पटनाः बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (Bihar State Religious Trust Board) अब बिहार के मठ मंदिरों से टैक्स वसूलने की तैयारी में है. इसके लिए सभी सार्वजनिक मंदिरों को धार्मिक न्यास बोर्ड के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सभी मंदिरों का संचालन न्यास बोर्ड के नियम के अनुसार होगा और सभी को प्रतिशत टैक्स देना होगा.
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बताते चलें कि बिहार में 4500 के आसपास मंदिर ऐसे हैं, जिसका न्यास बोर्ड में रजिस्ट्रेशन हो चुका है. वहीं करीब 10,000 से ज्यादा मंदिर ऐसे हैं जिनका रजिस्ट्रेशन न्यास बोर्ड में अब तक नहीं हुआ है. न्यास बोर्ड की नजर वैसे मंदिरों पर है जो निजी कब्जे में हैं, लेकिन मंदिर सार्वजनिक है.
इस मुद्दे पर बिहार के विभिन्न राजनैतिक दलों की अपनी-अपनी राय है. भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने कहा है कि न्यास बोर्ड ने फैसला जरूर लिया है, लेकिन हम कोशिश करेंगे कि टैक्स मंदिरों से नहीं वसूला जाए. जिस तरीके से दूसरे धर्मों को सरकार सहायता देती है उसी तरीके से सनातनी धर्म को भी सरकारी सहायता मिले. सरकार ही इस राशि का वहन करे.
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वहीं, राजद विधायक आलोक मेहता ने न्यास बोर्ड के फैसले पर सहमति जताई है. उन्होंने मंदिरों से टैक्स वसूलने को सही बताते हुए कहा कि इस राशि से मंदिरों का विकास हो सकेगा.
हालांकि, भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय ने ऐसे किसी फैसले पर अपनी सहमति नहीं दी है. उन्होंने कहा कि इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन विचार चल रहा है. अगर टैक्स वसूला जाता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है. न्यास बोर्ड भी आर्थिक रूप से मजबूत होगा और मंदिर का विकास भी हो सकेगा. मंदिर के संपत्ति का दुरुपयोग भी कम होगा.
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