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विपक्ष का आरोप अपराध नियंत्रण पर सरकार है फेल, JDU की जवाब- सुशासन से कोई समझौता नहीं

समाजशास्त्री बीएन प्रसाद का कहना है कि सरकार और पुलिस प्रशासन के बल पर अपराध पर नियंत्रण नहीं हो सकता है. इसके लिए बेरोजगारी को कम करने होंगे

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Published : Feb 4, 2020, 5:59 AM IST

पटना
पटना

पटना: बिहार में आपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ रही है. एनसीआरबी के आंकड़े भी इस बात की सबूत है. इसको लेकर विपक्ष सरकार को लगातार घेर रहा है. वहीं, एनडीए इस मुद्दे पर सरकार की बचाव करते दिख रहा है.

राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि बिहार में अपराध पूरी तरह बेलगाम हो गया है. हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. शराबबंदी भी विफल साबित हुआ, लोग खुद को महफूज नहीं महसूस कर रहे हैं. प्रदेश में दहेज के लिए महिलाओं की हत्या सबसे ज्यादा हो रही है.

पेश है रिपोर्ट

'इस सरकार में सभी सुरक्षित हैं'
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि नितीश कुमार सुशासन के साथ कोई समझौता नहीं करते हैं. इस सरकार में अपराध पर लगाम लगाना हमेशा से प्राथमिकता रही है. बिहार प्रति लाख संख्या में अपराध की तालिका के मामले में 29 वीं नंबर पर है. एनडीए सरकार में बिहार की हालत बहुत हद तक बदल गया है. विपक्ष सिर्फ हमला करता है. लेकिन इस सरकार में सभी सुरक्षित हैं. साथ ही लगातार पुलिस व्यवस्था को तंदुरुस्त किया जा रहा है.

पटना
समाजशास्त्री बीएन प्रसाद

ये भी पढ़ें: इंटरमीडिएट परीक्षा: पहले दिन 91 परीक्षार्थी कदाचार के आरोप में निष्कासित

'बेरोजगारी को कम करना है जरूरी'
बीजेपी पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि कुछ घटनाएं जरूर हुई हैं. लेकिन नीतीश कुमार विधि व्यवस्था को लेकर सख्त हैं. अपराध पर काबू पाने की कोशिश जारी है. पुलिस को भी चुस्ती बरतने की जरूरत है. वहीं, समाजशास्त्री बीएन प्रसाद का कहना है कि सरकार और पुलिस प्रशासन के बल पर अपराध पर नियंत्रण नहीं हो सकता है. इसके लिए बेरोजगारी को कम करने होंगे और साथ ही शिक्षा के स्तर में भी सुधार करने की जरूरत है.

पटना: बिहार में आपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ रही है. एनसीआरबी के आंकड़े भी इस बात की सबूत है. इसको लेकर विपक्ष सरकार को लगातार घेर रहा है. वहीं, एनडीए इस मुद्दे पर सरकार की बचाव करते दिख रहा है.

राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि बिहार में अपराध पूरी तरह बेलगाम हो गया है. हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. शराबबंदी भी विफल साबित हुआ, लोग खुद को महफूज नहीं महसूस कर रहे हैं. प्रदेश में दहेज के लिए महिलाओं की हत्या सबसे ज्यादा हो रही है.

पेश है रिपोर्ट

'इस सरकार में सभी सुरक्षित हैं'
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि नितीश कुमार सुशासन के साथ कोई समझौता नहीं करते हैं. इस सरकार में अपराध पर लगाम लगाना हमेशा से प्राथमिकता रही है. बिहार प्रति लाख संख्या में अपराध की तालिका के मामले में 29 वीं नंबर पर है. एनडीए सरकार में बिहार की हालत बहुत हद तक बदल गया है. विपक्ष सिर्फ हमला करता है. लेकिन इस सरकार में सभी सुरक्षित हैं. साथ ही लगातार पुलिस व्यवस्था को तंदुरुस्त किया जा रहा है.

पटना
समाजशास्त्री बीएन प्रसाद

ये भी पढ़ें: इंटरमीडिएट परीक्षा: पहले दिन 91 परीक्षार्थी कदाचार के आरोप में निष्कासित

'बेरोजगारी को कम करना है जरूरी'
बीजेपी पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि कुछ घटनाएं जरूर हुई हैं. लेकिन नीतीश कुमार विधि व्यवस्था को लेकर सख्त हैं. अपराध पर काबू पाने की कोशिश जारी है. पुलिस को भी चुस्ती बरतने की जरूरत है. वहीं, समाजशास्त्री बीएन प्रसाद का कहना है कि सरकार और पुलिस प्रशासन के बल पर अपराध पर नियंत्रण नहीं हो सकता है. इसके लिए बेरोजगारी को कम करने होंगे और साथ ही शिक्षा के स्तर में भी सुधार करने की जरूरत है.

