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शिक्षकों को लेकर बिहार की गर्मायी राजनीति, सभी दल कर रहे हैं वोटर्स को लुभाने की कोशिश - BJP

समान काम समान वेतन मामले में शिक्षकों के उम्मीद को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया. इसके बाद बिहार की राजनीति गर्मा गई है. सभी दल अपने को शिक्षकों के हितैषी बताने में लगे हैं.

पटना
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Published : May 11, 2019, 4:37 PM IST

पटना: शिक्षकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने के बाद बिहार की राजनीति गर्मा गई है. दो चरण के चुनाव अभी बाकी है. सभी दल इस मुद्दों को राजनीतिक रूप से भुनाने में लगे हैं. इसके बाद विपक्ष अपनी सरकार में सामन काम सामान वेतन लागू करने की बात कह रही है. वहीं, सरकार अपने आप को शिक्षकों का सबसे बड़ा हितैषी बता रहा है.

इस मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहना कि समान काम के बदले समान वेतन मिलना चाहिए. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनको समान काम के बदले समान वेतन देने को तैयार नहीं है. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार ने ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. महागठबंधन की सरकार आती है तो शिक्षकों को अंधेरे से बाहर निकालेंगे. शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देंगे.

पहली प्राथमिकता शिक्षकों को ही रहेगी

कांग्रेस का भी इस मुद्दा पर राजद जैसा ही आलाप है. कांग्रेस नेता रामदेव राय ने कहा कि शिक्षकों को समान काम समान वेतन तो संविधान में मौलिक अधिकार है. समान काम के लिए समान वेतन देना चाहिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मैं कुछ टिप्पणी तो नहीं कर सकता हूं. समान काम के आधार पर पुराने शिक्षक के तौर पर नए शिक्षक को भी सामान वेतन मिलना चाहिए. महागठबंन की सरकार आएगी तो हमारी पहली प्राथमिकता शिक्षकों के लिए रहेगी.

शिक्षक मामले में बयानबाजी

एनडीए सरकार ही शिक्षकों को सम्मान देगा
वहीं, बीजेपी नेता नितिन नवीन ने कहा की शिक्षकों को जो सम्मान मिलेगा वह एनडीए गठबंधन की सरकार में ही मिलेगा. इसके साथ ही तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि तेजस्वी यादव शिक्षकों को लेकर अब राजनीति रोटियां सेकना शुरू कर दिए हैं. तेजस्वी यादव कुछ दिनों के लिए बॉलीवुड का सफर तय कर ले. वहीं डायलॉग बोलते. लेकिन शिक्षकों को पता है कि बड़ी तादाद में एनडीए सरकार ने ही उनकी बहाली की थी. राजद के समय में चरवाहा विद्यालय ही बनवाया गया था. इसलिए उनसे शिक्षकों को कोई उम्मीद नहीं है.

पटना: शिक्षकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने के बाद बिहार की राजनीति गर्मा गई है. दो चरण के चुनाव अभी बाकी है. सभी दल इस मुद्दों को राजनीतिक रूप से भुनाने में लगे हैं. इसके बाद विपक्ष अपनी सरकार में सामन काम सामान वेतन लागू करने की बात कह रही है. वहीं, सरकार अपने आप को शिक्षकों का सबसे बड़ा हितैषी बता रहा है.

इस मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहना कि समान काम के बदले समान वेतन मिलना चाहिए. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनको समान काम के बदले समान वेतन देने को तैयार नहीं है. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार ने ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. महागठबंधन की सरकार आती है तो शिक्षकों को अंधेरे से बाहर निकालेंगे. शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देंगे.

पहली प्राथमिकता शिक्षकों को ही रहेगी

कांग्रेस का भी इस मुद्दा पर राजद जैसा ही आलाप है. कांग्रेस नेता रामदेव राय ने कहा कि शिक्षकों को समान काम समान वेतन तो संविधान में मौलिक अधिकार है. समान काम के लिए समान वेतन देना चाहिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मैं कुछ टिप्पणी तो नहीं कर सकता हूं. समान काम के आधार पर पुराने शिक्षक के तौर पर नए शिक्षक को भी सामान वेतन मिलना चाहिए. महागठबंन की सरकार आएगी तो हमारी पहली प्राथमिकता शिक्षकों के लिए रहेगी.

