पटना : लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर अब अपने राज्य आने लगे हैं, ऐसे में कोरोना संक्रमण फैले नहीं जिसको लेकर राज्य सरकार ने सभी प्रवासी लोगों को 21 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रख रही है. ताकि संक्रमण फैले नहीं, लेकिन क्वॉरेंटाइन सेंटर पर मीडिया को जाने पर पाबंदी लगा दी गई है. जिसको लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हैं, आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि गरीबों को क्वारंटाइन सेंटर में रखने के नाम पर सरकार लूट मचाने वाली है और यह लूट की खबरे न निकले इसलिए मीडिया पर पाबंदी लगा दी गई है.
'मीडिया को क्वॉरेंटाइन सेंटर पर जाने दिया जाए'
आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने दावा किया है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में गरीबों के लिए सरकार ने कुछ भी व्यवस्था नहीं की है. वहां पर लोगों को खाना बांसी दिया जा रहा है. वहीं, कई जिलों में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर पर तो भोजन बन ही नहीं रहा है. क्वॉरेंटाइन सेंटर के नाम पर लूट मचा हुआ है और सरकार लूट मचा आ रही है. इसका गवाह है कि मीडिया को सरकार ने वहां पर पाबंदी लगा दी है.
यदि सेंटर पर मीडिया जाती, तो वहां की वस्तु स्थिति हालात को बताती कि सरकार द्वारा सेंटर में क्या-क्या व्यवस्था की गई है. यदि सरकार इस तरह की व्यवस्था नहीं की होगी, तो सरकार का भंडा फूट जाएगा. इसलिए मीडिया पर सरकार ने पाबंदी लगा दी है. वहीं, भाई वीरेंद्र ने सरकार से मांग की है कि मीडिया को क्वॉरेंटाइन सेंटर पर जाने दिया जाए, तभी वहां के हालात के बारे में लोगों को पता चलेगा कि सरकार की तरफ से वहां पर उनके परिजनों के लिए क्या व्यवस्था की गई है.
'बिहार के सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर पर की गई है अच्छी व्यवस्था'
विपक्ष के आरोप पर बीजेपी के प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने सफाई दी है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में जाने से इसलिए मीडिया पर पाबंदी लगा दी गई है, ताकि संक्रमण का खतरा और अधिक बड़े नहीं क्योंकि पत्रकार हर लोगों के पास जाते हैं. नेता से लेकर आमजन तक जाते हैं. यदि यही संक्रमित हो जाएंगे, तो और लोग भी संक्रमण का शिकार हो सकते हैं. इसलिए सरकार ने इस हित को ध्यान में रखते हुए क्वॉरेंटाइन सेंटर पर मीडिया को जाने से पाबंदी लगा दी गई है. नवल किशोर यादव ने दावा किया है कि बिहार में जितने भी क्वॉरेंटाइन सेंटर है. सभी जगह अच्छी व्यवस्था की गई है, लेकिन विपक्ष हमेशा से ही नकारात्मक राजनीति करते आ रहा है. इसलिए वह इस तरह फिर सवाल उठा रहे हैं.
'मीडिया पर इस तरह की रोक सरकार के लिए ठीक नहीं'
क्वॉरेंटाइन सेंटर पर मीडिया की पाबंदी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार मणिकांत ठाकुर ने कहा है कि मीडिया पर इस तरह की रोक सरकार के लिए ठीक नहीं है. लोगों में और शक पैदा होगा. लोग समझेंगे कि सरकार की तरफ से वहां कुछ व्यवस्था नहीं की गई है. सरकार कुछ छुपाना चाहती है. वहां खाने-पीने की व्यवस्था नहीं है. इसलिए इस तरह का पाबंदी लगा दी गई है.
'समय आने पर जनता देगी जवाब'
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि मीडिया ही इस समय में लोगों को सारी जानकारी दे रही है और राज्य सरकार ने मीडिया पर प्रतिबंध लगाया है. ऐसा बिहार में पहली बार हुआ है और इसका खामियाजा नीतीश सरकार को भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेन्टर पर पूरी तरह से असुविधा है. लोग परेशान है और अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए सरकार ने मीडिया को वहां जाने से रोका है. हमें आश्चर्य हुआ जब मुख्य सचिव का पत्र हमने देखा, जिसमे क्वॉरेंटाइन सेन्टर पर मीडिया पर प्रतिबंध लगाया गया है, निश्चित तौर पर यह दुर्भाग्यपूर्ण है. जनता सब देख रही है. समय आने पर जनता इसका जवाब देगी.