पटना: जनता दल यूनाइटेड पहले भी कई राज्यों में चुनाव लड़ चुकी है. नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों के साथ उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गुजरात, झारखंड जैसे राज्यों में जदयू विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी है. हालांकि अधिकांश राज्यों में पार्टी का अब तक प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है. उम्मीदवारों की जमानत तक बचाना मुश्किल हो गया.
MP विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू की तैयारी: मणिपुर,अरुणाचल, नागालैंड जैसे राज्यों में जदयू जरूर विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करती रही है. अरुणाचल और मणिपुर में पार्टी को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा भी प्राप्त है. हालांकि इसके बाद भी जदयू को अब तक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं मिल सका है और पार्टी इसलिए लगातार दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ रही है. एक राज्य में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा तो जदयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त हो सकता है और इस कवायद में जदयू लगी है.
I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद चुनाव अहम: इस साल राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुनाव होना है. बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की लड़ाई है. ऐसे तो लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्षी एकजुटता की मुहिम नीतीश कुमार ने ही शुरू की है. अगली बैठक मुंबई में होने वाली है और दो बैठक अब तक हो चुकी है. ऐसे में बीजेपी के खिलाफ इंडिया गठबंधन की मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में क्या भूमिका होगी यह देखने वाली बात होगी.
शिवराज सिंह चौहान को चुनौती देंगे नीतीश: फिलहाल जदयू मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है. कितने सीटों पर पार्टी लड़ेगी यह फैसला नहीं हुआ है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री इस पर अंतिम फैसला लेंगे, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आफाक खान ने कहा है कि मध्य प्रदेश में हम लोग चुनाव लड़ेंगे. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं. पार्टी कितने सीटों पर लड़ेगी इस पर अफाक खान का कहना है कि अभी कुछ भी फैसला नहीं हुआ है. पार्टी की ओर से फैसला होते ही जानकारी आप लोगों को देंगे. वहीं पार्टी प्रवक्ता राहुल राज का कहना है कि विपक्षी एकजुटता के लिए इंडिया गठबंधन के तहत जो भी फैसला होगा हम लोग उसके साथ जाएंगे.
"देश में हमारा नया गठबंधन इंडिया बना है. हमारा मिशन साफ है. देश में अलोकतांत्रिक शक्तियां जो कार्य कर रही हैं, उनको सत्ता से उखाड़ कर फेंकना है. जो भी आपसी सामंजस्य से निर्णय होगा हमलोग उसको फॉलो करेंगे."- राहुल राज, जेडीयू प्रवक्ता
BJP ने कसा तंज: जदयू के मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने की चर्चा पर बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल तंज कसते हुए कहते हैं कि जदयू पहले भी कई राज्यों में चुनाव लड़ चुकी है. लेकिन उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बचा सके. मध्यप्रदेश में भी चुनाव लड़ लें. वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि जदयू का मध्य प्रदेश में कोई बहुत जनाधार नहीं है. पार्टी पहले भी कई राज्यों में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए चुनाव लड़ती रही है.
"पहले भी पूरी तैयारी के साथ कई राज्यों में चुनाव लड़ने का ऐलान जेडीयू कर चुकी है. लेकिन बाद में चुनाव नहीं भी लड़ी है. ऐसा कई बार किया गया है. चुनाव लड़ने का सपना देखना तो अच्छी बात है लेकिन फैसला चुनाव में जनता करती है."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता भाजपा
"इस बार भी चर्चा मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने की है. इसका एकमात्र मकसद पार्टी का जनाधार बढ़ाने का हो सकता है. पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त हो जाए,उसी की कोशिश में जनता दल यूनाइटेड लगी है. ऐसा नहीं है कि मध्यप्रदेश में सीट को लेकर जदयू को कोई बहुत ज्यादा सफलता मिल जाएगी."- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने की चाहत: पिछले दो दशक से नीतीश कुमार जदयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिले प्रयास करते रहे हैं, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली है. मणिपुर विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने पूरी ताकत लगाई थी, लेकिन पार्टी का प्रदर्शन मणिपुर में भी बहुत बेहतर नहीं रहा केवल एक सीट पर उम्मीदवार की जीत हुई थी. ऐसे में देखना है कि तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी मध्य प्रदेश में कितनी सीटों पर उम्मीदवार उतारती है.
बीजेपी ने किया था खेला: बता दें कि जेडीयू के पास पहले ही तीन राज्यों बिहार, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में राज्य पार्टी का दर्जा प्राप्त है. वहीं मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में भी बीजेपी ने जेडीयू के साथ खेला कर दिया और विधायकों को अपने पाले में कर लिया. फिर भी जेडीयू राष्ट्रीय पार्टी बनने के बहुत करीब है. एक राज्य में राज्य पार्टी का दर्जा जदयू को चाहिए. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार चल रही है. मणिपुर विधानसभा में 6 सीट जीतकर 10.77 फीसदी वोट हासिल किया. अरुणाचल प्रदेश में सात सीटों पर जीत के साथ ही 16 प्रतिशत वोट पर पार्टी ने कब्जा किया.
राष्ट्रीय पार्टी बनने की शर्त: राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए दल को तीन राज्यों में लोकसभा की कुल दो प्रतिशत सीट हासिल होनी चाहिए. 4 अलग-अलग राज्यों में लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 6 फीसदी वोट मिला हो. लोकसभा में कम से कम 4 सीटें जीती हों . क्षेत्रीय पार्टी को चार या उससे अधिक राज्यों में राज्य पार्टी का दर्जा अनिवार्य है.