पटनाः लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के चुनाव चिह्न 'बंगला' को चुनाव आयोग के द्वारा फ्रीज किए जाने के बाद केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) और एलजेपी सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) की राह मुश्कलों से घिर गई हैं. पार्टी के सिंबल को जब्त किए जाने के साथ ही बिहार की सियासत भी गर्म हो गई है.
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चुनाव आयोग के फैसले के बाद चिराग और पशुपति कुमार पारस के बीच की लड़ाई खत्म नहीं हुई बल्कि और गहरा गई है. इसके बाद बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने इसके लिए सीधे-सीधे बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है. आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बीजेपी के इशारे पर ही यह सबकुछ हो रहा है.
"भाजपा दलित राजनीति को भड़काना चाहती है. बीजेपी यह नहीं चाहती है कि बिहार में कोई दलित नेता मजबूती से उभरे. इस तरह की राजनीति में उसे महारथ हासिल है. बीजेपी के इशारे पर ही एलजेपी में यह सब कुछ हुआ है. हालांकि, यह एलजेपी का आंतरिक मामला है. इस बारे में एलजेपी के नेता ही बेहतर बता सकते हैं. "- एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता
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"चुनाव आयोग की अपनी प्रक्रिया है. आयोग ने बंगला को फ्रीज किया है, आगे रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि बंगले पर अधिकार किसका है. लेकिन आरजेडी के आरोपों पर हम तो कहेंगे कि 'जाकि रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिंह तैसी'. आरजेडी पूरी तरह से कुचक्र से घिरी हुई है. उसे सबकुछ कुचक्र से ही घिरी हुई दिखाई देती है."- अरविंद सिंह, बीजेपी प्रवक्ता
बता दें कि चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच लोजपा पर दावेदारी की छिड़ी लड़ाई के बीच शनिवार को चुनाव आयोग ने पार्टी सिंबल को फ्रीज कर दिया है. आयोग ने इसे लेकर अंतरिम आदेश जारी किया है. अब दोनों ही गुट चुनाव चिह्न का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.