Intro:बिहार में आपराधिक घटनाएं साल दर साल बढ़ रही है शराबबंदी लागू होने के बाद भी अपराध के दर में कमी नहीं आई एनसीआरबी के आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि अपराध पर लगाम लगाने में पुलिस नाकामयाब साबित हुई राज्य में बढ़ रही बेरोजगारी बढ़ रही आपराधिक घटनाओं के पीछे मुख्य वजह है।


Body:अप्रैल 2016 को बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई थी श्री नीतीश कुमार ने दावे किए थे कि शराबबंदी के बाद राज में आपराधिक घटनाओं में कमी आएगी लेकिन 2016 के मुकाबले 2017 में अपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई और 2017 के मुकाबले 2018 में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई।
बिहार में साल 2016 में जहां 2581 हत्या के मामले दर्ज हुए वहीं 2017 में कुल 2803 हत्या के मामले दर्ज हुए 2018 में आंकड़ा बढ़कर 2934 हो गया । 2016 के मुकाबले 2017 में 222 हत्या के मामले बढ़े और 2017 के मुकाबले 2018 में 131 हत्या के मामले में बढ़ोतरी हुई । हत्या के मामले में बिहार दूसरे स्थान पर है ।
अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध के मामले में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है साल 2016 में जहां 5701 मामले दर्ज हुए वहीं 2017 में 6746 मामले दर्ज हुए और आंकड़ा 2018 में 7061 तक पहुंच गया अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद बिहार दूसरे स्थान पर है।
दंगों के मामले में बिहार देश में अव्वल रहा साल 2016 में जहां 11617 मामले दर्ज हुए वहीं 2017 में 11698 मामले दर्ज किए गए हालांकि साल 2018 में 1422 मामलों की कमी आई और कुल 10276 मामले दर्ज किए गए । महिला उत्पीड़न और दहेज हत्या के मामले में बिहार उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है । बलात्कार के मामले में बिहार साला के चौथे स्थान पर है लेकिन घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं साल 2016 में जहां 321 मामले दर्ज हुए वहीं साल 2017 में संख्या बढ़कर 605 हो गई और दो हजार अट्ठारह में आंकड़ा 651 पहुंच गया ।



Conclusion:बिहार पुलिस अपराध पर नियंत्रण स्थापित करने के बजाए आंकड़ों की बाजीगरी में जुटी है । पुलिस मुख्यालय एनसीआरबी के आंकड़े को व्यावहारिक नहीं मानती है । पुलिस मुख्यालय के मुताबिक हत्या के मामले में साल 2017 में बिहार नव्या स्थान पर था लेकिन साल 2018 में बिहार का स्थान 11वां रहा। पुलिस मुख्यालय का तर्क यह है कि आपराधिक ग्राफ राष्ट्रीय औसत के मुकाबले कम है।
विपक्ष सरकार की नाकामयाबी को लेकर हमलावर है राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी का कहना है कि अपराध पूरी तरह बेलगाम है हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और शराबबंदी भी विफल साबित हुआ है लोग खुद को महफूज नहीं महसूस कर रहे हैं ।
बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर भाजपा चिंतित है पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि कुछ घटनाएं जरूर हुए हैं लेकिन नीतीश कुमार विधि व्यवस्था को लेकर सख्त हैं और अपराध पर काबू पाने की कोशिश जारी है निखिल आनंद ने पुलिस को भी चुस्ती बरतने की हिदायत दी है।
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि नितीश कुमार सुशासन के साथ कोई समझौता नहीं करते हैं और यह हमारे सरकार की यूएसपी है । राजीव रंजन ने कहा कि बिहार प्रति लाख संघीय अपराध की तालिका के मामले में 29 में नंबर पर है और तमाम आपराधिक आंकड़ों के लिहाज से भी बिहार विश्व में स्थान के बाद ही है इस लिहाज से सरकार और पुलिस प्रशासन अपराध पर लगाम लगाने की सकारात्मक कोशिश कर रही है।
समाजशास्त्री बीएन प्रसाद का कहना है कि सरकार या पुलिस प्रशासन के बल पर अपराध पर नियंत्रण स्थापित नहीं हो सकता अपराध पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए बेरोजगारी को कम करने होंगे और साथ ही शिक्षा के स्तर में भी सुधार करने पड़ेंगे। बीएन प्रसाद ने कहा कि जेपी युवा शक्ति के सकारात्मक उपयोग पर जोर देते थे लेकिन आज उनके अनुयाई उनके सपनों को सच नहीं कर पा रहे हैं ।
सवाल यह उठता है कि क्या शराबबंदी आज की तारीख में सफल है अगर सफल है तो नीतीश कुमार के दावों का क्या हुआ सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि शराब बंदी लागू होने के बाद से अपराधिक घटनाओं में कमी आएगी लेकिन आंकड़े इस बात की गवाही नहीं देते
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