शिक्षक मामले में बयानबाजी

एनडीए सरकार ही शिक्षकों को सम्मान देगा
वहीं, बीजेपी नेता नितिन नवीन ने कहा की शिक्षकों को जो सम्मान मिलेगा वह एनडीए गठबंधन की सरकार में ही मिलेगा. इसके साथ ही तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि तेजस्वी यादव शिक्षकों को लेकर अब राजनीति रोटियां सेकना शुरू कर दिए हैं. तेजस्वी यादव कुछ दिनों के लिए बॉलीवुड का सफर तय कर ले. वहीं डायलॉग बोलते. लेकिन शिक्षकों को पता है कि बड़ी तादाद में एनडीए सरकार ने ही उनकी बहाली की थी. राजद के समय में चरवाहा विद्यालय ही बनवाया गया था. इसलिए उनसे शिक्षकों को कोई उम्मीद नहीं है.

Intro:शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन को लेकर राजनीति शुरू हो गई है तेजस्वी यादव ने कहां है कि हमारी सरकार बदलेगी तो शिक्षकों को अंधेरे से बाहर निकालेंगे तो वही बीजेपी ने कहा की शिक्षकों को जो सम्मान मिलेगा तो एनडीए गठबंधन की सरकार में ही उन्हें सम्मान मिलेगा...


Body:पटना--- यूं तो पूरे देश में लोकसभा चुनाव का अंतिम दौर चल रहा है शेष दो चरणों में मतदान होना बाकी है बिहार में भी दो चरणों का मतदान होना अभी बाकी है लेकिन उससे पहले सुप्रीम कोर्ट के द्वारा शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन को लेकर जो फैसला आया है उसको लेकर बिहार की राजनीति अब शुरू हो गई है एक तरफ जहां शिक्षक अपने में रणनीति पर काम कर रहे हैं तो दूसरी तरफ राजनीतिक पार्टियां उनका श्रेय लेने के लिए भीड़ गई है 12 मई को छठ में चरण का मतदान होना है उसको लेकर तेजस्वी यादव ने शिक्षकों को लेकर कि उन्हें समान काम के बदले समान वेतन मिलना चाहिए लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनको समान काम के बदले समान वेतन देने को तैयार नहीं है यह सबको पता है जब हाईकोर्ट ने उन्हें समान काम के बदले समान वेतन देने का आदेश दिया था हाई कोर्ट के फैसले को लेकर सरकार ने ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और नीतीश कुमार बीजेपी के साथ मिलकर शिक्षकों को जो जायज मांग की उसको लेकर के कोर्ट में खिलाफत किया लेकिन जब हम लोगों की सरकार आएगी तो शिक्षकों को अंधेरे से बाहर निकालने का काम करेंगे

वहीं महागठबंधन में शामिल कांग्रेस पार्टी के नेता रामदेव राय ने कहा कि शिक्षकों के समान काम के बदले समान वेतन को लेकर कहा कि यह तो संविधान में हम लोगों का मौलिक अधिकार है समान काम के लिए समान वेतन देना लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मैं कुछ टिप्पणी तो नहीं कर सकता लेकिन यह सब को अधिकार है कि समान काम के बदले समान वेतन मिले क्योंकि पुराने शिक्षक और नए शिक्षक पढ़ाते हैं एक ही स्कूल में दो तरह के नियम कैसे लागू हो सकते हैं जब हमारी सरकार आएगी तो हमारी पहली प्राथमिकता शिक्षकों के लिए कर दी होगी। चुकी शिक्षक ही देश का भविष्य बनाते हैं इसलिए सबसे पहले देश में शिक्षकों की सबसे बड़ी साथ रिश्ता होनी चाहिए


तो वहीं बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहां की तेजस्वी यादव शिक्षकों को लेकर अब राजनीति रोटियां सेकना शुरू कर दिए हैं अब तेजस्वी यादव कुछ दिनों के लिए बॉलीवुड का सफर तय कर ले के डायलॉग कैसे बोलना है लेकिन उन्हें भी पता है कि इतनी बड़ी तादाद में एनडीए सरकार ने ही उनकी बहाली करवाई थी और आप की सरकार में एक भी बहाली शिक्षकों की नहीं हुई थी इसलिए शिक्षकों का सम्मान बीजेपी और जदयू की सरकार ही दे सकती हैं आपके रीजन में तो एक चरवाहा विद्यालय ही बनवाए थे वैसे सरकार से उन्हें उम्मीद नहीं है।


बाइट--तेजस्वी यादव नेता आरजेडी
बाइट-- रामदेव राय नेता कांग्रेस

बाइट-- नितिन नवीन नेता बीजेपी


Conclusion: आपको बता दें कि कल छठ में चरण का मतदान होना है लेकिन उससे पहले शिक्षकों के समान काम के बदले समान वेतन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ा झटका दिया है ऐसे में शिक्षकों का गुस्सा सरकार के प्रति सातवें आसमान पर हैं अब देखना है कि शिक्षकों का रुख क्या होता है
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