार्ड नंबर 48 के पार्षद हैं. तीसरा नाम मनोज जायसवाल का है. मनोज निगम की राजनीति में सक्रिय रहते हैं. वह वार्ड नंबर 67 के पार्षद हैं. इसके साथ ही दो महिला पार्षदों के नाम की भी चर्चा है. पहला नाम वार्ड संख्या 22 (B) की पार्षद सुचित्रा सिंह का है. निगम प्रशासन की राजनीति में उनकी अच्छी पकड़ है. वह मेयर की करीबी बताई जाती हैं. वहीं, वार्ड संख्या 14 की पार्षद श्वेता राय भी डिप्टी मेयर की कुर्सी के लिए दावेदार मानी जा रहीं हैं.
मीरा देवी की कुर्सी जाने के बाद विपक्षी पार्षद भी डिप्टी मेयर की कुर्सी के लिए नाम तय करने में लगे हैं. विपक्षी पार्षदों को मेयर गुट के उम्मीदवार का नाम सामने आने का इंतजार है. मेयर गुट की तरफ से कोई महिला डिप्टी मेयर पद की दावेदार होगी तो विपक्षी पार्षद भी किसी महिला पार्षद को ही आगे रखेंगे. बता दें कि नियमानुसार 30 दिन के अंदर डिप्टी मेयर का पद भरना होता है. जिला प्रशासन की तरफ से अभी डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर घोषणा नहीं हुई है.
दूसरी ओर पूर्व डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू ने मेयर सीता साहू पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. विनय ने कहा, 'जब से सीता साहू मेयर बनी हैं तब से नगर निगम में भ्रष्टाचार हो रहा है. मानव बल की प्रतिनियुक्ति आउट सोर्स के माध्यम से की जाती है, लेकिन गाड़ियों की खरीद नगर निगम द्वारा की जाती है. वाहन कंपनियों से कमीशन वसूला जाता है. नगर निगम सीधा कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति नहीं कर प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से प्रतिनियुक्ति करता है. नगर निगम के कर्मचारियों को प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से वेतन दिया जाता है. मेयर एजेंसी से कमीशन की उगाही कर रहीं हैं.
"मेयर सीता साहू द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. मैं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से इसकी मांग करता हूं. पटना नगर निगम में आउटसोर्सिंग के नाम पर कितना घालमेल हो रहा है इसकी जांच होनी चाहिए. आउटसोर्स से वाहन मंगाना चाहिए था. कर्मचारी पटना नगर निगम का होना चाहिए. मजदूर की गिनती, वाहन में तेल डालने और वाहन के रख-रखाव में कमीशनखोरी की जा रही है."- विनय कुमार पप्पू, पूर्व डिप्टी मेयर, पीएमसी
विनय कुमार पप्पू द्वारा लगाये गए आरोप पर मेयर सीता साहू से कहा कि वे मुझपर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. विनय जब 2017 में डिप्टी मेयर थे तभी से आउटसोर्सिंग से काम कराये जा रहे हैं. इसमें उनकी भी सहमति थी. वह डिप्टी मेयर के पद से हट गए तो आरोप लगा रहे हैं. बता दें कि नगर निगम द्वारा कर्मचारी को आउट सोर्स पर बहाल किया जा रहा है. इसको लेकर चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी संघ के लोग विरोध कर रहे हैं.
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